Pawan Singh Bihar Elections
2025:
भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और गायक पवन सिंह ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया है।
यह घोषणा उन्होंने ऐसे समय में की है जब उनका निजी जीवन लगातार सुर्खियों में बना हुआ है।
पत्नी ज्योति सिंह से चले आ रहे विवाद के बीच सोशल मीडिया पर उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका मकसद राजनीति में पद पाना नहीं, बल्कि पार्टी के लिए निष्ठा से काम करना है।
उन्होंने कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सच्चे सिपाही हैं और रहेंगे।
पवन सिंह ने क्या कहा?
पवन सिंह ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“मैं पवन सिंह अपने भोजपुरिया समाज से बताना चाहता हूँ कि मैंने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं किया था और ना ही मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूँ और रहूँगा।”
इस बयान के साथ उन्होंने उन तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया जिसमें कहा जा रहा था कि वे बीजेपी के टिकट पर आगामी चुनाव लड़ सकते हैं।
मैं पवन सिंह अपने भोजपुरीया समाज से बताना चाहता हूँ कि मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं किया था और नाहीं मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है |
मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूँ और रहूँगा। pic.twitter.com/reVNwocoav— Pawan Singh (@PawanSingh909) October 11, 2025
बीजेपी में दोबारा वापसी, लेकिन चुनाव से किनारा
पवन सिंह की बीजेपी में वापसी हाल ही में 30 सितंबर को हुई थी।
वे विनोद तावड़े और ऋतुराज सिन्हा के साथ राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से मिलने गए और आशीर्वाद लिया। इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।
गौरतलब है कि पवन सिंह पहले 2017 में बीजेपी में शामिल हुए थे, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में काराकाट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने पर पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था।
दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद ऐसा कयास लगाया जा रहा था कि अब वे विधानसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार बन सकते हैं। परंतु उनके ताजा बयान से यह साफ हो गया है कि वे पार्टी में केवल एक कार्यकर्ता के रूप में योगदान देना चाहते हैं।
पवन का राजनीति के साथ निजी जीवन भी चर्चा में
राजनीतिक घटनाक्रम के साथ-साथ पवन सिंह का निजी जीवन भी इन दिनों काफी चर्चा में है।
उनकी दूसरी पत्नी ज्योति सिंह के साथ संबंधों में आई खटास सार्वजनिक हो चुकी है।
5 अक्टूबर को ज्योति सिंह अचानक लखनऊ स्थित पवन सिंह के फ्लैट पर पहुंच गईं, जहां उन्होंने लगभग डेढ़ घंटे तक पवन सिंह से मुलाकात की।
इसके बाद घटनाक्रम ने नाटकीय मोड़ ले लिया। ज्योति सिंह ने एक वीडियो संदेश जारी किया जिसमें वह रोती हुई दिखाई दीं।
उन्होंने आरोप लगाया कि पवन सिंह ने हमारे लिए पुलिस थाने में FIR दर्ज कराई है। मैं इतनी परेशान हूं कि अब जहर खाकर मर जाऊंगी। मुझे न्याय चाहिए।
इस वीडियो के बाद पवन सिंह पर आलोचनाओं की बौछार शुरू हो गई।
सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक हर जगह उनकी पत्नी द्वारा लगाए गए आरोपों की चर्चा होने लगी।
अब जानें ज्योति सिंह के क्या आरोप लगाए?
ज्योति ने पवन सिंह पर दो गंभीर आरोप लगाए:
1. चुनाव प्रचार के दौरान दूसरी महिला के साथ होटल में रहना:-
ज्योति का कहना है कि उन्होंने चुनाव में पवन सिंह का साथ दिया, प्रचार में उतरीं, लेकिन पवन सिंह ने उन्हें सिर्फ एक चेहरा बनाने के लिए इस्तेमाल किया और दूसरी महिला के साथ होटल में रुकते थे।
2. मानसिक प्रताड़ना और डिटेन करने का आरोप:-
उन्होंने कहा, आज जब मैं अपने पति के घर आई हूं तो मुझे डिटेन किया जा रहा है। प्रताड़ित किया जा रहा है। क्या ऐसे ही पावर स्टार पवन सिंह महिला सशक्तिकरण की बात करेंगे?
पवन सिंह ने क्या जवाब दिया ये भी जानें
इन आरोपों पर पवन सिंह ने पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और फिर 8 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी स्थिति स्पष्ट की।
उन्होंने कहा कि जब ज्योति जी मेरे घर आईं, मैंने उन्हें सम्मानपूर्वक बुलाया और 1.5 घंटे तक बातचीत की।
पुलिस मैंने नहीं, सोसाइटी ने सुरक्षा के लिहाज से पहले ही बुला रखी थी।
ज्योति की सिर्फ एक ही रट थी — मुझे चुनाव लड़वाइए। ये मेरे बस की बात नहीं है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सवाल किया कि पत्नी का यह अपनापन चुनाव के समय ही क्यों जागा? बाकी समय कहां थीं?
पिछले रिश्तें और राजनीतिक छवि पर असर
पवन सिंह की पहली पत्नी नीलम सिंह थीं, जिनकी शादी 2014 में हुई थी।
लेकिन एक साल के भीतर ही 2015 में उन्होंने आत्महत्या कर ली।
इसके बाद 2018 में पवन सिंह ने बलिया (यूपी) की ज्योति सिंह से शादी की।
शुरुआत में सबकुछ सामान्य रहा, लेकिन कुछ ही महीनों में मतभेद शुरू हो गए।
2021 में पवन सिंह ने ज्योति से तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी, जो अब भी लंबित है।
2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान ज्योति ने प्रचार में हिस्सा लेकर सबको चौंका दिया था।
उस दौरान लगा था कि दोनों के रिश्तों में सुधार हो गया है, परंतु चुनाव के बाद दोनों फिर से अलग हो गए।
ज्योति सिंह की ओर से लगे आरोपों ने पवन सिंह की लोकप्रिय छवि को चुनौती दी है।
जहां एक ओर वे भोजपुरी समाज के बीच एक बड़े स्टार हैं, वहीं अब उनके निजी जीवन के विवादों ने उनकी राजनीति में वापसी को भी प्रभावित किया है।
विश्लेषकों का मानना है कि पवन सिंह का चुनाव न लड़ने का फैसला राजनीतिक रणनीति के तहत भी हो सकता है ताकि पार्टी को विवाद से बचाया जा सके।
भोजपुरी स्टार से राजनीति तक का सफर
पवन सिंह भोजपुरी इंडस्ट्री के सबसे बड़े नामों में से एक हैं।
उनके गाने ‘लॉलीपॉप लागेलू’, ‘कमरिया हिला रही है’ ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।
‘धड़कन’, ‘क्रैक फाइटर’ और ‘प्रतिज्ञा’ जैसी फिल्मों में उनके अभिनय ने उन्हें भोजपुरी का “पावर स्टार” बना दिया।
हाल ही में उन्होंने रियलिटी शो ‘राइज एंड फॉल’ से भी खुद को अलग कर लिया था।
उनका कहना था कि चुनाव के समय जनता के बीच रहना जरूरी है। लेकिन अब वे चुनाव लड़ने से भी पीछे हट गए हैं।
फिलहाल, पवन सिंह का यह फैसला कि वे बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
उनके जीवन में चल रहे पारिवारिक विवाद और राजनीतिक समीकरणों से गहराई से जुड़ा हुआ नजर आता है।
बीजेपी में दोबारा वापसी के बावजूद उनका चुनाव से दूरी बनाना यह दिखाता है कि वे अभी विवादों से ऊपर उठकर पार्टी के लिए ‘सच्चे सिपाही’ की भूमिका निभाना चाहते हैं।
वहीं, उनकी पत्नी ज्योति सिंह का संघर्ष और लगाए गए आरोप सार्वजनिक मंचों पर आते रहे तो यह विवाद आगे भी सुर्खियों में बना रहेगा।
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