अनिल अंबानी के खिलाफ पर्सनल इन्सॉल्वेंसी (दिवालियापन) की कार्रवाई भी
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT), मुंबई में चल रही है
Anil Ambani Fraud- देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) और अनिल अंबानी को फ्रॉड घोषित कर दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज गुरुवार 24 जुलाई को मुंबई में अनिल अंबानी की कंपनियों से जुड़े करीब 50 स्थानों पर छापेमारी की है।
यह छापेमारी भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCom) और इसके मालिक अनिल अंबानी को ‘फ्रॉड’ घोषित किए जाने के कुछ ही दिनों बाद की गई है।
इस बात की जानकारी संसद में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में लिखित जवाब में दी ।
उन्होंने कहा कि 13 जून 2025 को SBI ने RBI की फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट गाइडलाइंस और अपनी आंतरिक
पॉलिसी के तहत इन संस्थाओं को फ्रॉड घोषित किया था। इसके बाद 24 जून 2025 को बैंक ने रिजर्व बैंक को रिपोर्ट किया और अब CBI में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया में है।
RCom पर बड़ा कर्ज
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का रिलायंस कम्युनिकेशंस पर बड़ा कर्ज बकाया है। कंपनी पर ₹2,227.64 करोड़ का फंड आधारित लोन बकाया है। जिसमें अगस्त 2016 से अब तक का ब्याज और अन्य संबंधित खर्चे भी शामिल हैं। ₹786.52 करोड़ की नॉन-फंड आधारित बैंक गारंटी भी कंपनी के नाम पर जारी की गई थी। दोनों को मिलाकर SBI की कुल क्रेडिट एक्सपोजर काफी बड़ी है ऐसे में इसे “फ्रॉड” के रूप में कैटेगराइज किया गया है। रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अपने रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि उन्हें 23 जून 2025 को SBI से एक चिट्ठी मिली है। जिसमें कंपनी और अनिल अंबानी दोनों को सूचित किया गया कि SBI ने इस लोन को फ्रॉड घोषित कर दिया है।
RCom ने लोन का उपयोग गलत तरीके से किया
जांच में पता चला है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस ने लोन का उपयोग गलत तरीके से किया है।
लोन के पैसे उस उद्देश्य के लिए खर्च नहीं किए गया, जिसके लिए लोन लिया गया था।
इसमें से करीब 13,667 करोड़ रुपए दूसरी कंपनियों के लोन चुकाने में खर्च किए।
12,692 करोड़ रुपए रिलायंस ग्रुप की दूसरी कंपनियों को ट्रांसफर किए। यह नियमों के खिलाफ था।
इसके पहले भी बैंक ने दिसंबर 2023, मार्च 2024 और सितंबर 2024 में RCom और अनिल अंबानी को शोकॉज नोटिस भेजे थे।
कंपनी अभी तक इन आरोपों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई है।
रिपोर्टस की मानें तो, बैंक कह रही है लोन की शर्तें तोड़ी गईं और खातों में अनियमितताएं पाई गईं।
वहीं SBI ने कहा कि वह RBI के मौजूदा नियमों के अनुसार अब यह मामला CBI को सौंपेगा।
अनिल अंबानी के खिलाफ पर्सनल इन्सॉल्वेंसी (दिवालियापन) की कार्रवाई भी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT), मुंबई में चल रही है।
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