पत्रकार मुकेश चंद्राकर का पहले गला घोटा फिर सर पर मारी कुल्हाड़ी

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बीजापुर। 1 जनवरी 2025 को लापता हुए पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने जिले में खलबली मचा दी है। पत्रकार मुकेश का पहले गला घोंटा गया, फिर सिर पर कुल्हाड़ी से वार किया गया, जिससे उनकी मौत हो गई। हत्यारों ने शव को उनके रिश्तेदार ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बैडमिंटन कोर्ट परिसर में बने सेप्टिक टैंक में फेंक दिया और टैंक को कंक्रीट से पैक कर दिया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि मामले में अन्य संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।

हत्या की घटना और पुलिस जांच
मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी 2025 को शाम 7 बजे से लापता हो गए थे। अगले दिन 2 जनवरी को उनके भाई युकेश चंद्राकर ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मुकेश के मोबाइल का ट्रेस किया, लेकिन फोन बंद होने के कारण लोकेशन की जानकारी नहीं मिल पाई। इसके बाद पुलिस ने CCTV फुटेज और जीमेल लोकेशन के माध्यम से मुकेश की आखिरी लोकेशन बीजापुर के चट्टानपारा इलाके में स्थित सुरेश चंद्राकर के बैडमिंटन कोर्ट के पास ट्रेस की।

पत्रकारों ने जब उस क्षेत्र का दौरा किया, तो उन्होंने देखा कि सेप्टिक टैंक पर कंक्रीट का मोटा स्लैब डाला गया था, जो सामान्य रूप से सफाई के लिए बनाए गए चेंबर से अलग था। संदेह होने पर पुलिस ने टैंक को तोड़ा, जिसमें मुकेश की लाश बरामद हुई। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

ठेकेदार सुरेश चंद्राकर पर शक
मुकेश चंद्राकर ने कुछ दिन पहले ही एक 120 करोड़ रुपये की लागत से बन रही सड़क परियोजना में भ्रष्टाचार का खुलासा किया था, जो सुरेश चंद्राकर से जुड़ी थी। माना जा रहा है कि इस भ्रष्टाचार के उजागर होने के बाद मुकेश और सुरेश के बीच विवाद हुआ था। मुकेश की हत्या के आरोप में सुरेश चंद्राकर और उनके भाई रितेश चंद्राकर मुख्य संदिग्ध बनकर सामने आए हैं। पुलिस ने कहा है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मामले की पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी।

पत्रकारों का विरोध और सड़क जाम
मुकेश की हत्या के खिलाफ बीजापुर में पत्रकारों ने 4 घंटे तक नेशनल हाईवे-63 पर चक्का जाम किया। पत्रकारों ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। उनका कहना था कि इस तरह की घटनाओं से पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठते हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मुकेश चंद्राकर की हत्या पर शोक व्यक्त किया और कहा कि यह घटना पत्रकारिता और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और कड़ी से कड़ी सजा देने की बात कही।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस घटना पर दुख जताया और कहा कि प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने सरकार से मुकेश के परिवार को आर्थिक सहायता देने और सरकारी नौकरी प्रदान करने की अपील की। साथ ही बघेल ने भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया कि मुकेश की हत्या से जुड़ा मामला राजनीतिक साजिश का हिस्सा हो सकता है।

भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा ने कांग्रेस पार्टी के नेताओं, विशेष रूप से प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि सुरेश चंद्राकर की हत्या से जुड़ी राजनीति में गहरी साजिश हो सकती है। भाजपा ने आरोप लगाया कि बैज और सुरेश चंद्राकर के बीच घनिष्ठ रिश्ते थे और यह मामला राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा हो सकता है।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया
बीजापुर पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच तेज कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि जल्द ही सभी अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा और उन्हें कड़ी सजा दिलवाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। बीजापुर के एसपी जितेंद्र यादव ने कहा कि जांच पूरी तरह से निष्पक्ष रूप से की जा रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने मुकेश चंद्राकर के परिवार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने बीजापुर पहुंचकर मृतक के परिवार से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। कश्यप ने कहा कि राज्य सरकार पत्रकार मुकेश के परिवार के साथ खड़ी है और अपराधियों को सजा दिलवाने के लिए हर प्रयास किया जाएगा।

निष्कर्ष
मुकेश चंद्राकर की हत्या ने छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हत्या के पीछे के कारणों का खुलासा होने के बाद मामले की पूरी सच्चाई सामने आएगी। पुलिस और सरकार ने कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है, जबकि पत्रकारों और राजनीतिक दलों का विरोध लगातार जारी है। अब यह देखना बाकी है कि इस मामले में न्याय कब मिलता है और आरोपी किसे सजा मिलती है।

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