Delhi NCR Green Crackers: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली-एनसीआर के लोगों को दीवाली से ठीक पहले बड़ी राहत दी है।
कोर्ट ने राहत देते हुए दिल्ली-एनसीआर मं ग्रीन पटाखे बेचने और फोड़ने की इजाजत दे दी है। हालांकि, यह अनुमति कुछ सख्त शर्तों के साथ होगी।
CJI बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा कि हमें उत्सव की भावना और पर्यावरण की सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखना होगा।
कोर्ट ने साफ किया कि पर्यावरण के साथ समझौता नहीं होगा, लेकिन त्योहार की खुशी पर भी पूरी तरह से रोक नहीं लगाई जा सकती।
कब और कितने समय तक चल सकेंगे पटाखे?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 20 अक्टूबर (दीवाली के दिन) लोग सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक पटाखे फोड़ सकेंगे।
वहीं 18 से 21 अक्टूबर तक सीमित स्थानों पर पटाखों की बिक्री की इजाजत दी गई है।
हालांकि, यह अनुमति केवल उन्हीं निर्माताओं और दुकानदारों को मिलेगी जिनके पास NEERI (National Environmental Engineering Research Institute) और PESO (Petroleum and Explosives Safety Organisation) की मान्यता है।
कोर्ट ने कहा कि हमें ऐसी नीति अपनानी होगी जिससे उद्योग, रोजगार, त्योहार और पर्यावरण सभी का संतुलन बना रहे।
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस और प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि केवल लाइसेंस प्राप्त दुकानदारों से ही पटाखे खरीदे जाएं और कोई अवैध पटाखा NCR क्षेत्र में न लाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने लगा दी ये 5 शर्तें
1. गश्ती दल निगरानी करेगा: पुलिस और प्रशासन की पेट्रोलिंग टीम नियमित जांच करेगी।
2. QR कोड अनिवार्य: हर ग्रीन पटाखे के डिब्बे पर QR कोड होना जरूरी है और इसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
3. बाहर से पटाखे लाने पर रोक: NCR क्षेत्र के बाहर से कोई भी पटाखा लाने की इजाजत नहीं होगी।
4. नकली पटाखों पर कार्रवाई: अगर गैर-प्रमाणित पटाखे बिकते मिले, तो लाइसेंस तुरंत रद्द किया जाएगा।
5. AQI मॉनिटरिंग: 18 अक्टूबर से वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की निगरानी शुरू की जाएगी।
CJI गवई ने सुनवाई के दौरान कहा कि पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध से प्रदूषण पर बड़ा फर्क नहीं पड़ा।
उन्होंने जोड़ा कि पराली जलाना, वाहन उत्सर्जन और औद्योगिक धुआं भी प्रदूषण के बड़े कारण हैं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा कि पटाखा उद्योग को पूरी तरह बंद करना उचित नहीं है, क्योंकि इससे लाखों लोगों की आजीविका प्रभावित होती है।
नकली पर लाइसेंस रद्द, कौन बेच सकता है पटाखे?
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस बार केवल NEERI प्रमाणित ग्रीन पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल की अनुमति होगी।
इन पटाखों से पारंपरिक पटाखों की तुलना में 30% कम उत्सर्जन होता है।
QR कोड स्कैन करने से उपभोक्ता को यह जानकारी मिलेगी कि पटाखा ग्रीन है या नहीं।
इस बीच, दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण का स्तर “खराब” श्रेणी में पहुंच गया है।
CAQM (Commission for Air Quality Management) ने तत्काल प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-1) लागू कर दिया है।
इसके तहत —
- सड़कों की सफाई और पानी छिड़काव बढ़ाना होगा
- खुले में कचरा जलाने पर रोक
- निर्माण मलबे का उचित निपटान
- सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना
सोमवार को दिल्ली का AQI 211 दर्ज किया गया था, जो “Poor” कैटेगरी में आता है।
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