इंदौर ।पश्चिम बंगाल की मुख्यम्नत्री ममता बनर्जी ने अपना धरना ख़त्म दिया। ममता ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर की गिरफ़्तारी पर रोक लगा दी है। ये हमारी नैतिक जीत है। फैसले के बाद ममता का रुख एक दम बदल गया। कल तक सीबीआई अधिकारीयों को हिरासत में लेने और ललकारने वाली ममता ने आज उन्हें भाई-बहन बता दिया। मध्यप्रदेश के कद्दावर हिंदूवादी नेता कैलाश विजयवर्गीय के कारण ममता घबराई हुई है। उन्हें डर है कि अगला चुनाव हिन्दू बनाम अन्य न हो जाए। इसलिए उन्होंने उन्होंने आज अपना निशाना गौरक्षकों पर साधा। ममता ने कहा कि बंदूकों और गौरक्षकों के दम पर देश नहीं चल सकता। क्या ममता बीजेपी की हिंदूवादी चाल समझ चुकी हैं? अब वे गौरक्षकों पर निशाना लगाएंगी. क्या पश्चिम बंगाल का चुनाव कैलाश विजयवर्गीय हिन्दू वोटो को एकजुट कर बीजेपी के पक्ष में कर पाएंगे.
धरने के बाद साथ ही ममता बनर्जी ने कहा है, ‘बीते रविवार की शाम सीबीआई अधिकारी कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर उन्हें गिरफ्तार करने लिए पहुंचे थे. लेकिन अब शीर्ष अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. साथ ही उन्हें सीबीआई की पूछताछ में सहयोग करने के लिए कहा है.’ बनर्जी के मुताबिक, ‘राजीव कुमार ने कभी नहीं कहा कि वे सीबीआई की पूछताछ में सहयोग नहीं करेंगे. सीबीआई के कर्मचारी भी हमारे ही भाई-बहन हैं. मैं सीबीआई के नहीं बल्कि उसके राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ हूं.’इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘देश बंदूकों और गोरक्षकों से नहीं चलता. कोलकाता में हुए इस विवाद से जनमानस की जड़ों तक संदेश पहुंचा है. इसकी वजह से आगामी आम चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी की केंद्र की सत्ता में वापसी नहीं हो पाएगी.’
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