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-सरकार को लिखे पत्र में कहा-सनातन धर्म की छवि हो रही धूमिल
Ashram money fraud case Ujjain उज्जैन। अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने अखाडा परिषद् के अध्यक्ष और मध्य प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर महामंडलेश्वर पद को खत्म करने की मांग की है। पूरा मामला कुछ इस तरह है कि निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर और चारधाम मंदिर के प्रमुख शांतिस्वरूपानंद महाराज के खिलाफ मंगलवार रात को धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज की गई। आश्रम राशि हेरा फेरी मामले में महामंडलेश्वर फंसे हैं। एक भाजपा नेता सहित अन्य 4 के खिलाफ भी शिकायतें की गई हैं। इस घटना के बाद अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और मध्य प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर महामंडलेश्वर पद पर मिलने वाली सुविधाओं को समाप्त करने और इस पद को प्रतिबंधित करने की मांग की है।
उज्जैन शहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) नितेश भार्गव ने बताया कि निरंजनी अखाड़ा (उज्जैन) के महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद महाराज, भाजपा नेता अशोक प्रजापति, महावीर प्रसाद मानसिंहका और ओमप्रकाश अग्रवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पद की गरिमा पर सवाल
अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी ने बताया कि सनातन धर्म की एकजुटता बनाए रखने के लिए आदि शंकराचार्य ने अखाड़ों की स्थापना की थी। लेकिन समय के साथ इन अखाड़ों में धनलोलुपता बढ़ती गई, जिससे सनातन धर्म की अखंडता प्रभावित हो रही है। उज्जैन में महामंडलेश्वर पद पर आसीन व्यक्ति द्वारा अवैध दस्तावेजों के माध्यम से अवैध तरीके से धन कमाने का मामला सामने आया है, जिस पर एफआईआर दर्ज की गई है। इससे महामंडलेश्वर पद की गरिमा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
भगवा के नाम पर छल कपट
महासंघ द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कुछ लोग भगवा वस्त्र धारण कर खुद को त्यागी और निर्मल बताते हैं, लेकिन वे जनता से धोखाधड़ी, अवैध कब्जे और छल-कपट करते हैं। ऐसे लोग धर्म के नाम पर समाज को गुमराह कर रहे हैं।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि इससे पहले मंदाकिनी देवी भी पैसों के लेन-देन के मामले में गिरफ्तार हो चुकी हैं और अब उज्जैन में महामंडलेश्वर शांतिस्वरूपानंद पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। महासंघ ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष से सवाल किया है कि क्या वे इस मामले में कोई कार्रवाई करेंगे?
धर्म की आड़ में गलत काम
महासंघ ने मध्य प्रदेश सरकार से विशेष अधिकारों का उपयोग कर महामंडलेश्वर पद को प्रतिबंधित करने और इस पद पर मिलने वाली सभी सुविधाओं को समाप्त करने की मांग की है। महासंघ का कहना है कि अगर इस पर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो धर्म की आड़ में ऐसी गतिविधियां बढ़ती जाएंगी।
यह है पूरा मामला
महाकाल थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि अपनी शिकायत में सोहिल पटेल ने कहा कि उपनियमों के अनुसार परमानंद महाराज उज्जैन के अखंड आश्रम न्यास के आजीवन अध्यक्ष हैं, लेकिन स्वरूपानंद महाराज ने खुद को ट्रस्ट का अध्यक्ष बताया और 2022 में उनके साथ यात्री निवास को तीन लाख रुपये प्रतिमाह किराए पर देने और शुद्ध लाभ में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी का समझौता किया।
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