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दिल्ली। एक ‘आरटीआई’ खुलासे ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा चंदा इकट्ठा करने के तरीकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी ने कथित तौर पर ‘स्वच्छ भारत’, ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ और ‘किसान सेवा’ जैसी केंद्र सरकार की प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं के नाम पर जनता से अवैध रूप से चंदा इकट्ठा किया।
यह खुलासा चेन्नई स्थित वरिष्ठ पत्रकार बी.आर. अरविंदक्षण द्वारा दायर आरटीआई के जवाबों से हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2021 से फरवरी 2022 के बीच बीजेपी ने ‘नमो ऐप’ और ‘narendramodi.in’ पोर्टल के जरिए एक फंडरेजिंग अभियान चलाया था. 25 दिसंबर 2021 को बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने इस अभियान की घोषणा की थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसका समर्थन करते हुए खुद 1,000 रुपये का दान दिया था। इस अभियान में दानदाताओं को सरकारी योजनाओं का विकल्प चुनने के लिए कहा गया, लेकिन रसीद में पैसे को ‘पार्टी फंड’ के रूप में दिखाया गया।
अरविंदक्षण ने जब संबंधित मंत्रालयों से आरटीआई के जरिए सवाल पूछे, तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय: मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के लिए नमो ऐप के जरिए फंड जुटाने की कोई विशेष अनुमति नहीं दी गई है।
जल शक्ति मंत्रालय: मंत्रालय ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के लिए किसी एनजीओ या व्यक्ति द्वारा फंड जुटाने का कोई प्रावधान नहीं है।
पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय): प्रधानमंत्री कार्यालय ने जवाब दिया कि पीएम के नाम पर कोई आधिकारिक ऐप नहीं है और नमो ऐप से पीएमओ का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड संबद्ध नहीं है।
अरविंदक्षण ने खुद जांच के तौर पर इन योजनाओं के नाम पर 100-100 रुपये दान किए और उन्हें बीजेपी कार्यालय से रसीदें मिलीं। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह नागरिकों के साथ “धोखाधड़ी और विश्वासघात” है, क्योंकि लोगों ने यह सोचकर पैसा दिया कि वे सरकारी योजनाओं में मदद कर रहे हैं. उन्होंने इस मामले में चेन्नई पुलिस कमिश्नर और सीबीआई से जांच की मांग की है।
उनका कहना है कि अगर केंद्र सरकार कार्रवाई नहीं करती है, तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे
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