PM Modi GST Reform: 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देशवासियों के लिए दो बड़े तोहफों का ऐलान किया।
पहला, दिवाली से पहले GST रिफॉर्म के जरिए आम लोगों को टैक्स में राहत देने की योजना और दूसरा, आज से लागू होने वाली “प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना”।
PM मोदी ने कहा, 15 अगस्त के दिन मैं देश के युवाओं के लिए खुशखबरी लेकर आया हूं।
हम 1 लाख करोड़ रुपए की प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना शुरू कर रहे हैं। इससे साढ़े 3 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलेगा।
इस योजना के तहत निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वाले बेटे-बेटियों को सरकार की तरफ से 15 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
वहीं, ज्यादा रोजगार देने वाली कंपनियों को भी इंसेंटिव मिलेगा।
GST रिफॉर्म- दिवाली तक टैक्स घटेगा, रोजमर्रा के सामान होंगे सस्ते
PM मोदी ने ऐलान किया कि सरकार दिवाली से पहले “नेक्स्ट जेनरेशन GST रिफॉर्म” लागू करेगी।
उन्होंने बताया कि 8 साल के अनुभव और रिव्यू के बाद टैक्सेशन को आसान और कम करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार 12% GST स्लैब को पूरी तरह खत्म करने या इस दर वाले सामानों को 5% स्लैब में लाने पर विचार कर रही है।
इससे टूथपेस्ट, बर्तन, कपड़े, जूते जैसे आम आदमी के उपयोग के उत्पाद सस्ते हो जाएंगे।
अभी GST के चार स्लैब हैं: 5%, 12%, 18% और 28%।
बदलाव के बाद मिडिल-क्लास और लोअर-इनकम फैमिली को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी।
8 साल में GST का सफर- टैक्स कलेक्शन और टैक्सपेयर्स दोनों दोगुने
1 जुलाई 2017 को GST लागू होने के समय देश में 65 लाख रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स थे, जो अब बढ़कर 1.51 करोड़ से ज्यादा हो गए हैं।
टैक्स कलेक्शन में उछाल:
- 2020-21: 11.37 लाख करोड़ रुपए
- 2024-25: 22.08 लाख करोड़ रुपए (लगभग दोगुना)
- मासिक औसत कलेक्शन: 95 हजार करोड़ से बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपए
वित्त मंत्रालय के अनुसार, GST लागू होने से टैक्स बेस मजबूत हुआ, फिस्कल पोजिशन सुधरी और टैक्स सिस्टम अधिक पारदर्शी बना।
GST का ढांचा – चार हिस्सों में बंटा
1. CGST (केंद्रीय GST): केंद्र सरकार एकत्र करती है।
2. SGST (राज्य GST): राज्य सरकारें एकत्र करती हैं।
3. IGST (एकीकृत GST): अंतरराज्यीय लेनदेन व आयात पर लागू, जिसे केंद्र और राज्य में बांटा जाता है।
4. उपकर (Cess): विशेष वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क, जैसे लग्जरी आइटम या तंबाकू।
इकोनॉमी का हेल्थ इंडिकेटर – GST कलेक्शन
विशेषज्ञों के मुताबिक, बढ़ा हुआ GST कलेक्शन मजबूत घरेलू खपत, औद्योगिक गतिविधि और कर अनुपालन का संकेत देता है।
KPMG के नेशनल हेड अभिषेक जैन के अनुसार, अब तक का हाईएस्ट GST कलेक्शन इस बात का प्रमाण है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है।
युवाओं और मिडिल क्लास के लिए दोहरी राहत
इन दोनों घोषणाओं से एक ओर युवाओं को रोजगार और वित्तीय सहायता मिलेगी, तो दूसरी ओर मिडिल-क्लास और गरीब परिवारों को रोजमर्रा की चीजों के दाम कम होने से सीधा फायदा होगा।
सरकार को उम्मीद है कि GST रिफॉर्म से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि बिजनेस सेक्टर में भी खरीद-बिक्री बढ़ेगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।
वहीं, रोजगार योजना निजी क्षेत्र को ज्यादा से ज्यादा युवाओं को नौकरी देने के लिए प्रेरित करेगी।
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