Jyoti Singh in Bihar Election: भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता और हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने अब बिहार विधानसभा चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया है।
उन्होंने साफ कहा है कि वह काराकाट विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी। यह फैसला ऐसे वक्त पर आया है जब पवन सिंह और ज्योति सिंह के बीच विवादों की चर्चा चरम पर है।
ज्योति सिंह के पिता रामबाबू सिंह ने मीडिया से कहा कि अगर पवन उसे अपना लें, तो ज्योति राजनीति नहीं करेगी। उन्होंने बताया कि बेटी का राजनीति में आने का फैसला मजबूरी का परिणाम है।
पवन सिंह का चुनाव लड़ने से इनकार
दूसरी ओर, अभिनेता और गायक पवन सिंह ने साफ किया है कि उन्होंने बीजेपी में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए शामिल नहीं हुए हैं।
उन्होंने 11 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर लिखा, न ही मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा।
मैं पवन सिंह अपने भोजपुरिया समाज को बताना चाहता हूं कि मैंने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी जॉइन नहीं की थी।
पवन सिंह पहले लोकसभा चुनाव में काराकाट सीट से मैदान में उतरने वाले थे, लेकिन विवादों के चलते उन्होंने नाम वापस ले लिया था।
अब उसी सीट से उनकी पत्नी ज्योति सिंह के उतरने से राजनीति में नई चर्चा शुरू हो गई है।
फिलहाल, काराकाट की जनता के बीच ज्योति का प्रचार अभियान शुरू हो चुका है।
उन्होंने कहा है, मैं अपने सम्मान और समाज की महिलाओं की आवाज़ बनने आई हूं। राजनीति मेरे लिए सेवा का माध्यम है।
प्रशांत किशोर और ज्योति की मुलाकात
कुछ दिन पहले ज्योति सिंह ने जन सुराज आंदोलन के प्रमुख प्रशांत किशोर (PK) से मुलाकात की थी।
तब यह कयास लगाए गए थे कि वह जन सुराज के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं।
हालांकि, अब ज्योति ने स्पष्ट किया है कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरेंगी।
मुलाकात के बाद ज्योति ने कहा था कि वह प्रशांत किशोर के पास “न्याय मांगने” गई थीं, न कि टिकट के लिए।
उन्होंने कहा था, मैं चाहती हूं कि मेरे साथ जो हुआ, वो किसी और महिला के साथ न हो।
इस पर प्रशांत किशोर ने भी कहा था कि ज्योति सिंह से कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।
लेकिन अगर उन्हें किसी तरह की धमकी या दबाव का सामना करना पड़े तो वह मदद के लिए तैयार हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पवन सिंह के लोकप्रियता क्षेत्र में उनकी पत्नी का उतरना कई दलों के समीकरण बिगाड़ सकता है।
खास तौर पर बीजेपी और जन सुराज दोनों को इसका असर महसूस होगा।
राजनीतिक समीकरण और निजी विवाद
पिछले कुछ महीनों से ज्योति सिंह जनसंपर्क अभियान में सक्रिय हैं।
अगस्त 2025 में उन्होंने काराकाट, डिहरी और नबीनगर विधानसभा क्षेत्रों में लोगों से मुलाकात की थी।
उन्होंने घर-घर जाकर महिलाओं से संवाद किया और स्थानीय मुद्दों पर चर्चा की थी।
काराकाट इलाका राजपूत बहुल क्षेत्र माना जाता है और लोकसभा चुनाव के समय भी ज्योति ने इसी क्षेत्र में पवन सिंह के लिए प्रचार किया था।
इसी दौरान लोगों से उनका सीधा संपर्क बना, जो अब उनके चुनावी अभियान की नींव बन गया है।
ज्योति सिंह ने यह भी बताया कि वह आरजेडी नेताओं से भी मिली थीं, लेकिन टिकट को लेकर बात नहीं बन पाई।
इसके बाद उन्होंने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला किया। अब उनके निर्दलीय उतरने से काराकाट विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
पवन सिंह और ज्योति सिंह के बीच विवाद पिछले कई महीनों से चर्चा में है। सोशल मीडिया पर दोनों के रिश्तों को लेकर बयानबाजी भी होती रही है।
अब जब ज्योति सिंह ने राजनीति में कदम रखा है, तो उनके निजी जीवन का असर राजनीतिक करियर पर पड़ेगा या नहीं, यह देखने वाली बात होगी।
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