पटना। नीतीश कुमार अब कमजोर दिख रहे हैं। भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री भले बना दिया पर ताकत कम करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही। नीतीश के विधायकों को भी अब उन पर भरोसा नहीं रहा। सहयोगी भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश में जनता दल यू के 6 विधायकों को तोड़ लिया है। इसके बाद भाजपा और नीतीश के करीबियों के बीच युद्ध छिड़ गया है। दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल इस मौके को चूकना नहीं चाहती।
राजद ने पहले तो नीतीश कुमार को महागठबंधन में आकर सरकार चलाने का ऑफर दिया। साथ ही, 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए नीतीश को समर्थन देने की पेशकश भी की। नीतीश के इंकार पर राजद ने दावा किया कि जद यू के 17 विधायक हमारे साथ हैं।
इस पर पलटवार करते हुए सत्तारूढ़ जद यू मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि श्याम रजक मुगालते में हैं। उनके तीन दर्जन विधायक हमारे संपर्क में हैं। वे कभी भी राजद छोड़कर जद यू में शामिल हो सकते हैं। नीतीश कुमार ने कहा है कि ऐसे दावों में कोई दम नहीं है। कहीं इस तरह की कोई बात नहीं है।
संजय सिंह ने दावा किया- खरमास के बाद बिहार की राजनीति बदल जाएगी। श्याम रजक को शायद पता नहीं है कि राजद के विधायक भी नीतीश कुमार में आस्था रखते हैं। वे उनके एक इशारे पर पार्टी छोड़ देंगे। खैर मनाइए कि अभी खरमास है। जैसे ही खरमास खत्म होगा, बिहार की राजनीति बदल जाएगी।
भाजपा बोली-गठबंधन मजबूत
भाजपा कोटे से मंत्री रामसूरत राय ने कहा है कि गठबंधन में टूट की बात अफवाह है। बिहार में लालू के लाल बेरोजगार पड़े हुए हैं। राजद को अपने विधायकों के टूटने का डर है। राय ने कहा कि बिहार में हमारे नेता नीतीश कुमार ही हैं। वहीं, श्याम रजक के बयान पर डिप्टी सीएम रेणु देवी ने भी कहा कि वे अपनी पार्टी को टूट से बचाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं। हमारा मुखिया मजबूत है, टूट की बात गलत है।
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