#politicswala report
Pahalgam Terror Attack: ये कश्मीरी आतंकियों से अकेला भिड़ा, राइफल छीनी…और बचाई कई लोगों की जान। सैलानियों की जान बचाते हुए अपनी जान दे दी घोड़े वाले सैयद हुसैन शाह ने
पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) के बैसरन में आतंकियों द्वारा सैलानियों पर हमला करने पर घोड़े वाले सैयद हुसैन शाह (Syed Hussain Shah) ने अपनी जान की परवाह किए बिना उन्हें बचाने की कोशिश की। कश्मीरी मेहमाननवाजी की मिसाल पेश करते हुए उसने आतंकियों से भिड़कर उनकी राइफल छीनने का प्रयास किया जिससे कई सैलानियों की जान बच गई। इस बहादुरी में उसने अपनी जान दे दी।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) के बैसरन में मंगलवार को जब आतंकियों ने सैलानियों से धर्म पूछकर उनका कत्ल शुरू किया तो सैयद हुसैन शाह (Syed Hussain Shah) सहन नहीं कर पाया। आतंकवादियों से भीड़ गया, उनकी रायफल छीनी और लोगों की जान बचने की कोशिश की। कई लोंगों की जान बचाने में वो कामयाब तो हो गया लेकिन उसकी जान चली गयी।
सैयद हुसैन ने की थी आतंकियों से राइफल छीनने की कोशिश
सैयद हुसैन शाह पहलगाम से पास स्थित अशमुकाम का रहने वाला है। वह सैलानियों को लेकर बैसरन गया हुआ था।प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब आतंकियों ने हमला किया तो वह वहीं पर मौजूद था। उसने आतंकियों को रोकते हुए कहा कि वह ऐसा न करें, यह मासूम हैं। यह कश्मीरियों के मेहमान हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इनका मजहब क्या है, लेकिन आतंकियों ने उसे धक्का दिया।
सैयद हुसैन (Syed Hussain Shah) को जब कुछ और नहीं सूझा तो वह एक आतंकी से भिड़ गया और उसने उसकी राइफल छीनने की कोशिश की। इसी क्रम में आतंकी की राइफल से निकली गोलियां (Pahalgam Attack) उसका शरीर को भेद गई और वह वहीं जमीन पर जख्मी होकर गिर पड़ा।
सैयद हुसैन की बहादुरी से कई लोगों की बची जान
उसे अन्य घायलों के साथ जब अस्पताल पहुंचाया गया तो वह दम तोड़ चुका था। सैयद हुसैन शाह के एक साथी बिलाल ने बताया कि अगर सैयद हुसैन चाहता तो अपनी जान बचा सकता था, लेकिन उसने भागने के बजाय आतंकियों (Pahalgam Attack News) का मुकाबला किया। उसकी बहादुरी और बलिदान के कारण कई लोगों की जान बची है। अगर वह आतंकियों का मुकाबला न करता तो शायद बैसरन में मौजूद और लोग भी मारे जाते।
‘मेरा बेटा शहीद हो गया…’, सैयद हुसैन की मौत पर बोले पिता
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) में घोड़ेवाले सैयद आदिल हुसैन शाह की मौत ने उनके परिवार को तोड़कर रख दिया है। परिवार का इकलौता कमाने वाला चला गया है। परिवार के सदस्य अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
सैयद की दुखद मौत ने उसके परिवार को शोक में डाल दिया है, वे इस नुकसान से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और निर्दोष व्यक्ति की मौत के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
घर में इकलौता कमाने वाला था
सैयद आदिल हुसैन शाह (Syed Hussain Shah) के पिता, सैयद हैदर शाह ने कहा, ‘मेरा बेटा हमारे परिवार के लिए कमाने वाला इकलौता था। वह कल काम करने के लिए पहलगाम (Pahalgam Attack) गया था, और दोपहर 3 बजे के आसपास, हमें हमले के बारे में पता चला। हमने उसे फोन किया, लेकिन उसका फोन बंद था।
बाद में, शाम 4:30 बजे, उसका फोन चालू हुआ, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। हम पुलिस स्टेशन पहुंचे, और तब हमें पता चला कि वह हमले में घायल हो गया था। मेरा बेटा शहीद हो गया, और वह हमारे परिवार का एकमात्र कमाने वाला था। हम उसकी मौत के लिए न्याय चाहते हैं। वह एक निर्दोष व्यक्ति था। उसे क्यों मारा गया? जो भी जिम्मेदार है, उसे परिणाम भुगतने होंगे।’
मां बोली हमारा तो वो ही सहारा था
इतना ही नहीं, मृतक की मां ने आंसू से भरी आवाज में, अपने बेटे की अपूरणीय क्षति के बारे में बात करते हुए कहा, ‘वह हमारा एकमात्र सहारा था। वह घोड़ों की सवारी करता था और परिवार के लिए पैसे कमाता था। अब हमारे लिए कोई और नहीं है जो हमें भरण-पोषण दे सके। हम नहीं जानते कि उसके बिना हम क्या करेंगे।’
हमारी कश्मीरियत पर दाग
गुलाम के एक रिश्तेदार मोहिद्दीन शाह ने कहा, ‘हम इस क्षेत्र से हैं और हमें इस नुकसान का गहरा दर्द है। आदिल एक गरीब परिवार से था और उसकी मौत ने उन्हें किसी सहारे से वंचित कर दिया है। यह हमारी कश्मीरियत पर एक दाग है। हम सरकार से इस हमले की जांच करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि आदिल जैसे निर्दोष लोगों के साथ ऐसी घटनाएं न हों। हमें उसके परिवार के लिए न्याय चाहिए।’
परिवार अब सरकार से मदद मांग रहा है, क्योंकि वे इस भारी दुख और अनिश्चितता से जूझ रहे हैं। शाह का परिवार न केवल अपने बेटे की मौत के लिए बल्कि उन सभी निर्दोष लोगों के लिए जवाबदेही चाहता है, जो इस क्रूर आतंक से प्रभावित हैं, जो उनके क्षेत्र को परेशान करता रहता है।
You may also like
-
बौखलाया पाकिस्तान- बुलाई अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक
-
भारत ने किये 5 बड़े फैसले- सिंधु समझौता स्थगित, अटारी बॉर्डर बंद, 48 घंटे में भारत छोड़े पाक नागरिक
-
पहलगाम आतंकी हमला: सुरक्षा चूक पर उठे सवाल, धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वालों को जवाब
-
किसी की हफ्तेभर पहले हुई थी शादी… कोई मनाने गया था एनिवर्सरी… पहलगाम आतंकी हमले की रुला देने वाली 6 कहानियां
-
पहलगाम आतंकी हमला- आक्रोश, दुःख और संवेदनाओं से भर गया सोशल मीडिया