Mandi MP Kangana Ranaut: मंडी से भाजपा सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट एक बार फिर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं।
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने संसद सदस्य के तौर पर अपने अनुभव को “कम मजेदार” बताया।
कंगना ने कहा कि भाजपा ने जब उन्हें टिकट दिया था, तब कहा गया था कि केवल 60 से 70 दिन काम करना होगा।
बाकी समय वे अपने अन्य कार्यों पर ध्यान दे सकती हैं। कंगना का यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
सांसद का काम काफी डिमांडिंग है
कंगना ने कहा कि उन्हें बताया गया था कि सांसद के तौर पर केवल सीमित दिन काम करना होगा, लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट निकली।
उन्होंने कहा, अब जाकर समझ आया कि यह एक बहुत ही डिमांडिंग (मांग वाला) जॉब है। हर दिन कोई न कोई समस्या आती है और उसे गंभीरता से लेना पड़ता है।
उन्होंने यह भी कहा कि उनके चुनाव क्षेत्र मंडी में एक जगह से दूसरी जगह जाने में 300 से 400 किलोमीटर तक की यात्रा करनी पड़ती है, जिसमें समय और धन दोनों ही बहुत खर्च होते हैं।
ईमानदार राजनीति महंगा शौक है
कंगना ने इस बात पर भी जोर दिया कि यदि कोई सांसद ईमानदारी से काम करता है तो यह एक महंगा शौक बन जाता है।
उन्होंने बताया कि उनकी पूरी सांसद सैलरी स्टाफ, ड्राइवर और लोकल ट्रैवल पर खर्च हो जाती है।
मेरी सैलरी का बड़ा हिस्सा कुक, ड्राइवर और स्टाफ की सैलरी में चला जाता है।
जब मैं अपने क्षेत्र के अंदरूनी हिस्सों में जाती हूं तो लाखों रुपये खर्च होते हैं।
यह काम अगर ईमानदारी से करना है तो आसान नहीं है।
मुझे मंत्री बनने की उम्मीद थी
कंगना ने इंटरव्यू में इस बात को भी स्वीकारा कि उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मैं एक फिल्म निर्माता, लेखिका और निर्देशक हूं।
मेरे पास पद्मश्री है। मैंने एक कठिन सीट जीती है। मुझे लगा था कि मुझे एक विभाग मिलेगा।
कई मंत्री ऐसे हैं जो पहली बार सांसद बने हैं, फिर भी उन्हें मंत्रालय दिया गया है।
कंगना ने यह भी जोड़ा कि उनकी उम्मीदें इस आधार पर थीं कि उन्होंने पार्टी के लिए जो योगदान दिया, वह उल्लेखनीय रहा है।
मंडी के पूर्व सांसदों से मेरा रिकॉर्ड बेहतर
अपने प्रदर्शन को लेकर कंगना ने कहा कि उन्होंने मंडी से अब तक के सभी सांसदों से बेहतर काम किया है।
उन्होंने कहा कि मेरी अटेंडेंस संसद में सबसे ज्यादा है।
मैंने बिजली और प्राकृतिक आपदाओं जैसे मुद्दों को सदन में उठाया है।
मेरा अब तक का एक साल आउटस्टैंडिंग रहा है।
कंगना ने सभी पूर्व सांसदों को चुनौती देते हुए कहा कि उनके आंकड़ों से कोई मुकाबला नहीं कर सकता।
CM के काम लेकर मेरे पास न आएं
कंगना ने सांसद के तौर पर लोगों की अपेक्षाओं को लेकर निराशा जाहिर की।
उन्होंने कहा कि मुझे सांसद के तौर पर काम में मजा नहीं आ रहा, क्योंकि लोग मेरे पास ऐसे मसले लेकर आते हैं जो ग्राम पंचायत या विधायक के स्तर पर सुलझाए जाने चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले भी वह साफ कर चुकी हैं कि उनके पास कैबिनेट या अधिकारी नहीं हैं, इसलिए मुख्यमंत्री के कार्य उनसे अपेक्षित नहीं होने चाहिए।
हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब कंगना ने अपनी सीमाओं को लेकर बात की हो।
मंडी में आई आपदा के बाद राहत कार्यों को लेकर जब उनसे सवाल किए गए, तो उन्होंने कहा था कि मेरे पास न तो अफसर हैं और न कैबिनेट, इसलिए मुख्यमंत्री का काम मुझसे न कहें।
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