Neeraj Chopra

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भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल बने ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट, नीरज चोपड़ा को रक्षा मंत्री ने दी मानद उपाधि

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Neeraj Chopra: ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) की उपाधि प्रदान की गई।

यह सम्मान बुधवार को दिल्ली में आयोजित अलंकरण समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की मौजूदगी में दिया गया।

इस मौके पर नीरज के माता-पिता सरोज देवी और सतीश चोपड़ा, चाचा भीम चोपड़ा और पत्नी हिमानी मोर भी उपस्थित रहे।

नीरज चोपड़ा को यह मानद उपाधि एथलेटिक्स में असाधारण उपलब्धियों और लाखों युवा भारतीयों को प्रेरित करने के उनके योगदान के लिए दी गई।

रक्षा मंत्रालय के राजपत्र के अनुसार यह नियुक्ति 16 अप्रैल 2025 से प्रभावी मानी जाएगी।

इसके पहले 14 मई को भारतीय सेना ने उन्हें टेरिटोरियल आर्मी में इस मानद पद पर नियुक्त किया था।

नीरज का सेना में सफर और उपलब्धियां

हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव के रहने वाले नीरज चोपड़ा ने 26 अगस्त 2016 को भारतीय सेना में नायब सूबेदार के रूप में शामिल होकर अपने करियर की शुरुआत की थी।

उनके सेना में योगदान और खेलों में उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें 2021 में सूबेदार और 2022 में सूबेदार मेजर के पद पर पदोन्नत किया गया।

टोक्यो ओलंपिक 2021 में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने के बाद सेना ने उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक (PVSM) से सम्मानित किया।

नीरज अब उन चुनिंदा एथलीटों में शामिल हो गए हैं, जिन्हें देश का गौरव बढ़ाने के लिए सशस्त्र बलों में मानद रैंक प्रदान की गई है।

बुधवार को दिल्ली में आयोजित इस समारोह में भारतीय सेना और टेरिटोरियल आर्मी के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

नीरज का ओलंपिक और अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां

नीरज चोपड़ा ने अपने शानदार प्रदर्शन से भारत का नाम विश्व पटल पर ऊँंचा किया है।

वह लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बने हैं।

टोक्यो ओलंपिक 2021 में उन्होंने स्वर्ण पदक और पेरिस ओलंपिक 2024 में रजत पदक हासिल किया।

इसके अलावा नीरज ने वर्ल्ड चैंपियनशिप, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी भारत को गोल्ड मेडल दिलाया है।

उन्हें 2018 में अर्जुन पुरस्कार, 2021 में खेल रत्न पुरस्कार और 2022 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है।

नीरज चोपड़ा के करियर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो

नीरज ने 16 मई 2025 को दोहा डायमंड लीग में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया।

उन्होंने तीसरे प्रयास में 90.23 मीटर भाला फेंककर 90 मीटर का आंकड़ा पार किया।

पहले प्रयास में 88.44 मीटर का थ्रो किया, जबकि दूसरा प्रयास अमान्य रहा। हालांकि, वह दूसरे स्थान पर रहे।

इस प्रतियोगिता में जर्मनी के जूलियन वेबर ने 91.06 मीटर का थ्रो कर पहला स्थान हासिल किया।

ग्रेनेडा के पीटर्स एंडरसन 85.64 मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

नीरज की सफलता और प्रेरणा

नीरज चोपड़ा का यह मानद सैन्य सम्मान उनके अनुशासन, समर्पण और देशभक्ति का प्रतीक है।

नीरज न केवल एक विश्वस्तरीय एथलीट हैं, बल्कि उन युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी हैं जो खेल और सेवा दोनों में अपना योगदान देना चाहते हैं।

उनका यह सम्मान यह संदेश देता है कि खेल और राष्ट्र सेवा दोनों साथ-साथ देश की प्रतिष्ठा बढ़ा सकते हैं।

नीरज की उपलब्धियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कड़ी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के साथ कोई भी युवा भारत और विश्व में अपनी पहचान बना सकता है।

उनकी कहानी खेल जगत के साथ-साथ सेना और युवाओं के लिए भी प्रेरक बनी हुई है।

 

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