Rahul Gandhi Punjab Visit

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राहुल गांधी का पंजाब दौरा: अमृतसर में बाढ़ पीड़ितों से मिले, गुरुद्वारा बीड़ बाबा बुड्ढा साहिब में माथा टेका

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Rahul Gandhi Punjab Visit: कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को पंजाब दौरे पर पहुंचे।

सुबह करीब 9:30 बजे वह अमृतसर एयरपोर्ट से सीधे गांव घोनेवाल रवाना हुए।

यह गांव हाल ही में टूटे बांध के कारण बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।

यहां किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं और कई घर डूब गए।

राहुल ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर हालात का जायजा लिया और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

इस दौरान उनके साथ पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग मौजूद रहे।

विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा और अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला भी साथ थे।

इसके बाद राहुल गुरुद्वारा बीड़ बाबा बुड्ढा साहिब पहुंचे, जहां उन्होंने माथा टेका और राज्य की खुशहाली की अरदास की।

हिमाचल नहीं जाएंगे राहुल गांधी

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर पंजाब समेत हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में बाढ़ की स्थिति पर चिंता जताई थी।

उन्होंने लिखा था कि भारी बारिश और बाढ़ से हो रही मौतें दुखद और चिंताजनक हैं।

केंद्र सरकार से अपील है कि सभी प्रभावित इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर बचाव अभियान तेज किया जाए, ताकि जनहानि कम से कम हो।

15 सितंबर यानी आज का राहुल गांधी का दौरा करीब साढ़े 6 घंटे का रहेगा।

वह अमृतसर और गुरदासपुर के बाद सीधे पठानकोट जाएंगे और वहां से स्पेशल एयरक्राफ्ट से दिल्ली लौटेंगे।

पहले यह संभावना जताई जा रही थी कि वह हिमाचल प्रदेश भी जाएंगे, लेकिन अब उनका दौरा केवल पंजाब तक ही सीमित रहेगा।

राहुल गांधी का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब पंजाब में बाढ़ से नाराजगी और आर्थिक संकट गहरा गया है।

कांग्रेस इसे एक मौके के रूप में देख रही है, जबकि केंद्र और राज्य सरकार राहत पैकेज को लेकर आमने-सामने हैं।

कांग्रेस नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी का पंजाब दौरा किसानों और बाढ़ पीड़ितों के बीच पार्टी की उपस्थिति को मजबूत करेगा।

पंजाब में बाढ़ से तबाही का मंजर

इस बार की बाढ़ ने पूरे पंजाब को झकझोर कर रख दिया है। राज्य के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में आए हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, करीब 2,097 गांव जलमग्न हो चुके हैं और अब तक 3.88 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।

प्रशासन और राहत एजेंसियां लगातार बचाव कार्य में जुटी हैं। अब तक 23 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।

कृषि क्षेत्र को भी भारी नुकसान हुआ है। लगभग 1.91 लाख हेक्टेयर में फसलें डूब चुकी हैं।

किसानों का कहना है कि उन्हें आने वाले सीजन के लिए भी नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि खेतों में पानी और रेत भर गई है।

बाढ़ से अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों के मुताबिक, पंजाब में 1988 के बाद यह सबसे भीषण बाढ़ है।

राज्य सरकार ने इसे आपदा घोषित किया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है।

जबकि किसानों को फसलों के नुकसान पर 20 हजार रुपए प्रति एकड़ देने का ऐलान किया है। साथ ही, किसानों को खेतों में आई रेत हटाने की अनुमति भी दी गई है।

केंद्र और राज्य में टकराव

पंजाब सरकार ने केंद्र से बाढ़ प्रभावितों के लिए 20 हजार करोड़ रुपए राहत पैकेज की मांग की थी।

इसके अलावा, रुके हुए 60 हजार करोड़ रुपए तुरंत जारी करने का आग्रह किया गया।

मुख्यमंत्री मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हालात की गंभीरता बताई थी।

हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने 9 सितंबर को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था।

पीएम ने गुरदासपुर में बैठक के बाद राज्य के लिए 1600 करोड़ रुपए की सहायता राशि का ऐलान किया था।

उन्होंने कहा था कि यह राशि पहले से उपलब्ध डिजास्टर मैनेजमेंट फंड (12 हजार करोड़) के अतिरिक्त है।

लेकिन, पंजाब सरकार ने इसे नाकाफी बताया और कहा कि नुकसान का पैमाना कहीं बड़ा है।

 

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