Indore Bawadi Accident

Indore Bawadi Accident

इंदौर बावड़ी हादसा… 34 लाशों के ढेर पर फिर अवैध निर्माण, बेशर्म प्रशासन-बेबस जनता

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Indore Bawdi accident-इंदौर।दो साल पहले का वो काला दिन याद करिए। जब 31 मार्च 2023, रामनवमी के दिन स्नेह नगर की बावड़ी पर बने अवैध अतिक्रमण के उपर बैठकर 50 से अधिक अनभिज्ञ और मासूम श्रद्धालु हवन कर रहे थे। पूर्णाहुति होते ही बावड़ी पर बनी कच्ची छत धंस गई और उस पर बैठे लोग 14 फ़ीट नीचे चले गए। बावड़ी में समा गए थे।
पानी की बावड़ी लचर व्यवस्था के चलते लगभग 24 घंटे तक लाशें उगलती रही और कुल 36 जानें काल कवलित हो गई थी। हंसते-खेलते परिवार जमीन हड़पने में माहिर पूर्व पार्षद और उनके गिरोह की राजनीति के शिकार हो गए। लाचार(लचर) प्रशासन, जमीन हड़पू गिरोह के राजनीतिक आकाओं के दबाव तले पांवो में लौटता नजर आया। न सिर्फ हादसे के दौरान बल्कि उसके पश्चात भी गिरोह की मंशा लगातार जमीन को हड़पने की थी। जो आज भी बरक़रार है। इसकी पुष्टि इस तरह होती है कि हादसे के 1 महीने बाद ही वहां पर पुनः एक शेड लगा लिया गया। यानि फिर से न सिर्फ अतिक्रमण कर लिया गया बल्कि स्थानीय पार्षद, विधायक, सांसद से लेकर नगर निगम के अधिकारियों तक सबको अपने साथ जोड़ लिया गया। इससे उनकी भी मूक सहमति मिल गई । सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बावजूद बावड़ी के ऊपर फिर से कब्जा करने की मुहिम के चलते 2 महीने पहले एक स्थाई बाउंड्री फेंसिंग लगाकर कर दी गई है।
कॉलोनी बनते समय 40 साल पहले इस स्थान पर कोई मंदिर नहीं था (नक्शा और फोटो मौजूद है)। फिर 20 साल पहले शुरू हुआ धीरे-धीरे अतिक्रमण का दौर। पहले बावड़ी के ऊपर अस्थाई छत डालकर और स्नेह नगर के रहवासियों से लड़कर एक अस्थायी शेड डालकर शिव मंदिर निर्माण हुआ। फिर 7 वर्ष पूर्व रातों रात सरकारी जमीन पर एक अवैध ट्रस्ट बनाकर झूलेलाल की मूर्ति भी स्थापित कर दी गई। आज फिर वही कुत्सित प्रयास जारी हैं। उन 36 मृतकों के परिजनों को 5 लाख मुआवजा देकर और मुआवजे का आश्वासन देकर शांत कर दिया गया।
इस पूरे प्रकरण में ध्यान देने योग्य बात यह है कि तत्कालीन अधिकारीयों और जिम्मेदारों ने कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की। तत्कालीन कलेक्टर, निगम आयुक्त तो इस मामले में आरोपी बनाए जाने चाहिए। बल्कि वर्तमान अधिकारी भी उतने ही दोषी हैं। इन्हें कई बार गुहार लगाने के बावजूद ये आँख मींचकर और हाथ बांधकर अतिक्रमणकारियों के साथ खड़े हैं।
आश्चर्य की बात तो यह है कि 36 हिन्दुओं की मौत के मसले पर कोई तथाकथित हिन्दू संगठन आगे नहीं आया अलबत्ता जमीन हड़पू गिरोह के अवश्य सब साथ खड़े हैं।

आशा है आपकी आत्मा की आवाज उन 36 मृतकों की आत्मशांति और न्याय का साथ देकर,अपनी तरह के देश के इस अनोखे हादसे या कहें हत्याकांड पर अगले एक हफ्ते में तथ्यपरक आवाज बुलंद करेगी।

भवदीय
एक चश्मदीद और स्थानीय रहवासी

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