लालू की 3 लाइन की पोस्ट ने बिहार की राजनीती में मचा दी हलचल

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Bihar Politics- बिहार। होली का त्यौहार और द्विअर्थी संदेशों का आदान-प्रदान एक दूसरे के पर्याय हैं। हाल ही में होली के अवसर पर RJD अध्यक्ष लालूप्रसाद यादव की एक पोस्ट राजनीतिक गलियारों में अलग-अलग सन्देश दे रही है। लालू यादव की सोशल मीडिया पोस्ट और तेजस्वी यादव के हालिया बयां ने राजनीती में गर्माहट ला दी है। लालू प्रसाद के इस पोस्ट को राजनितिक जानकार JDU और BJP के बीच कुछ मुद्दों में विचारों का अंतर बता रहे हैं। वहीं सियासी चर्चाओं के मुताबिक लालू ने मुख्यमंत्री नितीश कुमार को महागठबंधन में फिर शामिल होने के लिए इशारा किया है। और ये सारे घटनाक्रम खुले तौर पर बता रहे हैं कि बिहार की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है।            

विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का यह बयान कि नीतीश कुमार कब पलट जाएं, इधर हो जाएं, गारंटी नहीं। एक दिन पुराना ही हुआ था कि शब्दों के बाजीगर राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के होली पर किए गए सोशल मीडिया पोस्ट ने बिहार के सियासी गलियारों में चर्चाओं को तेज कर दिया है। देखने में भले ही ये पोस्ट ३ लाइन का है लेकिन राजनीतिक मर्मज्ञ इसे अपने अपने तरीके से विश्लेषित कर रहे हैं।

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने होली की बधाई देते हुए अपनी X पोस्ट में लिखा, ”हर पुरानी बात भूलकर आओ करें नई शुरुआत. प्रेम और अपनत्व के भाव से समाज में हो हर बात! सभी देशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं!” राजनीति के जानकारों ने लालू यादव के तीन लाइन के इस पोस्ट में सियासत के नजरिये से बड़ी बात ढूंढ ली है और इसे सीधे सीएम नीतीश कुमार को दोबारा ऑफर दिये जाने से जोड़ दिया है।ये घटनाक्रम क्यूंकि ज्यादा अंतराल से नहीं हुआ। इधर तेजस्वी यादव का विधानसभा सत्र में बयां और उधर लालू की X पोस्ट। और इतना कुछ तो राजनीति में बहुत होता है।
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कुछ मुद्दों को लेकर है जेडीयू-बीजेपी में मतभेद
पिछले कुछ समय से सांप्रदायिक मुद्दों को लेकर JDU और BJP के बयानों और विचारों में अंतर साफ दिख रहा है। ऐसे में पिता-पुत्र के इन बयानों का एक सिरा जेडीयू और बीजेपी के बीच कुछ मुद्दों को लेकर रुख में अंतर से भी जुड़ता है। बिहार में औरंगजेब, हिन्दू राष्ट्र, बिहार हिन्दू राज्य, बाबा बागेश्वर, होली जुमे की नमाज पर बीजेपी नेताओं की तरफ से हो रही बयानबाजी से जेडीयू असहज दिख रही है। यही नहीं भाजपा की इस बयानबाजी और बर्ताव से नीतीश की सेक्युलर छवि धूमिल हो सकती है। JDU का यह डर जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा के बयान से साफ झलकता है। लगता है पार्टी भाजपा के इस रुख से थोड़ा असहज है।

JDU कर चुकी है बीजेपी को इशारा
हाल में ही जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा था कि NDA को सुशासन और विकास पर फोकस करने की जरूरत है। विवादस्पद मुद्दे उठाना और बेतुकी बहसबाजी हमारे विषय नहीं हैं। उन्होंने यूपी के संभल में मस्जिदों को ढंकने वाले बयां पर ऐतराज जताया था। झा ने कहा था हम धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में रहते हैं। हिन्दू-मुस्लिम हमारे चुनाव का अजेंडा नहीं है। उन्होंने कहा था नीतीश राज में माहौल खराब करने वालों पर कठोरतम कार्रवाई होगी। नीतीश ने कभी भी सांप्रदायिकता के साथ समझौता नहीं किया है।

बीजेपी अपनी बात पर डटी
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा था कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ करने वालों पर कठोरतम कार्रवाई होगी। देश हिंदू राष्ट्र है और इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए। औरंगजेब को जो लोग पूजते हैं उन पर एक्शन होना चाहिए. माहौल बिगाड़ने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा।

दरवाजा खुला है
कुछ समय पहले लालू यादव ने कहा था-नीतीश कुमार के लिए हमारा दरवाजा खुला हुआ है। नीतीश को भी चाहिए कि वह अपना दरवाजा खोल कर रखें। इसके बाद भाई वीरेंद्र और शक्ति सिंह यादव के सीएम नीतीश के महागठबंधन में आने वाले बयान से जोड़ा गया और राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने भी सीएम नीतीश के लिए अपने घर का दरवाजा हमेशा खुला रहने की बात कही।

नितीश की हाँ का है इंतज़ार
कहा तो ये भी जा रहा है कि तेजस्वी यादव भले ही अब तक इनकार करते रहे हों लेकिन नीतीश कुमार की एक हाँ लालू प्रसाद यादव के पूरे कुनबे को एक लाइन में खड़ा कर देगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रुख पर ही काफी कुछ निर्भर करता है कि उनकी राजनीति की अगली दिशा क्या होगी। लेकिन इन दिनों वैचारिक टकराहट कुछ मुद्दों को तूल दे रही है। हालाँकि बिहार की राजनीती में आने वाले नए ट्विस्ट के लिए थोड़ा इंतज़ार करना पड़ेगा।

 

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