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नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार आज दिल्ली के निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनका पार्थिव शरीर सेना की तोपगाड़ी पर लाया गया, जहां तीनों सेनाओं ने उन्हें सलामी दी। इस अवसर पर उनकी तीनों बेटियां – उपिंदर सिंह (65), दमन सिंह (61), और अमृत सिंह (58) भी मौजूद थीं।
अंतिम संस्कार में कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, जिनमें सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी सहित अन्य नेता उपस्थित थे। इसके अलावा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी डॉ. मनमोहन सिंह को अंतिम विदाई दी।
डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी पसंदीदा नीली पगड़ी पहनाई गई, जो उन्होंने अपनी पहचान के रूप में अपनाई थी, विशेषकर अपनी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के दिनों से।
डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया था। वे 92 वर्ष के थे और लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था, जहां रात 9:51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
कांग्रेस ने उठाया स्मारक बनाने का मुद्दा
मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के बाद कांग्रेस पार्टी ने सरकार से सवाल किया है कि देश के पहले सिख प्रधानमंत्री के सम्मान में उनका स्मारक क्यों नहीं बनाया गया। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने स्मारक बनाने के लिए स्थान तक निर्धारित नहीं किया, जो कि एक अपमानजनक कदम है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह किया था कि मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार स्थल पर उनका स्मारक बनाया जाए। हालांकि, गृह मंत्रालय ने देर रात जानकारी दी कि स्मारक के लिए उचित स्थान का चयन करने में कुछ समय लग सकता है।
देश ने खोया एक महान नेता
डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण था। उनके निधन से देश ने एक बड़े राजनेता को खो दिया है, जिनकी नेतृत्व क्षमता और दृष्टिकोण को हमेशा याद किया जाएगा। उनके अंतिम संस्कार के दौरान उनके प्रति सम्मान और श्रद्धांजलि का यह अवसर उनके संघर्ष और समर्पण को याद करने का है।