Raghvendra Pratap Singh: ‘जो हिंदू लड़का मुस्लिम लडक़ी लाएगा, उसकी नौकरी का इंतेज़ाम हम करेंगे।’
ये विवादित बयान दिया है भाजपा के पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने, जिनका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वयारल वीडियो में बीजेपी नेता अपनी जनसभा के दौरान हिंदू लड़कों से मुस्लिम लड़कियों का अपहरण करने के लिए कह रहे हैं।
इसके अलावा राघवेंद्र प्रताप सिंह ने शहर के बड़े मौलानाओं और मुसमलानों को धमकी भी है।
योगी जी इनपर भी कुछ कहिए अब… पूर्व BJP विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह का विवादित बयान#bjp #muslimgirl #siddharthnagar #upbjp #Domariyaganj #lovejihad #yogiadityanath #uttarpradesh #viralvideo #upnews pic.twitter.com/wpdRr0wmeB
— Politicswala (@politicswala1) October 27, 2025
BJP के पूर्व MLA का ‘2 के बदले 10’ का फॉर्मूला
राघवेंद्र प्रताप सिंह, उत्त्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं।
हाल ही में इनकी एक जनसभा के दौरान दिया विवादित बयान सोशल मीडिया पर तेजी से चर्चा में आ गया है।
राघवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि 10 मुस्लिम लड़कियों का अपहरण कर लो, मैं उनकी नौकरी लगवा दूंगा।
दरअसल, पूर्व विधायक का दावा है कि एक महीने के भीतर दो हिंदू लड़कियों ने मुस्लिम लड़कों से शादी कर ली है।
इसी सिलसिले में एक बैठक बुलाई गई थी। बैठक में यह तय हुआ कि इन दोनों लड़कियों के बदले दस मुस्लिम लड़कियों का अपहरण किया जाएगा।
पूर्व विधायक ने साफ शब्दों में कहा कि 2 पे कम से कम 10 मुसलमान लड़की लाओ और उनको हिंदू बनाओ।
शादी हम कराएंगे और ये घोषित करते हैं कि जो हिंदू लड़का, मुस्लिम लड़की लाएगा उसकी नौकरी का इंतजाम भी हम करेंगे।
मुसलमानों और मौलानाओं को भी दी धमकी
इसके साथ ही मुसलमानों और मौलानाओं को धमकी देते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि मुसलमानों सुन लो ये हमें पच नहीं रहा है। ये दो का बदला कुछ भारी होना ही होना है।
अब पूर्व विधायक का ये बयान वायरल होने के बाद कई संगठनों और नागरिकों ने इसे भड़काऊ और नफरत फैलाने वाला बताया है।
लोगों ने सवाल उठाया है कि जब धर्मांतरण के मामलों में मुस्लिमों पर तुरंत मुकदमे दर्ज किए जाते हैं, तो ऐसे नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती।
उत्त्तर प्रदेश बीजेपी शासित राज्य हैं, जहां योगी आदित्यनाथ की सरकार है और इस जगह पर मुसलमानों को खुलेआम गालियां दी जा रही।
सिर्फ़ गली के गुंडे या उपद्रवी द्वारा नहीं, बल्कि इसमें ऐसे लोग भी है जो जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
प्रशासन क्यों चुप? कार्रवाई कब?
फिलहाल, इस पूरे मामले में अब तक स्थानीय प्रशासन या पुलिस की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
लेकिन लोग सवाल उठा रहें हैं कि अगर ऐसा बयान किसी मुस्लिम नेता ने दिया होता, तो तुरंत कार्रवाई और गिरफ्तारी होती।
कानून सब के लिए समान रूप से लागू होना चाहिए। अगर यूपी पुलिस निष्पक्ष है, तो इस मामले में भी एफआईआर होनी चाहिए।
बता दें राघवेंद्र प्रताप सिंह पर पहले भी अभद्र, विभाजनकारी भाषण और धार्मिक आधार पर उकसाने वाले बयानों का आरोप लग चुका है।
अब यह देखना ये है कि उत्त्तर प्रदेश प्रशासन इस मामले पर क्या कार्रवाई करेगा?
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