श्री गौड़ ब्राह्मण समाज के ट्रस्टी से त्रस्त गणेश मंदिर के पुजारी
14 माह से वेतन के चार हजार और फूल प्रसाद के पैसे नहीं दिए
इंदौर।चौकीदार के शोर में राजनेताओं को ब्राह्मणों की भी सुननी चाहिए। मंदिर और धर्म वाले दलों को देखना चाहिए। पूरे देश में पुजारियों को चौकीदार और सफाई कर्मियों से भी कम वेतन मिल रहा है। पुजारियों के हाल बहुत ख़राब है, उन्हें वोट बैंक न सही पर मानवता के नाते सरकार द्वारा तय प्रतिदिन की जो मजदूरी है, उतना वेतन तो मिलना ही चाहिए।
जुनीइंदौर (रावजी-बाज़ार मेनरोड़)स्थित चिंताहरण गणेश मंदिर शहर के अति प्राचीन मंदिरों में से एक है, जिसका इतिहास इंदौर की स्थापना जितना ही पुराना है लेकिन यहाँ तीन पीढ़ी से सेवाएं देने वाले पुराणिक पर्रिवार के मुख्य पुजारी पंडित वीरेंद्र पुराणिक को पिछले १४ माहों से एक ट्रस्टी की मनमानी के चलते वेतन नहीं दिया जा रहा है, साथ ही हार-फूल-माला के जो २१०० रु.दिए जाते थे वो भी १४ माहों से उन्हें नहीं मिले है |इतना ही नहीं पंडित परिवार को वकीलों आदि का हवाला देकर भी डराया जा रहा है और उनसे कहा जा रहा है कि वो लिखित में माफ़ी मांगे तभी कुछ हो सकता है जबकि समाजजन -भक्तगण जानते है कि पंडित ने कोई भी गलती नहीं की है, उनके बेटे को लेकर फ़ोकट का विवाद खड़ा किया जा रहा है ताकि उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सके |
गौरतलब है कि इंदौर की स्थापना के समय का श्रीगौड़ ब्राह्मण समाज का यह मंदिर अब ट्रस्ट के माध्यम से चलाया जाता है |दान में मिली जमीन पर जब से यहाँ समाज के लोगों के विरोध के बावजुद ट्रस्ट बना है तबसे ही पंडित के बुरे दिन शुरू हो गए |शुगर ,बी.पी.आँख की बीमारी,पेरों की समस्या से ग्रसित पंडित वीरेंद्र पुराणिक के परिवार के लिए परेशानी बन रही है एक ट्रस्टी की निजी जिद… जो ये नहीं चाहता है कि पंडित को वेतन मिले और वो मंदिर में सेवा दे |इस ट्रस्टी की मंशा पंडित को मंदिर से बाहर करने की ही है|इसी कारण आर.व्यास नाम का यह ट्रस्टी अन्य ट्रस्टियों पर दवाब बनाकर पंडित का वेतन भी पिछले १४ माहों से रुकवा रहा है, जबकि कुछ ट्रस्टी पंडित को वेतन देना चाहते है | पंडित के पक्षधर और भक्तों का कहना है कि ये ट्रस्टी ही समाज की एक अन्य संस्था के फर्नीचर विवाद और एक दिवालिया हुई बैंक के अस्पताल बिक्री के विवादों में सालों से घिरा है |पंडित वीरेंद्र के वेतन के मेटर में समाज के सैकड़ों लोग ट्रस्ट की मनमानी से भी दुखी है, उनका कहना है कि ये सरासर अन्याय है अन्य ट्रस्टियों को इस बढ़ते विवाद पर संज्ञान लेना ही चाहिए, पंडित बिना वेतन के कब तक जीवन यापन करेगा,वैसे ही ट्रस्ट उन्हें चौकीदार से भी कम वेतन देता है, जो कि चिंतनीय और शर्मनाक है |
उल्लेखनीय है कि इस बिगड़ी स्तिथि में भक्तों की पीड़ा और चिंता हरने वाले भगवान् चिंताहरण (खड़े )गणेश और पंडित दोनों भक्तों के हवाले है|दुःख की बात ये भी है कि १४ माह से मंदिर भक्तों के सहयोग से चल रहा है, जबकि यहाँ का एक ही भक्त ट्रस्ट को २५ हजार रु. पुष्प और मालाओं के देता है, वो भी ट्रस्ट १४ माहों से दबाए बैठा है |भक्तों और समाजजनों का कहना है कि पंडित को १४ माह का वेतन और श्रंगार खर्च का भुगतान यदि १० दिनों में नहीं किया गया तो ट्रस्ट की मनमानी को पुरे श्रीगौड़ ब्राह्मण समाज के सामने लाया जाएगा और ट्रस्टी की शिकायत भी इंदौर कलेक्टर और जनप्रतिनिधियों से की जाएगी ताकि १४ माह से आर्थिक,मानसिक रूप पीड़ित पंडित को न्याय मिल सके …कई महीनों से मैं भी ये सब देख सुन रहा था, आज मुझे भी लगा कि मुझे पंडितजी की पीड़ा को, भक्तों की पीड़ा को समाज और भक्तों लोगों तक ले जाना चाहिए ताकि पंडित पुराणिक के साथ कुछ अनर्थ घटित ना हो सके और उन्हें न्याय मिल सके ..
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