OPERATION SINDOOR- विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर जातिसूचक टिप्पणी की रामगोपाल यादव ने

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Casteist remark on Wing Commander Vyomika Singh-ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ीं कर्नल सोफिया के बाद अब विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर जातिसूचक टिप्पणी का मामल सामने आया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा रामगोपाल यादव ने गुरुवार को उनके लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। ये शब्द ऐसे हैं जिन्हें यहाँ लिखा नहीं जा सकता।OPERATION SINDOOR- विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर जातिसूचक टिप्पणी की रामगोपाल यादव ने

ऑपरेशन सिन्दूर के बाद बयानों की जैसे बढ़ आ गयी है।

घर में, एसी रूम में बैठकर या मंच से तालियां बटोरने के चक्कर

में दोयम दर्जे के बयान सामने आ रहे हैं। ये बयां देने वाले नहीं

समझते कि जिसके बारे में वो बोल रहे हैं उसके सामने खड़े रहने

की भी इनकी हस्ती नहीं। पहले कर्नल सोफिया और अब विंग कमांडर

व्योमिका सिंह के बारे में बयान आये हैं। जबकि इन बहादुर महिलाओं

की प्रोफाइल जितना मजबूत बनना कोई खेल नहीं। इसके लिए

जो जोश, जूनून और जस्बा चाहिए होता है उसका स्तर बहुत ऊंचा होता है।

यूपी के मुरादाबाद में रामगोपाल ने कहा, ‘विंग कमांडर व्योमिका सिंह हरियाणा की जाटव है…, *** हैं। लेकिन भाजपा ने राजपूत समझकर व्योमिका के बारे में कुछ नहीं कहा, जबकि मुसलमान होने पर भाजपा के मध्य प्रदेश मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी काे गाली दी।’

रामगोपाल यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर में एयर ऑपरेशन को अंजाम देने वाले एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती यादव हैं। एक मुसलमान, दूसरा जाटव और तीसरा यादव…ये तीनों को PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के ही हैं। ये पूरा युद्ध तो PDA ने ही लड़ा। भाजपा किस आधार पर इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है।’

एयरफोर्स की विंग कमांडर व्‍योमिका सिंह और भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चर्चा में आईं। दोनों ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर 4 प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं।

BJP ने कौन सा युद्ध लड़ा जिसकी ये यात्रा है

प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा- अभी हमने देखा कि 2 दिन तक पाकिस्तान से युद्ध चला, फिर किसी ने धमकाकर युद्ध रुकवा दिया। शांति की तुलना युद्ध से नहीं की जा सकती, लेकिन दुष्ट के साथ दुष्टता का ही व्यवहार करना चाहिए, ऐसा शास्त्र कहते हैं।

अभी तक जब भी पाकिस्तान से भारत का युद्ध हुआ है, इसमें भारत ही जीता है। लेकिन, कभी राजनीतिक नेतृत्व ने इसका श्रेय लेने की कोशिश नहीं की। पहला मौका है, जब देश का मौजूदा राजनीतिक नेतृत्व सेना के श्रेय को हड़पना चाहता है।

रामगोपाल बोले- जब सीज फायर हुआ ताे सबके दिमाग में था कि अब आतंकी हमले नहीं होंगे। लेकिन, जम्मू कश्मीर में सेना रोज आतंकवादियों को मार रही है। इसका मतलब है कि अभी भी रोजाना आतंकी सरहद के उस पार से इधर आ रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा देश में तिरंगा यात्रा निकाल रही है। ये (भाजपा) तो केवल चुनाव के लिए काम करती है।

रामगोपाल ने पूछे 2 सवाल

1.क्या भाजपा के नेता और कार्यकर्ता बॉर्डर पर युद्ध लड़ने गए थे?

2.क्या भाजपा नेताओं के बच्चे युद्ध लड़ने बॉर्डर पर गए थे?

सांसद रामगोपाल ने कहा, अगर ऐसा नहीं है तो फिर सिर्फ एक पार्टी इसका श्रेय लेने की कोशिश क्यों कर रही है। सरकार सभी पार्टियों को विश्वास में लेकर तिरंगा यात्री निकालती। कर्नल सोफिया कुरैशी को इनके मंत्री ने गालियां दीं। हाईकोर्ट को इनके खिलाफ FIR के आदेश करने पड़े।

स्पेशलिस्ट हेलिकॉप्टर पायलट हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह

विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायु सेना (IAF) में स्पेशलिस्ट हेलिकॉप्टर पायलट हैं। वो चुनौतीपूर्ण इलाकों में चेतक और चीता जैसे स्‍पेशलाइज्ड हेलिकॉप्‍टर ऑपरेट करती हैं। वो अपने परिवार में सशस्त्र बलों में शामिल होने वाली पहली महिला हैं और पिछले 21 साल से एयरफोर्स में अपनी सेवाएं दे रही हैं।

‘व्‍योमिका’ का मतलब है उड़ना

व्योमिका जब छठी क्लास में पढ़ती थीं, तब क्लास में उनके नाम का मतलब पूछा गया। उन्हें पता चला कि उनके नाम ‘व्‍योमिका’ का मतलब है उड़ना। तभी उन्होंने तय कर लिया कि वो एयरफोर्स का हिस्सा बनेंगीं। अपने जुनून के चलते उन्होंने स्‍कूल में NCC जॉइन की और शॉर्ट सर्विस कमीशन की मदद से एयरफोर्स का हिस्‍सा बनीं।

विंग कमांडर व्‍योमिका के पास 2,500 घंटों से ज्यादा का फ्लाइट आवर्स एक्‍सपीरियंस है।

उन्‍होंने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर सहित मुश्किल पहाड़ी इलाकों में चेतक और चीता जैसे हेलिकॉप्टरों को ऑपरेट किया है।

नवंबर 2020 में उन्‍होंने अरुणाचल प्रदेश में एक महत्वपूर्ण बचाव अभियान को लीड किया। इसमें पहाड़‍ियों और मुश्किल इलाकों के बीच व्‍योमिका की टीम ने सफल फ्लाइंग कर राहत और बचाव का काम किया। 2021 में उन्होंने 21,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित माउंट मणिरंग पर एक त्रि-सेवा महिला पर्वतारोहण अभियान में भी भाग लिया।

 

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