भाजपा के वरिष्ठ नेतापूर्व ,मंत्री राघव जी ने politicswala की खबर पर लगाई मुहर
लाड़ली बहनों को कर्ज लेकर पैसे बांटना गलत, ऐसे कर्ज से विकास के काम रुकेंगे
भोपाल। यौन शोषण के केस मामले में पूर्व मंत्री राघव जी के मन में चुभन अभी भी है। अपनी ही पार्टी के नेताओं को घेरे में लेते हुए बोले यौन शोषण का केस हमारी ही सरकार ने चलाया दोष किसे दें। राघव जी इस युवक से यौन शोषण मामले में 2023 में बरी हो चुके हैं। लाड़ली बहना को गलत ट्रेंड बताया। बोले, इसमें सरकार और मतदाताओं दोनों की गलती है। कर्ज लेकर बहनों के बांटने से विकास कार्य प्रभावित होते हैं।
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राघव जी गुरुवार को भोपाल में प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने जिलाध्यक्षों के चुनाव को लेकर हो रही बैठक के बीच पार्टी नेताओं से मुलाकात की
शासन ने 2013 में मेरे ऊपर केस लगाया था। 2016 में मैंने एफआईआर क्वैश करने के लिए हाईकोर्ट में पिटीशन लगाई थी। इसका फैसला 2023 में हुआ। हाईकोर्ट ने एफआईआर खत्म कर दी। कहा कि यह मामला बनता ही नहीं है। इसके बाद वे लोग सुप्रीम कोर्ट गए। इसके पीछे कौन लोग थे? नहीं पता। उस व्यक्ति के द्वारा उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन लगवाई। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को स्वीकार करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया, वो सही है। पॉलिटिक्सवाला ने भी अपने चैनल में लाड़ली बहना योजना को गलत बताया है। राघवजी ने पॉलिटिक्सवाला की इस
खबर पर भी मुहर लगाई कि कर्ज लेकर बहनों को बांटने से विकास प्रभावित होता है।
साजिश के पीछे कौन?
सरकार तो अपनी थी, किसको दोषी कहें। सरकार ने ही केस चलाया था। मैं तो मंत्री था। एक मंत्री के खिलाफ ऐसी एफआईआर में केस चलाया गया। इस पूरे मामले की जानकारी पार्टी और संगठन को पता है। मैंने कुछ प्रमुख लोगों को पत्र और फैसले की नकल भी भेजी है। षड्यंत्र कौन कर सकता है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘चेहरे तो दूसरे थे। एक व्यक्ति, जो कहता था कि उसने सीडी बनवाई, उस पटेरिया ने तो सुसाइड कर लिया था। उसके पीछे कुछ और लोग अवश्य होंगे।’
कर्ज लेकर सरकार चलाने पर
इतना कर्ज लेकर सरकार चलाते हैं, तो बाकी के विकास कार्य प्रभावित होते हैं। प्रभावित हो भी रहे हैं। प्रदेश में विकास कार्यों पर खर्च करने के लिए पर्याप्त धन नहीं रहता है। शहरों में इतनी दुर्दशा है कि सड़कें नहीं बन पा रहीं। नगर पालिकाओं को अनुदान नहीं मिल पा रहा है। सिंचाई की बड़ी योजनाएं कारगर नहीं हो पा रहीं।
लाड़ली बहना जैसी योजनाओं पर
अगर मतदाता ऐसी योजनाओं पर वोट देकर सरकार बना देते हैं, तो सरकार क्यों नहीं करेंगी? आज सारी सरकारें कर रही हैं। मध्यप्रदेश ने किया है, इसके पहले हिमाचल प्रदेश, बाद में अभी महाराष्ट्र की सरकार ने ₹1500 कर दिया। अभी दिल्ली में केजरीवाल ने ₹2100 की घोषणा कर दी। यह अच्छा ट्रेंड नहीं है।
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