Damoh Foot Wash Video: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में पैर धुलाई प्रकरण को लेकर राजनीतिक बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।
अब इस मामले में एक नया वीडियो सामने आने के बाद सियासत और तेज हो गई है।
वीडियो में कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा पीड़ित युवक के चाचा से कथित तौर पर कह रहे हैं— “अगली बार गंदगी खा लेना।”
बीजेपी ने इस बयान को ओबीसी समाज का अपमान बताया है, जबकि कांग्रेस ने इसे एडिटेड वीडियो बताकर पलटवार किया है।
पहले जानें पूरा मामला क्या है?
दमोह जिले के सतरिया गांव में 10 अक्टूबर को एक युवक से दूसरे युवक के पैर धुलवाकर वही पानी पिलाने की घटना सामने आई थी।
जानकारी के अनुसार, गांव में पंचायत ने एक युवक पर एआई जेनरेटेड मीम पोस्ट करने का आरोप लगाया था।
युवक ने दूसरे व्यक्ति का फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था, जिसमें वह जूते की माला पहने नजर आ रहा था।
इस पोस्ट को लेकर गांव में नाराजगी बढ़ी और पंचायत ने युवक को सजा दी कि वह ‘अनुज पांडे’ नामक व्यक्ति के पैर धोए और वही पानी पिए।
कहा यह भी गया कि यह ‘सजा’ पंचायत द्वारा दी गई ताकि मामला शांत हो सके।
इस मामले का एक और दिलचस्प पहलू यह रहा कि पैर धुलवाने वाले युवक अनुज पांडे ने वीडियो जारी कर कहा, यह ओबीसी बनाम अन्य वर्ग का मामला नहीं है।
हमारा आपस में गुरु-शिष्य का रिश्ता है। युवक ने अपनी इच्छा से मेरे पैर धोए थे। अगर किसी समाज की भावना आहत हुई है तो मैं क्षमा चाहता हूं।
पीड़ित युवक ने भी अपने वीडियो में कहा था कि उसने यह काम दबाव में नहीं, बल्कि पारिवारिक रिश्ते के तहत किया था और लोगों से घटना को राजनीतिक रंग न देने की अपील की थी।
हालांकि, इस अमानवीय घटना का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार, पुलिस प्रशासन, और राजनीतिक दलों में हड़कंप मच गया।
#Casteism The terror of casteist Manuvadi mindset is rising. In Damoh district, Madhya Pradesh, a young OBC man was forced by Brahmins to wash their feet and drink that water. These so-called “civilized” people still see SC, ST, and OBCs as “Shudras” and “untouchables.” pic.twitter.com/oozr6N2SMP
— The Dalit Voice (@ambedkariteIND) October 12, 2025
पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे कांग्रेस नेता
घटना के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के निर्देश पर कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल 15 अक्टूबर को सतरिया गांव पहुंचा।
इसमें सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा, दतिया विधायक फूलसिंह बरैया और जबलपुर के पूर्व विधायक विनय सक्सेना शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित युवक और उसके परिजनों से मुलाकात की, हालचाल पूछा और आश्वासन दिया कि कांग्रेस उनके साथ है।
इसी दौरान एक वीडियो रिकॉर्ड किया गया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
वायरल वीडियो में कथित रूप से देखा गया कि जब पीड़ित युवक के चाचा ने कहा— हमें कोई धमकी नहीं मिली, सब ठीक है।
तो इसके विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा गुस्से में उनके करीब जाकर बोले— अगली बार गंदगी (मानव मल)खा लेना।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके बाद विधायक ने फिर से यह शब्द दोहराए और उन्हें हल्का धक्का भी दिया।
कुछ ही घंटों में वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसे बीजेपी ने ओबीसी समाज का अपमान बताया।
कांग्रेस की असंवेदनशीलता उजागर- बीजेपी
भाजपा ने अब इस मुद्दे को उठा दिया है और इसे “ओबीसी समाज का तिरस्कार” बताते हुए कांग्रेस पर हमला बोला है।
मध्य प्रदेश बीजेपी के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा, यह कांग्रेस की असंवेदनशीलता का प्रमाण है।
विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा पीड़ित परिवार के साथ सहानुभूति जताने के बजाय उन्हें अपमानित कर रहे हैं। यह बयान पूरे ओबीसी समाज के खिलाफ है।
डॉ. मोहन यादव की सरकार पीड़ितों को न्याय दिला रही है, लेकिन कांग्रेस उनके जख्मों पर नमक छिड़क रही है।
आशीष अग्रवाल ने मांग की कि जीतू पटवारी और राहुल गांधी को ओबीसी समाज से माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस बार-बार पिछड़े वर्गों का अपमान करती है और अब इस वीडियो ने उसकी मानसिकता को उजागर कर दिया है।
वीडियो एडिटेड, बीजेपी कर रही राजनीति- कांग्रेस
वहीं, कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने कहा, वीडियो एडिटेड है।
कांग्रेस ने हमेशा पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा की है। बीजेपी झूठ फैलाकर ओबीसी समाज को भड़काने की कोशिश कर रही है।
सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, जो कुछ हुआ वह कोर्ट के आदेश पर हुआ।
विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने भी सफाई दी कि उन्होंने ऐसा कोई शब्द नहीं कहा।
मैंने पीड़ित के चाचा के कान में सिर्फ इतना कहा था — ‘आप डरो नहीं, हम सब आपके साथ हैं।
अब कोई वीडियो बनाकर उसे तोड़-मरोड़कर वायरल कर रहा है।
हालांकि, वीडियो वायरल होने के बाद जब मीडिया ने पीड़ित युवक के चाचा से प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने किसी भी बयान से इनकार कर दिया।
उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि उन्हें कोई धमका या डरा नहीं रहा है और वे किसी को दोषी नहीं ठहरा सकते।
गांव में पुलिस-प्रशासन की निगरानी, माहौल शांत
घटना के बाद से ही सतरिया गांव में पुलिस और प्रशासन की टीमें लगातार डेरा डाले हुए हैं।
एसडीएम राकेश मरकाम ने बताया कि गांव में पुलिस, राजस्व अधिकारी और स्थानीय प्रशासन लोगों से संवाद कर रहे हैं और शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।
पीड़ित युवक पुरुषोत्तम सोत्तम कुशवाहा ने कहा, मैं पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई से संतुष्ट हूं। कुछ लोगों के कहने पर फिलहाल घर से बाहर नहीं निकल रहा हूं। प्रशासन ने हमें भरोसा दिलाया है कि न्याय होगा।
दमोह के एडिशनल एसपी सुजीत सिंह के मुताबिक, घटना की जड़ एक एआई जेनरेटेड वीडियो है। अनुज पांडे और अन्य चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
सभी आरोपी फिलहाल फरार हैं, लेकिन जल्द गिरफ्तारी होगी। जो भी व्यक्ति इस अमानवीय घटना में शामिल हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होगी।
फिलहाल, दमोह का यह मामला अब सिर्फ एक गांव की घटना नहीं रह गया है। बल्कि यह अब मध्य प्रदेश में बड़ी बहस का विषय बन गया है।
बीजेपी इसे ओबीसी समाज के अपमान से जोड़कर कांग्रेस पर हमला बोल रही है, तो कांग्रेस इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताकर सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठा रही है।
वहीं, सामाजिक संगठनों ने इस घटना को “मानवता के खिलाफ” करार दिया है और कुरीतियों के उन्मूलन की मांग की है।
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