प्रियंका ने कहा- रक्षामंत्री मेरी मन के आंसू पर बोल सकते हैं लेकिन इस बात
का जवाब नहीं दे सकते कि युद्ध विराम क्यों हुआ – पहलगाम में सरकार
ने लोगों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया
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Priyanka in MP monsoon session- संसद का मानसून सत्र जारी है। दोनों सदनों में अब तक की कार्यवाही काफी हंगामेदार रही है। ऑपरेशन सिंदूर पर आज लगातार दूसरे दिन चर्चा हो रही है। कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि उन्हें राजधर्म के सिद्धांत का पालन करने के साथ पहलगाम हमले की नाकामी स्वीकार करनी चाहिए।
मानसून सत्र में प्रियंका के तेवर कहा- रक्षा मंत्री क्यों नहीं बताते युद्ध विराम क्यों हुआ
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने सदन में गृह मंत्री शाह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के कारण पहलगाम आतंकी हमला नहीं हुआ, बल्कि वर्तमान सरकार की विफलता के कारण हुआ। गोगोई ने कहा, ‘गृह मंत्री ने करीब डेढ़ घंटे के भाषण में पहलगाम हमले में मारे गए लोगों की पत्नियों से अपने विभाग की विफलता और खुफिया विफलता के लिए एक बार भी माफी नहीं मांगी।’
ऑपरेशन सिन्दूर पर बहस के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा लोकसभा में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कल रक्षा मंत्री ने एक घंटे तक भाषण दिया, आतंकवाद पर बात की, देश की रक्षा की बात की, इतिहास का पाठ भी पढ़ाया, लेकिन एक बात छूट गई – ये हमला कैसे हुआ?
उन्होंने आरोप लगाया कि पहलगाम में सरकार ने लोगों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि मैं उन सभी जवानों को नमन करना चाहती हूं, जो हमारे देश के रेगिस्तानों में, घने जंगलों में, बर्फीली पहाड़ियों में… हमारे देश की रक्षा करते हैं। जो हर पल देश के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार रहते हैं।
मानसून सत्र में प्रियंका के तेवर कहा- रक्षा मंत्री क्यों नहीं बताते युद्ध विराम क्यों हुआ
प्रियंका गांधी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने आज मेरी माँ के आँसुओं के बारे में बात की। मैं इसका जवाब देना चाहता हूँ। मेरी मां के आंसू तब गिरे, जब उनके पति को आतंकवादियों ने शहीद किया, जब वे सिर्फ 44 साल की थीं।
आज जब मैं उन 26 लोगों (पहलगाम हमले के पीड़ितों) के बारे में बात करता हूँ, तो इसलिए कि मैं उनका दर्द समझती हूँ। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हमेशा सवालों से बचने की कोशिश करती है… देश के नागरिकों के प्रति उनकी कोई जवाबदेही नहीं है। सच तो यह है कि उनके दिल में जनता के लिए कोई जगह नहीं है। उनके लिए सब कुछ राजनीति है, प्रचार है।
वायनाड से सांसद ने कहा कि आज इस सदन में बैठे ज़्यादातर लोगों को सुरक्षा कवच मिला हुआ है। लेकिन उस दिन पहलगाम में 26 लोगों को उनके परिवारों के सामने मार दिया गया था। उस दिन बैसरन घाटी में जितने भी लोग मौजूद थे, उनके पास कोई सुरक्षा नहीं थी। आप चाहे कितने भी ऑपरेशन चला लें, सच्चाई के पीछे नहीं छिप सकते।
उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी की पत्नी ने कहा- ”मैंने अपनी दुनिया को अपनी आंखों के सामने खत्म होते देखा, वहां एक सिक्योरिटी गार्ड नहीं था। मैं ये कह सकती हूं कि सरकार ने हमें वहां अनाथ छोड़ दिया था।” सवाल है कि वहां सिक्योरिटी क्यों नहीं थी, एक भी जवान क्यों नहीं था? क्या सरकार को मालूम नहीं था- वहां हर दिन 1000-1500 पर्यटक जाते हैं, वहां पहुंचने के लिए जंगल के रास्ते से जाना पड़ता है, वहां कोई चिकित्सा का इंतजाम तक नहीं था। लोग वहां इस सरकार के भरोसे गए और सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि 1948 से लेकर अब तक- जब पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर पर हमला किया गया- हमारे देश की अखंडता की रक्षा करने में हमारे जवानों का बड़ा योगदान है। उन्होंने सवाल किया कि वहां (बैसरन घाटी, पहलगाम) एक भी सुरक्षाकर्मी क्यों मौजूद नहीं था? क्या नागरिकों की सुरक्षा प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है?
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हमेशा सवालों से बचने की कोशिश करती है… देश के नागरिकों के प्रति उनकी कोई जवाबदेही नहीं है। सच तो यह है कि उनके दिल में जनता के लिए कोई जगह नहीं है। उनके लिए सब कुछ राजनीति है, प्रचार है।
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