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दिल्ली। चुनावों में हार के लिए राज्यों के प्रभारी जिम्मेदार होंगे। यह बयान है कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का। खरगे ने पार्टी महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों की मीटिंग में यह बात कही। इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि हम पार्टी की मजबूती के लिए जल्दबाजी में कई लोगों को शामिल कर लेते हैं लेकिन विचारधारा में कमजोर लोग मुश्किल समय में भाग खड़े होते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा,’मैंने कार्य समिति की पिछली दो मीटिंग्स में संगठनात्मक सृजन बात की थी। उस कड़ी में कई फैसले लिए जा चुके हैं। कुछ और फैसले जल्दी ही किए जाएंगे.’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया,’मैं सबसे जरूरी बात जवाबदेही के बारे में भी आप सभी से कहना चाहूंगा। आप सभी अपने प्रभार वाले राज्यों के संगठन और भविष्य के चुनाव परिणामों के लिए जवाबदेह होंगे। ‘
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों की मीटिंग में नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि चयन समिति से चीफ जस्टिस को बाहर करने से साफ है कि सरकार को उनकी निष्पक्षता पर भी भरोसा नहीं है।
इस दौरान जमीनी स्टार पर पार्टी को मजबूत करने के लिए और ा ज्यादा मेधनत करने की हिदायत दी गई। महासचिवों और प्रभारियों से कहा गया है कि वे राज्य के सचिवों के संपर्क में रहें। राज्यों का दौरा करें। कार्यकर्ताओं व नेताओं से मिलें। ताकि जिला और राज्य स्तर के नेताओं को दिल्ली के चक्कर नहीं लगाने पड़ें।
कांग्रेस ने एक के बाद एक कई विधानसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बीते शुक्रवार को अपने राष्ट्रीय संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए दो नए महासचिव और नौ प्रदेश प्रभारी नियुक्त किए थे। पार्टी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन को महासचिव व रजनी पाटिल, बीके हरिप्रसाद और मीनाक्षी नटराजन समेत नौ नेताओं को विभिन्न प्रदेशों का प्रभारी नियुक्त किया था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इन नेताओं को नई जिम्मेदारी सौंपने के साथ ही राजीव शुक्ला, मोहन प्रकाश, देवेंद्र यादव, अजय कुमार, दीपक बाबरिया और भारत सिंह सोलंकी को प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त किया था। पार्टी ने हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और दिल्ली के विधानसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद संगठन में यह बदलाव किया है।
इस बैठक में पिछले कुछ महीनों के विधानसभा चुनावों खासकर दिल्ली में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन को लेकर भी विचार विमर्श किया गया और आगामी चुनावों पर भी चर्चा की गई ।
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