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Rp Gupta and K V Subramaniam News: पिछले 15 से भी कम दिनों में दो बड़े अफसरों पर मोदी सरकार की गाज गिरी है। एक तो हैं – केवी सुब्रमण्यम और दूसरे हैं रिटायर्ड आईएएस आरपी गुप्ता जिन्हें भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा निगम (SECI) का चेयरमैन बनाया गया था।

केंद्र सरकार ने आरपी गुप्ता को भारतीय सौर ऊर्जा निगम (SECI) के चेयरमैन के पद से बर्खास्त कर दिया। सरकार ने आरपी गुप्ता को को इस पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। उनका कार्यकाल एक महीने बचा था।
अचानक उन्हें हटाए जाने का कोई कारण अभी पता नहीं चला है। सरकार ने शनिवार को आरपी गुप्ता को हटाने का आदेश जारी किया जिसमें फैसले के पीछे कोई वजह नहीं बताई गई है।
हालांकि, कई विवादों में निगम और सौर ऊर्जा से संबंधित बड़ी कंपनियों के नाम सामने आ रहे थे। आरपी गुप्ता जून 2023 से Solar Energy Corporation of India Limited के अध्यक्ष थे।
IMF से हटाए गए केवी सुब्रमण्यन
इससे पहले केवी सुब्रमण्यन को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के एग्जिक्युटिव डायरेक्ट पद से बर्खास्त कर दिया था। सुब्रमण्यम पर की गई इस कार्रवाई का भी केंद्र सरकार ने कोई कारण नहीं बताया था। हालांकि एक अख़बार ने खबर दी थी कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने सुब्रमण्यम की किताब ‘India@100: Envisioning Tomorrow’s Economic Powerhouse’ की करीब 2 लाख कॉपियों का ऑर्डर प्रकाशन से पहले ही दे दिया था। जिनका मूल्य करीब 7.5 करोड़ रुपये है। इस ऑर्डर पर बैंक मैनेजमेंट के अंदर विवाद पैदा हो गया था। आईएमएफ में केवी सुब्रमण्यम का कार्यकाल छह महीने बचा हुआ था।
छपाई से पहले किताब के लिए 7.5 करोड़ का ऑर्डर
इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने केवी सुब्रमण्यन की इस पुस्तक ‘India@100: Envisioning Tomorrow’s Economic Powerhouse’ के प्रकाशन से पहले ही इसकी करीब 2 लाख कॉपियों का ऑर्डर दे दिया। बैंक ने अपने 18 जोनल ऑफिस को एक पत्र लिखकर कहा कि उनमें से हरेक ऑफिस 10,525 किताबें खरीदे। इनमें पेपरबैक एडिशन के लिए प्रति पुस्तक 350 रुपये जबकि हार्डकवर के लिए प्रति किताब 597 रुपये की दर से पैसे आवंटित किए जाने का प्रावधान किया गया। इस तरह, कुल 1,89,450 किताबों के लिए कुल 7.25 करोड़ रुपये की रकम निर्धारित की गई। इस रकम का आधा हिस्सा किताब की प्रकाशक कंपनी रूपा पब्लिकेशन को दे भी दिया गया।
कौन हैं केवी सुब्रमण्यम
केवी सुब्रमण्यन एक जानेमाने अर्थशास्त्री हैं जो भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) रह चुके हैं। उन्होंने 2018 से 2021 तक इस पद पर रहते हुए मोदी सरकार को आर्थिक मामलों में मंत्रणा दी है। सरकार ने उन्हें अगस्त 2022 में IMF{International Monetary Fund} के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी थी। सुब्रमण्यन ने 1 नवंबर को यह पद संभाला था। वो आईएमएफ में भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान डेस्क के इनचार्ज थे। सरकार ने उन्हें 30 अप्रैल को तत्काल प्रभाव से आईएमएफ से हटा लिया।
अब SECI चेयरमैन पर गिरी गाज
SECI का प्रमुख दायित्व नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) की खरीद और बिक्री करना है। एजेंसी का काम वैसा नहीं दिख रहा था जैसा होना चाहिए। जिसके कारण कंपनी की बार-बार आलोचना हो रही थी। कुछ महीने पहले खबर आई थी कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से नामित चार नवीकरणीय ऊर्जा कार्यान्वयन एजेंसियों (REIs) ने 40 गीगावॉट की रीन्यूएबल एनर्जी प्रॉजेक्ट्स की निविदा डाली थी, जिनका कोई खरीदार नहीं मिल पाया।
कई विवादों में फंसा SECI
मंत्रालय ने 2011 में भारतीय सौर ऊर्जा निगम को पहली नवीकरणीय ऊर्जा कार्यान्वयन एजेंसी नियुक्त किया था। इसे सौर, पवन, हाइब्रिड और एफडीआरई (फर्म एंड डिस्पैचेबल रीन्यूएबल एनर्जी) और बैटरी स्टोरेज जैसी रीन्यूएबल एनर्जी प्रॉजेक्ट्स का टेंडर जारी करना था। कुल 40 गीगावॉट में निगम के पास 12 गीगावॉट की खरीद और बिक्री का दायित्व दिया गया था जिस पर काम नहीं हो सका। ज्यादातर प्रॉजेक्ट्स से पैदा हुई ऊर्जा का कोई खरीदार नहीं मिला। अडानी ग्रीन एनर्जी, रीन्यू पावर, सॉफ्टबैंक एनर्जी, अज्योर पावर और एसीएमई सोलर जैसे बड़ी ग्रीन पावर कंपनियों के प्रॉजेक्ट्स इस लिस्ट में शामिल हैं।
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