Modi Mother AI Video: पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को सख्त रुख अपनाते हुए कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है।
अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन मोदी पर बनाए गए AI जनरेटेड वीडियो को हटाने का आदेश दिया है।
पटना हाईकोर्ट ने कहा कि यह वीडियो तुरंत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से हटाया जाए।
साथ ही राहुल गांधी, चुनाव आयोग, गूगल, मेटा, X (ट्विटर) और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को नोटिस भी जारी किया है।
जानें मामला कैसे शुरू हुआ?
11 सितंबर को बिहार कांग्रेस ने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर एक 36 सेकंड का AI वीडियो साझा किया था।
वीडियो में पीएम मोदी जैसा दिखने वाला शख्स बिस्तर पर लेटा दिखाई देता है।
इसके बाद सपने में उनकी मां जैसी दिखने वाली महिला आती हैं और बेटे को राजनीति में नैतिकता गिराने को लेकर फटकार लगाती हैं।
वीडियो का कैप्शन था – “साहब के सपनों में आईं मां, देखिए रोचक संवाद।”
कांग्रेस ने वीडियो पर AI Generated का डिस्क्लेमर लगाया था, लेकिन इसके बावजूद बीजेपी ने इसे आपत्तिजनक और शर्मनाक बताते हुए कड़ा विरोध किया।
पूरी खबर यहां पढ़ें – बिहार कांग्रेस का AI वीडियो: PM मोदी के सपने में आईं मां, बोलीं- राजनीति के लिए कितना गिरोगे
बीजेपी की आपत्ति और FIR
बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सुनियोजित तरीके से प्रधानमंत्री और उनकी मां का अपमान किया है।
पार्टी ने इसे राजनीति का स्तर गिराने वाला बताया। 14 सितंबर को दिल्ली में बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई थी।
बीजेपी का कहना था कि दिवंगत माता को इस तरह चुनावी राजनीति में घसीटना अमर्यादित और निंदनीय है।
वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकीलों ने दलील दी कि यह वीडियो फर्जी और अपमानजनक है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए।
कोर्ट ने माना कि सोशल मीडिया पर इस तरह का कंटेंट लोकतांत्रिक बहस की मर्यादा को तोड़ता है।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश पी.बी. बाजंतरी की बेंच ने आदेश जारी करते हुए वीडियो को तुरंत हटाने को कहा और केंद्र व बिहार सरकार से जवाब तलब किया।
कांग्रेस की सफाई और वीडियो हटाना
हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार कांग्रेस ने यह वीडियो अपने X अकाउंट से हटा दिया है।
हालांकि कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि वीडियो में AI का जिक्र साफ तौर पर दिया गया था और यह सिर्फ एक व्यंग्यात्मक प्रस्तुति थी।
फिलहाल, बिहार में इस समय कांग्रेस ‘वोटर अधिकार यात्रा’ चला रही है।
इसी अभियान के दौरान यह वीडियो पोस्ट किया गया, जिसने चुनावी सियासत में गरमी बढ़ा दी।
बीजेपी इसे कांग्रेस की हताशा करार दे रही है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।
पटना हाईकोर्ट का यह आदेश सिर्फ कांग्रेस के लिए झटका नहीं बल्कि चुनावी राजनीति में AI तकनीक के उपयोग की सीमाओं पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है।
अब निगाहें इस पर होंगी कि चुनाव आयोग और सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आगे क्या कदम उठाते हैं।
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