Shibu Soren Funeral: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन उर्फ दिशोम गुरु का आज मंगलवार को उनके पैतृक गांव नेमरा (रामगढ़) में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, उन्हें मुखाग्नि उनके छोटे बेटे बसंत सोरेन देंगे।
अंतिम संस्कार से पहले उनका पार्थिव शरीर मोरहाबादी स्थित आवास से झारखंड विधानसभा लाया गया है, जहां आमजन और नेताओं को अंतिम दर्शन की अनुमति दी गई है।
झारखण्ड विधानसभा में वीर योद्धा, महान समाज सुधारक, झारखण्ड राज्य निर्माता दिशोम गुरुजी का अंतिम दर्शन pic.twitter.com/mWU6q691rn
— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) August 5, 2025
मंगलवार सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग मोरहाबादी स्थित आवास पर पहुंचे और गुरुजी को श्रद्धांजलि दी।
उनके करीबी और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद राहुल गांधी, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पूर्णिया सांसद पप्पू यादव और आप सांसद संजय सिंह रांची पहुंच चुके हैं।
पप्पू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शिबू सोरेन को आदिवासी अस्मिता और संघर्ष का प्रतीक बताया और कहा कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए।
आदिवासी अस्मिता और संघर्ष के प्रतीक
महापुरुष दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी को
भारत रत्न से सम्मानित किया जायभारत के लोकतांत्रिक इतिहास में इनसे
बड़ा कोई आदिवासी महायोद्धा नहीं हुआ
जिसने लोकतांत्रिक तरीके से आदिवासियों के
हक के लिए एक राज्य की स्थापना कराई
और मुख्यधारा की राजनीति में…— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) August 5, 2025
झारखंड में तीन दिन का राजकीय शोक
81 वर्षीय शिबू सोरेन का सोमवार सुबह 8:56 बजे दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हुआ था।
वे बीते कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे और हृदय, किडनी और फेफड़ों की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे।
इलाज के दौरान उन्हें ब्रेन स्ट्रोक और पैरालिसिस भी हुआ। हालत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
आदिवासी समाज की आवाज रहे शिबू सोरेन के निधन पर झारखंड सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया गया है और सोमवार-मंगलवार को सभी सरकारी कार्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
इसके अलावा, विधानसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
राजनीतिक संघर्ष की मिसाल थे शिबू सोरेन
शिबू सोरेन झारखंड आंदोलन की धुरी रहे। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की और राज्य के गठन में केंद्रीय भूमिका निभाई।
वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्री भी रहे और आठ बार लोकसभा सांसद रहे।
13 साल की उम्र में अपने पिता की हत्या के बाद उन्होंने जीवन को संघर्ष के रास्ते पर डाला और राजनीति को सामाजिक न्याय का हथियार बनाया।
उन्हें झारखंड में ‘दिशोम गुरु’ के नाम से जाना जाता है — जिसका अर्थ है जनजातीय समुदाय का मार्गदर्शक।
शिबू सोरेन के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई केंद्रीय और राज्य नेताओं ने गहरा शोक जताया है।
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