Indore Truck Accident

Indore Truck Accident

इंदौर ट्रक हादसा: 3 मौतों पर CM का एक्शन, ACP-ASI सहित 8 अफसर सस्पेंड

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Indore Truck Accident: इंदौर शहर सोमवार शाम उस वक्त दहशत में आ गया जब एक बेकाबू ट्रक मौत का पहिया बनकर करीब एक किलोमीटर तक दौड़ा।

एयरपोर्ट रोड पर हुई इस भीषण दुर्घटना ने शहर को हिला दिया। तेज रफ्तार ट्रक ने दर्जनों लोगों और वाहनों को रौंद डाला।

इस हादसे में जहां तीन लोगों की मौत हो गई, वहीं 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

इस दर्दनाक सड़क हादसे के बाद से पूरे इंदौर शहर में गुस्सा और आक्रोश का माहौल है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की।

वहीं, जबलपुर हाईकोर्ट ने भी इस हादसे पर सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस कमिश्नर को तलब किया है।

12 घायलों में 4 एक ही परिवार के 

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ट्रक (नंबर MP09 ZP 4069) सुपर कॉरिडोर से एयरपोर्ट की ओर आ रहा था।

ट्रकों की एंट्री शाम के समय शहर में प्रतिबंधित रहती है, लेकिन यह ट्रक नो-एंट्री में घुस आया।

पुलिस ने इसे रोकने की कोशिश भी की, मगर ड्राइवर रफ्तार बढ़ाकर भागा।

रामचंद्र नगर चौराहे पर ट्रक ने सबसे पहले दो बाइकों को टक्कर मारी और फिर कई लोगों को कुचलते हुए आगे बढ़ गया।

ट्रक में फंसी बाइक रगड़ खाती रही और उससे निकली चिंगारियों से ट्रक में आग लग गई।

देखते ही देखते सड़क पर अफरातफरी और चीख-पुकार मच गई।

इस हादसे में इंदौर विकास प्राधिकरण की संपदा शाखा के वरिष्ठ सहायक कैलाशचंद्र जोशी की मौत हो गई।

वहीं, वैशाली नगर निवासी प्रोफेसर लक्ष्मीनारायण सोनी (47) और महेश कैथवास की जान चली गई।

जोशी और सोनी परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे। वहीं 12 लोग घायल हो गए, जिनमें 4 सदस्य एक ही परिवार के हैं।

सीएम का एक्शन, आर्थिक मदद का ऐलान

घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंगलवार को इंदौर पहुंचे।

उन्होंने विभिन्न अस्पतालों में भर्ती घायलों से मुलाकात की और डॉक्टरों को हर संभव बेहतर इलाज के निर्देश दिए।

कलेक्ट्रेट में समीक्षा बैठक कर मुख्यमंत्री ने जिम्मेदार अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की।

उन्होंने डीसीपी (यातायात) अरविंद तिवारी को हटाने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इसके अलावा एसीपी सुरेश सिंह, प्रभारी एएसआई प्रेम सिंह, सूबेदार चंद्रेश मरावी, टीआई दीपक यादव सहित चार कॉन्स्टेबलों को निलंबित कर दिया।

वहीं, सीएम यादव ने हादसे को हृदय विदारक बताते हुए घोषणा की कि मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की सहायता की जाएगी।

वहीं घायलों को 1-1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने के साथ उनके इलाज का पूरा खर्च भी सरकार उठाएगी।

मुख्यमंत्री ने हादसे में साहस दिखाने वाले रिक्शा चालक अनिल कोठार और कॉन्स्टेबल पंकज यादव को सम्मानित करने की घोषणा की।

जबलपुर HC ने कमिश्नर को किया तलब

हादसे पर जबलपुर हाईकोर्ट ने भी स्वतः संज्ञान लिया। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने मामले की सुनवाई की।

जबलपुर हाईकोर्ट ने इंदौर पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई में वर्चुअली पेश होने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा कि जब शहर में नो-एंट्री लागू थी तो ट्रक अंदर कैसे घुस गया। इस मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।

हादसे की जानकारी मिलने के बाद विधायक मालिनी गौड़, सुदर्शन गुप्ता, रमेश मेंदोला और गोलू शुक्ला अस्पताल पहुंचे।

उन्होंने घायलों से मुलाकात की और प्रशासन को भविष्य में ट्रकों की नो-एंट्री व्यवस्था को और सख्ती से लागू करने की सलाह दी।

पुलिस जांच में पता चला कि ट्रक ड्राइवर शराब के नशे में था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और ट्रक को जब्त कर लिया गया है।

प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि ट्रक के ब्रेक भी फेल हो गए थे। शहरवासियों और मृतकों के परिजनों ने भी प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

उनका कहना है कि इतनी सख्त चेकिंग के बावजूद ट्रक शहर में कैसे घुस आया। जगह-जगह पुलिस तैनात थी, फिर भी यह हादसा रोकने में नाकाम रही।

पीड़ित परिवारों का दर्द

12 घायलों में से 6 गीतांजलि अस्पताल, 2 वर्मा यूनियन, 2 बांठिया अस्पताल, 1 अरविंदो और 1 भंडारी अस्पताल में भर्ती हैं।

इनमें से 2 की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुणे से इंदौर आए गोपलानी परिवार के चार सदस्य भी हादसे में घायल हुए।

कलेक्टर शिवम वर्मा घायलों का हाल जानने अस्पताल पहुंचे।

छोटी बच्ची को देखकर वे भावुक हो गए और कहा – यह मेरी बेटी है, इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा।

हादसे में मारे गए प्रोफेसर लक्ष्मीनारायण सोनी मेडिकैप्स कॉलेज में पढ़ाते थे।

उनके परिवार में पत्नी, बेटा, बुजुर्ग मां और बहनें हैं। वे परिवार के अकेले कमाने वाले थे। उनकी मौत से परिवार गहरे संकट में है।

इस सड़क हादसे में मारे गए कैलाशचंद्र जोशी अगले साल रिटायर होने वाले थे।

हादसे के वक्त उनकी बाइक ट्रक के नीचे फंस गई थी, जिससे चिंगारी निकलकर ट्रक और बाइक में आग लग गई।

कैलाश जोशी को लोगों ने आग की लपटों से बाहर निकाला, लेकिन वे बच नहीं सके।

महेश कैथवास अस्पताल में जिंदगी की जंग हार गए। मुख्यमंत्री ने उनकी पत्नी से मुलाकात कर सरकारी सेवा में मदद का आश्वासन दिया।

इंदौर का यह हादसा सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं बल्कि प्रशासनिक और ट्रैफिक व्यवस्था की लापरवाही भी है। एक नशेड़ी ड्राइवर ने तीन परिवारों को उजाड़ दिया।

मुख्यमंत्री के एक्शन और हाईकोर्ट की सख्ती से उम्मीद है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं पर लगाम लगेगी।

 

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