Patna Candidates Protest: पटना में आज एक बार फिर शिक्षक भर्ती परीक्षा TRE-4 को लेकर अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आए।
पूरे आंदोलन का नेतृत्व छात्र नेता दिलीप ने किया। पटना कॉलेज से बड़ी संख्या में कैंडिडेट्स सीएम हाउस के घेराव के लिए निकले।
सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई और जगह-जगह पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए।
जेपी गोलंबर और डाकबंगला चौराहे पर बैरिकेडिंग कर पुलिस ने रास्ता रोका।
अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार लगातार भर्ती प्रक्रिया में देरी कर रही है और बार-बार अपने वादों से पीछे हट रही है।
उनका कहना है कि राज्य में लाखों योग्य उम्मीदवार बेरोजगार हैं, लेकिन सरकार कम पदों पर भर्ती कर स्थिति को और गंभीर बना रही है।
कैंडिडेट्स बोले- सरकार ने वादा तोड़ा
प्रदर्शन में शामिल एक उम्मीदवार अरशद ने कहा कि सरकार पिछले डेढ़ साल से सिर्फ तारीखें टाल रही है।
कभी अप्रैल, कभी जून और अब दिसंबर में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की बात कही गई, लेकिन अब तक मांगें पूरी नहीं हुईं।
उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों की मुख्य मांग है कि पूरी 1.20 लाख वैकेंसी जारी की जाए, न कि केवल 26 हजार पदों पर भर्ती।
विरोध की वजह- शिक्षा मंत्री का बयान
दरअसल, पहले सरकार ने संकेत दिया था कि TRE-4 में एक लाख से ज्यादा पदों पर भर्ती होगी।
लेकिन शिक्षक दिवस पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने ऐलान किया कि केवल 26 हजार से अधिक पदों पर ही बहाली होगी।
इसी बयान से नाराज होकर अभ्यर्थियों ने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया।
मंत्री का दावा- परीक्षा तय समय पर होगी
वहीं, शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि चौथे चरण की भर्ती में 26 हजार से अधिक पद शामिल होंगे और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से पूरी की जाएगी।
उन्होंने परीक्षा की तारीख का ऐलान करते हुए बताया कि TRE-4 परीक्षा 16 से 19 दिसंबर 2025 के बीच आयोजित होगी और परिणाम 20 से 26 जनवरी 2026 के बीच घोषित किए जाएंगे।
तीन प्रमुख मांगों को लेकर आंदोलन
अभ्यर्थी इस आंदोलन में तीन मुख्य मांगों को लेकर जुटे हैं—
- 1.20 लाख पदों पर बहाली की जाए।
- BPSC TRE-4 का एग्जाम कैलेंडर तुरंत जारी हो।
- रिजल्ट से पहले काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की जाए।
9 सितंबर को हुआ था लाठीचार्ज
इससे पहले 9 सितंबर को भी पटना में TRE-4 उम्मीदवारों ने सीएम हाउस का घेराव करने की कोशिश की थी।
उस दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों में टकराव की स्थिति बन गई थी।
भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था।
कई उम्मीदवार घायल हुए और कुछ को हिरासत में भी लिया गया था फिर देर रात उन्हें छोड़ दिया गया।
अभ्यर्थियों का आरोप था कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बावजूद पुलिस ने उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया।
फिलहाल, सरकार 26 हजार पदों की भर्ती पर अड़ी हुई है, जबकि उम्मीदवार 1.20 लाख पदों की बहाली की मांग पर आंदोलन कर रहे हैं।
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