PM Modi Gujarat

PM Modi Gujarat

सरदार पटेल की 150वीं जयंती: PM मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना, बोले- नेहरू ने वंदे मातरम् का हिस्सा काटा

Share Politics Wala News

 

PM Modi Gujarat: सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को गुजरात के नर्मदा जिले के एकता नगर पहुंचे।

यहां 182 मीटर ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित की और राष्ट्रीय एकता दिवस के भव्य आयोजन में हिस्सा लिया।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और पंडित जवाहरलाल नेहरू की कश्मीर नीति पर तीखा हमला बोला।

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल चाहते थे कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा बने।

लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू के निर्णयों के कारण ऐसा नहीं हो सका।

जिसके परिणामस्वरूप कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के अवैध कब्जे में चला गया।

पटेल चाहते थे पूरा कश्मीर हमारा हो, नेहरू ने बांटा

PM मोदी ने कहा, सरदार पटेल ने 550 से अधिक रियासतों को भारत में मिलाने का जो ऐतिहासिक और अद्भुत कार्य किया, उसे दुनिया आज भी गौर से देखती है।

लेकिन दुर्भाग्य से कश्मीर के सवाल पर उनकी ही नीतियों को दरकिनार कर दिया गया।

सरदार पटेल की इच्छा थी कि कश्मीर भी पूर्ण रूप से भारत में शामिल हो, लेकिन नेहरू जी ने ऐसा होने नहीं दिया।

कश्मीर को अलग संविधान और अलग झंडे के साथ बांट दिया गया। कांग्रेस की उस गलती की आग में कश्मीर और देश दशकों तक जलता रहा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की नीतियों के कारण ही पाकिस्तान ने कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा दिया और दुनिया के सामने कश्मीर वर्षों तक अस्थिरता, हिंसा और अलगाववाद का केंद्र बन गया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा आतंकवाद और अलगाववाद के आगे झुकती रही, लेकिन उनकी सरकार ने कश्मीर को मुख्यधारा में लाने के लिए निर्णायक कदम उठाए।

उन्होंने कहा, धारा 370 की जंजीरें तोड़कर आज कश्मीर पूरी तरह भारत के साथ खड़ा है।

जो काम अंग्रेज नहीं कर पाए वो कांग्रेस ने किया

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में ‘वंदे मातरम्’ के इतिहास को भी याद किया।

उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने 1905 में बंगाल का विभाजन करवाया था, जिससे देश भर में विरोध की आग भड़क उठी।

उस समय ‘वंदे मातरम्’ भारत की एकता और स्वाभिमान की आवाज बनकर उभरा।

अंग्रेजों ने इस नारे को दबाने की भरसक कोशिश की, लेकिन वे इसमें कभी सफल नहीं हुए।

मोदी ने कहा, जो काम अंग्रेज नहीं कर पाए, वह कांग्रेस ने कर दिया।

कांग्रेस ने धार्मिक आधार पर वंदे मातरम् के एक हिस्से को हटा दिया। य

ह वही सोच है जिसने समाज में विभाजन को बढ़ाया और देश की एकता कमजोर की।

जिस दिन वंदे मातरम् को धार्मिक आधार पर काटा गया, उसी दिन देश के विभाजन की नींव रख दी गई थी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अंग्रेजों से केवल सत्ता और शासन का तरीका ही नहीं, बल्कि गुलाम मानसिकता भी विरासत में ली।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि देश आज स्वतंत्र है लेकिन मानसिक गुलामी से मुक्ति अभी भी आवश्यक है।

एकता दिवस परेड और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस परेड की सलामी भी ली।

इस बार पूरी परेड का नेतृत्व महिला अधिकारियों ने किया।

गुजरात कैडर की आईपीएस सिमरन भारद्वाज ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

BSF, CISF, ITBP, CRPF और राज्य पुलिस बलों की कुल 16 टुकड़ियों ने परेड में हिस्सा लिया।

इसके अलावा, ऑपरेशन सिंदूर में शामिल BSF के 16 पदक विजेता और CRPF के 5 शौर्य चक्र विजेता भी परेड का हिस्सा बने।

परेड गणतंत्र दिवस जैसी झांकियों के साथ आगे बढ़ी। एयरफोर्स की सूर्यकिरण टीम ने फ्लाई पास्ट किया।

कुल 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की झांकियों में उनकी संस्कृति और योगदान को प्रदर्शित किया गया।

NSG का हेल मार्च, CRPF और गुजरात पुलिस की महिला राइफल ड्रिल, BSF का डॉग शो और असम पुलिस का मोटरसाइकिल स्टंट शो भी आकर्षण का केंद्र रहा।

इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विभिन्न राज्यों की कला, नृत्य और परंपराओं का प्रदर्शन किया गया।

नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में घुसपैठ और अवैध माइग्रेशन को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया।

उन्होंने कहा, दशकों से विदेशी घुसपैठिए देश में घुसते रहे, इसकी जनसंख्या संरचना को प्रभावित करते रहे, संसाधनों पर कब्जा जमाते रहे।

लेकिन पुरानी सरकारें वोट बैंक की राजनीति के कारण इस समस्या को नजरअंदाज करती रहीं। अब देश पहली बार इस चुनौती का निर्णायक मुकाबला कर रहा है।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार का लक्ष्य भारत की पहचान और स्थायित्व की रक्षा करना है और इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश के करीब 125 जिले नक्सली हिंसा से प्रभावित थे।

लेकिन उनकी सरकार के प्रयासों से यह संख्या घटकर अब सिर्फ 11 जिलों में सीमित रह गई है।

उन्होंने कहा, देश नक्सलवाद, माओवाद और आतंकवाद पूरी तरह समाप्त होने तक चैन से नहीं बैठेगा।

कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने करोड़ों देशवासियों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई।

उन्होंने कहा, सरदार पटेल इतिहास लिखने में नहीं, इतिहास रचने में विश्वास करते थे।

आज का दिन हमें उसी संकल्प को मजबूत करने का अवसर देता है — एक भारत, श्रेष्ठ भारत

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *