Savarkar Defamation Case

Savarkar Defamation Case

सावरकर मानहानि केस: राहुल के सुरक्षा की मांग वाली याचिका वापस, बिना सहमति के दायर हुई थी पिटीशन

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Savarkar Defamation Case: पुणे की स्पेशल MP/MLA कोर्ट ने वीर सावरकर मानहानि मामले की सुनवाई की।

इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर दायर याचिका गुरुवार को वापस ले ली गई।

राहुल के वकील मिलिंद पवार ने कोर्ट में एक आवेदन देकर पिटीशन वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।

यह याचिका बुधवार को ही कोर्ट में दाखिल की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि राहुल गांधी की जान को खतरा है।

राहुल के वकील ने बताया था जान का खतरा

बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान वकील मिलिंद पवार ने कोर्ट में लिखित रूप से कहा था कि “वोट चोरी” का मामला उजागर करने के बाद राहुल गांधी की सुरक्षा को खतरा बढ़ गया है।

उन्होंने आरोप लगाया था कि सावरकर मानहानि केस के शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर, वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे परिवार से जुड़े हैं और अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर सकते हैं।

मिलिंद पवार ने यह भी कहा था कि बीजेपी नेता आरएन बिट्टू ने राहुल गांधी को “आतंकवादी” कहा था।

वही, बीजेपी नेता तरविंदर मारवाह ने सार्वजनिक रूप से धमकी दी थी कि अगर राहुल “सही व्यवहार” नहीं करेंगे तो उनका अंजाम उनकी दादी इंदिरा गांधी जैसा हो सकता है।

पवार ने कोर्ट से अपील की थी कि राज्य सरकार अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाते हुए राहुल को प्रिवेंटिव प्रोटेक्शन दे।

राहुल की सहमति के बिना दायर हुई पिटीशन

याचिका दाखिल होने और मीडिया में खबर आने के बाद कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने बयान जारी कर कहा कि यह पिटीशन राहुल की सहमति के बिना दायर की गई थी।

उन्होंने बताया कि राहुल के वकील ने बिना उनसे बात किए या अनुमति लिए कोर्ट में लिखित बयान दिया था, जिसमें उनकी जान को खतरे का हवाला दिया गया था।

इसके बाद गुरुवार सुबह पवार ने कोर्ट में याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी और कहा कि इसे राहुल की मंजूरी के बिना दाखिल किया गया था।

कांग्रेस ने साफ किया कि राहुल की सुरक्षा का मामला पार्टी के स्तर पर सरकार के सामने रखा जा सकता है।

लेकिन, कोर्ट में इस तरह की पिटीशन दाखिल करना उनका अधिकृत निर्णय नहीं था।

फिलहाल राहुल गांधी की सुरक्षा से जुड़ी याचिका वापस ले ली गई है, लेकिन मानहानि केस की कार्यवाही जारी रहेगी।

पुणे की स्पेशल MP/MLA कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 10 सितंबर को करेगी।

अब जानें पूरा मामला क्या है?

मार्च 2023 में लंदन के एक भाषण के दौरान राहुल गांधी ने बड़ा दावा किया था।

राहुल ने बताया कि वीर सावरकर ने अपनी एक किताब में लिखा था कि उन्होंने अपने 5-6 दोस्तों के साथ एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और इससे उन्हें खुशी हुई थी।

इसी भाषण को आधार बनाकर सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया।

पुणे की MP/MLA कोर्ट में यह मामला चल रहा है।

3 जुलाई को कोर्ट ने सत्यकी की उस याचिका को खारिज कर दिया था।

उन्होंने राहुल से वह पुस्तक पेश करने की मांग की थी, जिसमें यह कथित टिप्पणी दर्ज होने का दावा किया गया था।

हालांकि, तब कोर्ट ने कहा था कि राहुल को पुस्तक प्रस्तुत करने के लिए विवश नहीं किया जा सकता।

राहुल के पहले भी रहे विवादित बयान

इससे पहले राहुल गांधी ने 17 नवंबर 2022 को अकोला जिले में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सावरकर को लेकर विवादित बयान दिया था।

उन्होंने मीडिया के सामने एक चिट्ठी दिखाते हुए दावा किया था कि सावरकर ने अंग्रेजों को पत्र लिखकर माफी मांगी थी और खुद को उनका “नौकर” बनने की पेशकश की थी।

राहुल ने कहा था कि गांधी, नेहरू और पटेल जैसे नेताओं ने सालों जेल में रहकर संघर्ष किया।

लेकिन सावरकर ने डर के कारण यह चिट्ठी साइन की और गांधी- पटेल को भी ऐसा करने के लिए कहा।

इन बयानों के बाद राहुल पर कई जगहों पर मानहानि के केस दर्ज हुए।

14 जून 2023 को लखनऊ के वकील नृपेंद्र पांडे ने एडिशनल CJM कोर्ट में राहुल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई ।

इसमें आरोप था कि उन्होंने सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ और ‘पेंशनभोगी’ कहा और यह बयान समाज में नफरत फैलाने के इरादे से दिया था।

राहुल को सुप्रीम कोर्ट की फटकार

26 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी को कड़ी फटकार लगाई थी।

कोर्ट ने कहा था कि स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ कोई भी व्यक्ति गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी नहीं कर सकता।

अदालत ने चेतावनी दी थी कि अगर आगे ऐसा कोई बयान दिया गया, तो स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि, इसी सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक भी लगा दी थी, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले खारिज कर दिया था।

सावरकर मानहानि केस में राहुल गांधी की टिप्पणियां लंबे समय से बीजेपी और कांग्रेस के बीच विवाद का मुद्दा रही हैं।

बीजेपी इसे राष्ट्रवाद और स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान से जोड़ती है, जबकि कांग्रेस राहुल के बयानों को ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित बताती है।

सुरक्षा पिटीशन को लेकर भी अब राजनीतिक बहस तेज हो गई है, जिसमें बीजेपी इसे “ड्रामा” बता रही है और कांग्रेस राहुल पर खतरे को वास्तविक बता रही है।

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