Maratha Reservation Protest: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में आज तीसरे दिन सुनवाई होगी।
कोर्ट ने मंगलवार को आंदोलनकारी नेता मनोज जरांगे को अनशन स्थल पर आज सुबह तक रुकने की अनुमति दी थी।
वहीं, दूसरी ओर आजाद मैदान में आमरण अनशन पर बैठे मनोज जरांगे ने मंगलवार को भूख हड़ताल खत्म की थी।
सरकार ने उनकी 8 में से 6 मांगें स्वीकार कर लीं, जिसके बाद उन्होंने कहा कि हम जीत गए हैं।
हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने आंदोलन स्थल खाली कराने में प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताई और जरांगे को भी फटकार लगाई।
महाराष्ट्र सरकार ने 8 में से 6 मांगें स्वीकारी
महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को मराठा आंदोलन से जुड़ी कई अहम मांगें मान लीं।
मंत्रिमंडल उपसमिति के अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल समिति के अन्य सदस्यों शिवेंद्रसिंह भोसले, उदय सामंत और माणिकराव कोकाटे के साथ आजाद मैदान पहुंचे और जरांगे से मुलाकात की।
पाटिल ने बताया कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले प्रदर्शनकारियों के परिजनों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी और मुआवजा दिया जाएगा।
अब तक लगभग 15 करोड़ रुपए की सहायता दी जा चुकी है और शेष राशि एक हफ्ते के भीतर वितरित की जाएगी।
जरांगे ने किया ऐलान – हम जीत गए
मनोज जरांगे ने कहा कि सरकार की ओर से मांगें माने जाने के बाद अब आंदोलन खत्म किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हम जीत गए हैं। सरकार ने हमारी मांगें मान ली हैं। अगर सरकार जीआर (आदेश) जारी करती है तो मैं रात 9 बजे तक मुंबई छोड़ दूंगा।
बता दें जरांगे 29 अगस्त से आमरण अनशन पर बैठे थे और सोमवार से उन्होंने पानी भी छोड़ दिया था।
जरांगे की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सतीश मानेशिंदे ने अदालत से अनुरोध किया कि आंदोलन शांतिपूर्ण है और इससे कानून-व्यवस्था नहीं बिगड़ेगी।
उन्होंने बुधवार सुबह 11 बजे तक का समय मांगा था। इस कारण अदालत ने यह अनुरोध स्वीकार करते हुए सुनवाई को बुधवार तक स्थगित कर दिया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही
मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही है।
दालत ने पहले ही दिन 1 सितंबर को सरकार और आंदोलनकारियों को निर्देश दिया था कि 3 सितंबर तक मैदान खाली किया जाए।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान एक्टिंग चीफ जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस आरती साठे की बेंच ने सरकार और जरांगे दोनों पर नाराजगी जताई।
अदालत ने कहा, अगर 3 बजे तक आजाद मैदान खाली नहीं किया गया तो कठोर जुर्माना, अदालत की अवमानना और अन्य दंडात्मक कार्रवाई होगी।
आप किसी हाईकोर्ट के जज को सिर्फ इसलिए पैदल चलने पर मजबूर नहीं कर सकते क्योंकि आपके प्रदर्शनकारी सड़क पर नाच रहे थे।
शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की मांग
मराठा समुदाय लंबे समय से शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहा है।
29 अगस्त को मनोज जरांगे ने आजाद मैदान में OBC श्रेणी के तहत 10% आरक्षण की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू किया।
पांच दिन तक भूख हड़ताल पर रहे और सोमवार से पानी पीना भी बंद कर दिया था।
आंदोलन के कारण मुंबई में सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा।
मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले सभी मृतक प्रदर्शनकारियों के परिजनों को एक हफ्ते के भीतर सरकारी नौकरी और मुआवजा मिलेगा।
समिति ने जरांगे को बताया कि अब तक 15 करोड़ रुपए की सहायता दी जा चुकी है और बाकी राशि तुरंत वितरित की जाएगी।
वहीं हाईकोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि आदेश लागू करने में ढिलाई क्यों बरती गई।
अदालत ने साफ कहा कि अगर बुधवार तक स्थिति नहीं सुधरी तो वह कड़ा आदेश जारी करने से पीछे नहीं हटेगी।
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