Parliament Operation Sindoor

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जब सब तरफ चल रहा था ‘ऑपरेशन महादेव’ तब लोकसभा में चल रहा था ‘ऑपरेशन सिंदूर’: पढ़ें आज सदन में दिनभर क्या हुआ?

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Parliament Operation Sindoor: जब सोमवार को दिनभर हर तरफ ऑपरेशन महादेव की चर्चा हो रही थी।

उस दौरान लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर शुरू हुई बहस ने सियासी पारा गर्मा दिया।

दोपहर 2:05 बजे शुरू हुई चर्चा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर करारा हमला बोला, तो कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी सरकार से तीखे सवाल पूछे।

बहस देर रात तक चलने की संभावना जताई गई है।

मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस मुद्दे पर अपनी बात रख सकते हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 55 मिनट के अपने भाषण में कहा, हमने आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा।

ऑपरेशन सिंदूर माताओं-बहनों के सिंदूर का बदला है। ऑपरेशन सिंदूर रुका है, खत्म नहीं हुआ है।

हमारी सेनाओं ने दुश्मनों के ठिकाने नेस्तनाबूद किए, हमने युद्ध नहीं मांगा, लेकिन यदि किसी ने हमें छेड़ा तो जवाब देना आता है।

परिणाम मायने रखता है, पेंसिल कितनी टूटी यह नहीं

रक्षा मंत्री ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, आप पूछते हैं कि हमारे कितने विमान गिरे।

आपने ये नहीं पूछा कि दुश्मनों के कितने जेट गिराए। परीक्षा में रिजल्ट मायने रखता है, कितनी पेंसिल टूटी, यह पूछना बेईमानी है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना को पूरी छूट दी गई थी और पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब मिला।

उन्होंने कहा, हमने 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, 100 से ज्यादा आतंकी, ट्रेनर और हैंडलर मारे गए।

वायुसेना ने मुरीदके और बहावलपुर जैसे ठिकानों को 22 मिनट में खत्म किया। यह सिंदूर की लाली नहीं, शौर्य की कहानी है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक ट्राई-सर्विस कोऑर्डिनेशन का बेहतरीन उदाहरण है।

तीनों सेनाओं ने तालमेल के साथ कार्रवाई की। नौसेना ने समुद्र से घेरेबंदी की, वायुसेना ने आतंकियों के ठिकाने खत्म किए।

हमने किसी की जमीन कब्जा करने का इरादा नहीं रखा, लेकिन आतंक के खिलाफ कार्रवाई पूरी की।

भारत अब भगवान कृष्ण का सुदर्शन चक्र उठा चुका है

रक्षा मंत्री ने कहा, पाकिस्तान की सेना और ISI प्रॉक्सी वॉर कर रहे हैं। अब भारत ने सुदर्शन चक्र उठा लिया है।

भारत अब आतंक की जड़ तक जाकर उसे खत्म करने में सक्षम है।

हमारी मूल प्रकृति बुद्ध की है, युद्ध की नहीं। लेकिन टेररिज्म और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते।

उन्होंने कहा, हमारे पास परमाणु हथियार हैं, लेकिन हम धमकी नहीं देते।

पाकिस्तान ने समझा कि हमारी शांति की कोशिश कमजोरी है। अब भारत बदल चुका है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे सैनिकों ने अंधेरे में ऑपरेशन को अंजाम दिया और सबूत भी जुटाए।

DGMO ने पाकिस्तान को फोन कर ऑपरेशन की जानकारी दी।

7-8 मई को पाकिस्तान ने जवाबी हमला किया, लेकिन भारत की मिसाइल डिफेंस प्रणाली ने सब विफल कर दिया।

गौरव गोगोई बोले- PoK क्यों नहीं लिया गया? 

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार से कई तीखे सवाल पूछे।

उन्होंने कहा, सरकार बताएं कि पहलगाम में 5 दहशतगर्द कैसे घुसे? क्या मकसद था?

ऑपरेशन सिंदूर में PoK क्यों नहीं लिया गया?

अगर पाकिस्तान घुटनों के बल था, तो सीजफायर क्यों किया गया?

IMF से पाकिस्तान को मिली आर्थिक मदद पर भारत ने क्या आपत्ति दर्ज कराई?”

गोगोई ने आगे कहा, पाकिस्तान तो सिर्फ फ्रंट पर था, उसके पीछे चीन था।

क्या हमारी सरकार चीन को लेकर कुछ कहेगी?

CDS को सिंगापुर में जाकर क्यों कहना पड़ा कि हम पास जाकर हमला नहीं कर सके?”

ट्रम्प के सामने 56 नहीं, 36 इंच का सीना – TMC

टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा।

कल्याण बनर्जी ने कहा, ट्रम्प के सामने पीएम मोदी का सीना 56 से 36 इंच का हो जाता है।

वह एक ट्वीट क्यों नहीं करते कि अमेरिका ने सीजफायर रुकवाने की जो बात कही, वह गलत है?

शिवसेना ने उठाया सुरक्षा व्यवस्था का सवाल

शिवसेना (UBT) के सांसद अरविंद सावंत ने पूछा कि पहलगाम जैसे टूरिस्ट स्पॉट पर उस दिन जवान क्यों नहीं थे।

क्या आदेश था कि वहां पुलिस न रहे? क्या आतंकी नेपाल से आए थे?

सपा बोली- देश ऑपरेशन सिंदूर नहीं, तंदूर चाहता था

सपा सांसद रमाशंकर राजभर ने कहा, देश ऑपरेशन सिंदूर नहीं, तंदूर चाहता था।

सरकार बताएं कि जिन आतंकियों ने पहलगाम में 26 लोगों को मारा, वे ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए या नहीं?

बैजयंत पांडा और ललन सिंह ने विपक्ष को घेरा

भाजपा सांसद बैजयंत पांडा ने कहा, कांग्रेस की सरकारें पाकिस्तान को खुश करने में लगी थीं।

मुंबई हमले के बाद भी कोई जवाबी कार्रवाई नहीं हुई। अब दुनिया भारत के साथ खड़ी है। 61 देशों ने भारत को समर्थन भेजा।

केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा, गौरव गोगोई पढ़े-लिखे हैं, लेकिन उनके भाषण में एक भी काम की बात नहीं थी। उन्होंने सेना की तारीफ तक नहीं की।

यह UPA का ही दौर था जब आतंकवाद ने भारत में जड़ें जमाईं। प्रधानमंत्री मोदी बोलते नहीं, बल्कि एक्शन करते हैं।

बहरहाल, अब सबकी निगाहें प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन और अमित शाह के जवाब पर टिकी हैं।

मंगलवार को दोपहर 12 बजे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस बहस में हिस्सा लेंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण का समय तय नहीं हुआ है, लेकिन संभावना है कि वे मंगलवार शाम को सदन में बोल सकते हैं।

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