B Sudarshan Reddy Nomination

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उपराष्ट्रपति चुनाव: I.N.D.I.A उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने दाखिल किया नामांकन, विपक्ष दिखा एकजुट

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B Sudarshan Reddy Nomination: उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है।

विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ने अपने उम्मीदवार के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है।

रेड्डी ने गुरुवार को संसद भवन स्थित रिटर्निंग ऑफिसर पी.सी. मोदी के कार्यालय में जाकर चार सेट में अपना नामांकन दाखिल किया।

इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, शरद पवार, संजय राउत और रामगोपाल यादव जैसे विपक्ष के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे।

नामांकन से पहले बी. सुदर्शन रेड्डी संसद परिसर स्थित प्रेरणा स्थल पहुंचे और महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। रेड्डी के प्रस्तावकों में कुल 20 सांसद शामिल थे।

बताया जा रहा है कि उन्होंने नामांकन के लिए चार सेट जमा किए, जिनमें बराबर संख्या में प्रस्तावक और समर्थक शामिल थे।

दक्षिण से दोनों उम्मीदवार

79 वर्षीय बी. सुदर्शन रेड्डी आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं।

वे गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और गोवा के पहले लोकायुक्त रह चुके हैं।

2007 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था।

दिलचस्प बात यह है कि इस बार उपराष्ट्रपति चुनाव में दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं।

विपक्ष के रेड्डी का मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन से होगा।

इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन ने नामांकन दाखिल किया था।

उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके पहले प्रस्तावक बने।

नामांकन के मौके पर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे।

भाजपा संसदीय दल की बैठक (17 अगस्त) में उनके नाम पर सहमति बनी थी।

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नंबर गेम में विपक्ष पीछे, लेकिन…

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त तय की गई है।

उम्मीदवार 25 अगस्त तक अपनी उम्मीदवारी वापस ले सकते हैं। मतदान और मतगणना 9 सितंबर को ही संपन्न होगी।

संख्या बल के हिसाब से संसद में एनडीए का पलड़ा भारी है।

हालांकि विपक्ष ने भी मुकाबले को दिलचस्प बनाने और राजनीतिक संदेश देने के लिए एकजुटता का प्रदर्शन किया है।

विपक्षी खेमे का कहना है कि यह चुनाव केवल पद की लड़ाई नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने की कोशिश है।

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