डेढ़ साल बाद लोकार्पण में भी मैं ही आऊंगा कहकर मोदी ने साफ किया-आएगी तो भाजपा ही

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सागर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सागर में संत रविदास मंदिर के भूमिपूजन पर जैसे ही कहा कि डेढ़ साल बाद मंदिर के लोकार्पण के लिए भी आऊंगा। जनता ने तालियां बजाकर स्वागत किया। इस इस बात पर भी मोहर लगी कि मध्यप्रदेश और देश में भाजपा की वापसी को लेकर मोदी तो आश्वस्त हैं ही प्रदेश की जनता भी समर्थन में है।

प्रधानमंत्री का पिछले पांच महीने में ये पांचवा मध्यप्रदेश दौरा है। उनके दौरे से प्रदेश में भाजपा संगठन को मजबूती मिल रही साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ उनका समन्वय ये भी दर्शाता है कि प्रदेश में चेहरा अभी भी शिवराज ही हैं। मोदी बोले मैं जानता हूँ भूख क्या है इसलिए चुनावी योजनाएं नहीं बनाता। पहले की सरकारें यही करती रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को प्रदेश के सागर जिले के बड़तूमा में संत शिरोमणि रविदास स्मारक और कला संग्रहालय का भूमिपूजन कर जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा – संत रविदास जी कहते थे कि समाज ऐसा हो, जिसमें कोई भूखा न रहे।

आजादी के अमृतकाल में हमारी सरकार भी देश को भूख और गरीबी से मुक्ति दिलाने का प्रयास कर रही है। कोरोना महामारी के दौरान जब सारी दुनिया में व्यवस्थाएं ठप्प हो गई थीं, तब लोग यह आशंका जताने लगे थे कि इस आपदा के दौरान देश के गरीब, दलित, आदिवासी कैसे जीवित रहेंगे। लेकिन मैंने तय किया किसी गरीब को भूखे पेट नहीं सोने दूंगा।

मोदी ने कहा भूखे रहने की तकलीफ को मैं जानता हूं और किसी गरीब का स्वाभिमान क्या होता है, यह भी मुझे पता है। हमने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया। पहले की सरकारें चुनावी मौसम को देखकर योजनाएं लाती थीं, लेकिन हमारी सोच है कि जीवन के हर पड़ाव पर देश दलितों, वंचितों, आदिवासियों, महिलाओं के साथ खड़ा रहे और उनकी आशाओं, आकांक्षाओं को सहारा दे। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए टाइम लाइन देते हुए कहा आज शिलान्यास किया है, डेढ़ साल बाद लोकार्पण के लिए भी आऊंगा। कार्यक्रम को राज्यपाल मंगू भाई पटेल व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित किया।

सामाजिक समरसता के नए युग की सौगात
मोदी ने कहा कि मुझे बनारस में संत रविदास के जन्म स्थल पर जाने का कई बार सौभाग्य मिला है और आज में यहां आप सबके बीच हूं, इस धरती से संत शिरोमणि रविदास के चरणों में नमन करता हूं। आज प्रदेश के पांच स्थानों से निकलीं समरसता यात्राओं का समागम भी हो रहा है। ये समरसता यात्राएं यहां खत्म नहीं हुई हैं बल्कि यहां से सामाजिक समरसता के एक नए युग की शुरुआत हो रही है। इन यात्राओं के माध्यम से यहां लाई गई 20,000 से ज्यादा गांवों की मिट्टी और 300 से ज्यादा नदियों का जल भी आज इस स्मारक का हिस्सा बने हैं।

इनके साथ ही समरसता भोज के लिए प्रदेश के लाखों परिवारों ने एक-एक मु_ी अनाज भी भेजा है। संतों की कृपा से मुझे इस पवित्र स्मारक के भूमि पूजन का पुण्य अवसर मिला है। संत रविदास के आशीर्वाद से मैं पूरे विश्वास से कहता हूं कि आज मैंने शिलान्यास किया है और डेढ साल के बाद जब मंदिर बन जाएगा, तो लोकार्पण के लिए भी मैं जरूर आऊंगा और संत रविदास मुझे यहां अगली बार आने का मौका अवश्य देने वाले हैं।