मोहम्मद ज़ुबैर…. पाकिस्तान की नसबंदी करता एक हिंदुस्तानी योद्धा !

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ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव के दौरान पाकिस्तानी मीडिया के दुष्प्रचार की कोई सीमा नहीं थी।पाकिस्तान की तरफ से लगातार झूठी खबरें बाढ़ की तरह आ रही थीं, जो दुनिया को भ्रमित और भारत को परेशान कर रही थी, उस वक़्त Alt news वाले मोहम्मद ज़ुबैर ने बेहद सटीक तरीके से पाकिस्तानी प्रोपेगंडा का मुकाबला किया। केवल 12 घंटे में ही उन्होंने पाकिस्तानियों की करीब 200 खबरों का बैंड बजा दिया।

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सैन्य टकराव के साथ ही सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और प्रोपेगेंडा की बाढ़ सी आ गई थी, उस सूचना युद्ध में एक नाम बार-बार उभरकर सामने आया, मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair)। ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक और फैक्ट-चेकर, जो अपनी तेजी और सटीकता के साथ फर्जी खबरों की पोल खोलने के लिए जाने जाते हैं।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्‍तान में चल रहे प्रोपेगेंडा को ध्वस्त करने में जुबैर ने अहम भूमिका निभाई। मोहम्मद जुबैर का फैक्ट-चेकिंग का तरीका तकनीक, अनुभव और गहरी पड़ताल पर आधारित है।
मोहम्मद ज़ुबैर ने एक्स, यूट्यूब और फेसबुक पर पाकिस्तान के वायरल वीडियो, तस्वीरों और दावों की जांच की और पुरानी तस्वीरों, एआई-जनरेटेड कंटेंट और गलत संदर्भ में पेश किए गए समाचारों की पोल खोल दी। उन्होंने प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) और भारतीय सेना जैसे आधिकारिक स्रोतों से जानकारी की पुष्टि की और फिर एक्स पर तुरंत फैक्ट-चेक पोस्ट शेयर कर लोगों को जागरूक किया।
पाकिस्तान ने जम्मू एयरपोर्ट पर हमले का दावा किया था तो ज़ुबैर ने बता दिया कि ये तो काबुल एयरपोर्ट की फोटो हैं जो 2021 के धमाके की हैं। पाकिस्तानियों ने सियालकोट में हमले का दावा किया तो ज़ुबैर ने फैक्ट चेक करके बता दिया कि यह वीडियो गाजा में इजरायली बमबारी का था, जिसे 9 नवंबर 2023 को अल जजीरा और कुद्स न्यूज़ नेटवर्क ने शेयर किया था।
पाकिस्तान ने पाक कब्जे वाले मुजफ्फराबाद में भारत के सुखोई SU-30MKI क्रैश की फर्जी खबर दिखाई तो जुबैर ने बताया कि ये तस्वीरें 11 साल पुरानी हैं।
पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल्स ने वीडियो शेयर करके दावा किया कि भारतीय सेना की ’20 राज बटालियन’ की पोस्ट नष्ट हो गई। जुबैर ने खुलासा किया कि भारतीय सेना में ऐसी कोई यूनिट ही नहीं है और वीडियो पूरी तरह फर्जी था।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि भारत के कई सैनिकों को ‘प्रिजनर ऑफ वॉर’ बनाया गया। जुबैर ने तुरंत इसकी पड़ताल की और बताया कि आसिफ ने कुछ घंटों बाद खुद अपने बयान से पलटी मार ली। कोई सबूत न होने से यह दावा झूठा साबित हुआ।
पाकिस्तानी हैंडल्स ने 2020 के बेरूत विस्फोट का वीडियो शेयर कर दावा किया कि पाकिस्तान ने गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमला किया। जुबैर ने इसे फर्जी साबित किया और बताया कि वीडियो का भारत से कोई लेना-देना नहीं था।
ये वही मोहम्मद ज़ुबैर हैं, जिन्हें धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में 2022 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया। उन पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया था।
बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने 2022 में पैगंबर मोहम्मद पर उनके विवादित बयान के बाद जुबैर पर उनके बयान का एडिटेड वीडियो वायरल करने का आरोप लगाया। इसके बाद हिंदूवादी संगठनों ने जुबैर के खिलाफ देश भर में कई FIR दर्ज कराईं।
कुछ संगठनों और व्यक्तियों ने उन पर सोशल मीडिया के माध्यम से समाज में घृणा फैलाने और देश की छवि खराब करने का आरोप लगाया। उन पर पाकिस्तान से सम्बन्ध रखने का भी आरोप लगा। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी के बाद जमानत दी और उनकी जान को खतरे की याचिका पर विचार किया।

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