Kailash Vijayvargiya: एमपी अजब-गजब है और उससे ज्यादा अजब-गजब है यहां के राजनेताओं के दिए विवादित बयान।
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह का कर्नल सोफिया को दिए बयान को लेकर खूब विरोध हुआ था। यह थमा भी नहीं कि एक और विवाद सामने आ गया।
महिलाओं पर विवादित बयान देनी की सूची में एक और नाम जुड़ गया है। और यह नाम है नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का।
वैसे कैलाश विजयवर्गीय अक्सर ही अपने दिए विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं और उन्हें विरोध का भी सामना करना पड़ता है।
लेकिन इस बार कैलाश विजयवर्गीय ने भाई-बहन के रिश्ते को लेकर कुछ ऐसा बोल दिया कि उन्हें खुद अपने बयान पर सफाई देनी पड़ी।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी पर विजयवर्गीय के दिए बयान के बाद अब भाजपा कांग्रेस के निशाने पर आ गई है।
नेता प्रतिपक्ष सड़क पर बहन का चुंबन करते हैं
शाजापुर में भाजपा के सेवा पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित एक कार्यक्रम में विजयवर्गीय ने नेता प्रतिपक्ष पर टिप्पणी की, जिसे राहुल गांधी के नाम से जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पुराने जमाने में लोग अपनी बहनों के गांव का पानी तक नहीं पीते थे, जबकि आज के नेताओं के आचरण में सार्वजनिक स्थान पर अपनी बहन को चुम्मन करना आम हो गया है।
कैलाश विजयवर्गीय ने यह बयान पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में दिया।
उन्होंने कहा, आज के हमारे प्रतिपक्ष के नेता ऐसे हैं, जो अपनी जवान बहन को बीच सड़क पर चौराहे पर चुंबन कर लेते हैं।
मैं आपसे पूछता हूं कि क्या आप में से कोई ऐसा है जो अपनी जवान बहन या बेटी को सार्वजनिक रूप से चुंबन करता है। यह विदेशी संस्कृति का प्रभाव है।
उनका कहना था कि भारत में रिश्तों की मर्यादा और सम्मान महत्वपूर्ण है और देश की पहचान हमारी परंपराओं और संस्कारों से ही है।
कांग्रेस का पलटवार, विजयवर्गीय की सफाई
अब वैसे तो कैलाश विजयवर्गीय ने राहुल गांधी का नाम नहीं लिया पर उन्होंने नेता प्रतिपक्ष कहा, इसलिए इसे राहुल गांधी के नाम से जोड़ दिया गया।
कांग्रेस ने विरोध जताते हुए कहा कि पार्टी इस बयान को लेकर आंदोलन की तैयारी कर रही है।
यह बयान भाजपा की संस्कृति को दर्शाता है और मातृशक्ति के प्रति उनकी सोच को उजागर करता है।
कैलाश विजयवर्गीय राहुल और प्रियंका गांधी की बढ़ती लोकप्रियता को पचा नहीं पा रहे हैं और राजनीतिक बहस को खराब कर रहे हैं।
वहीं पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि नवरात्रि जैसे पवित्र अवसर पर भाई-बहन के पवित्र रिश्ते पर इस तरह टिप्पणी निंदा योग्य है।
कैलाश विजयवर्गीय पहले भी महिलाओं और बेटियों के कपड़ों, शिक्षा और भाषा को लेकर अनुचित टिप्पणियां कर चुके हैं।
दूसरी ओर अपने ही बयान पर विवाद बढ़ने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने सफाई दी।
उन्होंने कहा कि मैंने केवल मर्यादा की बात की थी। मैंने किसी रिश्ते की पवित्रता पर सवाल नहीं उठाया।
मैं भी अपनी बहन का सिर चूमते हूं और इसमें कोई गलत बात नहीं है। भाई-बहन और पिता-बेटी का रिश्ता पवित्र होता है।
उन्होंने कहा कि वह अपने पूरे भाषण में भारतीय और विदेशी संस्कृतियों की तुलना कर रहे थे।
मां पर गाली तो बवाल, भाई-बहन के रिश्ते पर सवाल
अब यह पहली बार नहीं जब मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने महिलाओं पर विवादित टिप्पणी की है।
इससे पहले उन्होंने कहा था कि विदेशों में कम कपड़े पहनने वाली लड़कियों को सुंदर मानने की सोच से सहमत वह नहीं हैं।
हमारे यहां अच्छे कपड़े, श्रृंगार और गहने पहनने वाली लड़की को सुंदर माना जाता है।
इससे पहले मंत्री विजय शाह भी कर्नल सोफिया पर विवादित बयान दे चुके हैं।
उस समय खूब बवाल मचा था औऱ विरोध हुआ था और अब कैलाश विजयवर्गीय।
दोनों ही भाजपा नेता है इसलिए कांग्रेस इस बार भी भारतीय जनता पार्टी पर सवाल उठा रही है।
लेकिन सोचने वाली बात है जब बिहार में पीएम मोदी की मां को गाली दी गई थी तब तो बीजेपी ने खूब बवाल काटा था, बिहार बंद करवाया, देशभर में विरोध जताकर इसे सभी की मां का अपमान बताया।
वहीं, अब तो खुद बीजेपी सरकार के मंत्री ने बहन-भाई के रिश्ते पर टिप्पणी की, तो क्या ये महिला और देश की बहनों का अपमान नहीं है। इस पर पार्टी के बड़े नेता क्या कहेंगे।
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