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चंडीगढ़। हरियाणा में सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा के सहयोगी जजपा ने उसका साथ छोड़ दिया। लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में भाजपा और जननायक जनता पार्टी(जजपा) का गठबंधन टूट गया है।
इस टूट का सबसे बड़ा कारण ये जा रहा है कि जजपा हरियाणा में 1 से 2 लोकसभा सीटें मांग रही थी, जबकि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व और राज्य संगठन सभी 10 सीटों पर खुद लड़ने के पक्ष में है। यही टूट की वजह है। इसके बाद से भी दोनों की बीच दरार आई। सुबह ही जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने अपना सरकारी
वाहन लौटाकर इसके संकेत दे दिए थे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में राजभवन पहुंचकर कैबिनेट समेत सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। हरियाणा में सीएम चेहरा बदलने की भी चर्चाएं हैं। हालात को देखते हुए भाजपा ने पर्यवेक्षक के तौर पर अर्जुन मुंडा और तरुण चुघ को चंडीगढ़ भेजा है।
गठबंधन टूटने के बावजूद भाजपा के पास बहुमत
हरियाणा में जजपा से गठबंधन टूटा लेकिन बहुमत भाजपा के ही पास है। हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं। जिसमें से भाजपा के पास खुद के 41 MLA, 6 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक का समर्थन है यानी भाजपा के पास 48 विधायक हैं। बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए।