politicswala Report
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने किसानों के लिए बुधवार को एक अच्छी खबर दी। इस बार खाद के दाम नहीं बढ़ाए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कहा कि सरकार उर्वरकों की कीमत नहीं बढ़ाएगी और यूरिया के लिए 70,000 करोड़ रुपये और डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) के लिए 38,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को अपनी बैठक में खरीफ सीजन के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी को मंजूरी दी है
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कैबिनेट की जानकारी देते हुए कहा कि कैबिनेट ने तय किया है कि सरकार खाद के दाम नहीं बढ़ाएगी।
कैबिनेट ने खरीफ सीजन के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी को मंजूरी दी है। हमारी सरकार के लिए यह जरूरी है कि देश के किसानों को समय पर खाद मिले और अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद के दाम घटने पर बोझ न उठाना पड़े। पिछले साल सरकार के बजट में उर्वरक सब्सिडी पर 2.56 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए।
325-350 लाख मीट्रिक टन यूरिया की मांग:
केंद्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स मिनिस्टर ने कहा कि यूरिया के लिए भारत की वार्षिक आवश्यकता 325-350 लाख मीट्रिक टन है। उन्होंने कहा कि पिछले साल सरकार के बजट में उर्वरक सब्सिडी पर 2.56 लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 17,000 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ आईटी हार्डवेयर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को भी मंजूरी दी।
उर्वरकों का पर्याप्त स्टॉक:
मंत्री ने कहा कि देश में यूरिया सहित सभी प्रमुख उर्वरकों के लिए पर्याप्त स्टॉक और व्यवस्था है। भारत की खाद्य सुरक्षा उर्वरकों की उपलब्धता से जुड़ी हुई है। यह खाद लाखों किसानों के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। गर्मियों में बोई गई फसल देश की वार्षिक खाद्य आपूर्ति का लगभग आधा हिस्सा है। भारत अपनी कुल उर्वरक मांग को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। मंत्री ने कहा कि विभिन्न कृषि रसायनों की वैश्विक कीमतें 2022-23 में यूक्रेन संघर्ष के कारण हर-वर्ष के उच्च स्तर पर पहुंच गई थीं, जिसके परिणामस्वरूप कुल उर्वरक सब्सिडी बिल 2.56 लाख करोड़ रुपये का हो गया था।