Rahul Gandhi Security Protocol

Rahul Gandhi Security Protocol

कांग्रेस नेता राहुल गांधी नहीं मानते हैं सुरक्षा प्रोटोकॉल, CRPF ने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को लिखा लेटर

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Rahul Gandhi Security Protocol: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर राहुल गांधी पर बड़ा आरोप लगाया है।

CRPF के मुताबिक राहुल गांधी बार-बार Z+ कैटेगरी सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहे हैं।

एजेंसी ने कहा है कि बीते 9 महीनों में राहुल बिना सूचना दिए 6 बार विदेश यात्रा पर गए, जिससे उनकी सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हुआ।

CRPF का पत्र और गंभीर आरोप

सीआरपीएफ के वीवीआईपी सिक्योरिटी प्रमुख सुनील जून ने 10 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और राहुल गांधी को पत्र भेजा।

पत्र में कहा गया कि राहुल गांधी अपनी सुरक्षा को गंभीरता से नहीं ले रहे और अक्सर एजेंसियों को जानकारी दिए बिना विदेश दौरे कर लेते हैं।

इस दौरान वे इटली, वियतनाम, दुबई, कतर, लंदन और मलेशिया की यात्रा कर चुके हैं।

सीआरपीएफ ने साफ किया कि राहुल गांधी को ‘Z+ with ASL (Advance Security Liaison)’ कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है, जिसमें येलो बुक प्रोटोकॉल’ का पालन अनिवार्य है।

इसके तहत किसी भी वीआईपी को अपनी यात्रा, खासकर विदेश दौरों की, सुरक्षा एजेंसियों को पहले से सूचना देनी होती है।

9 महीनों में 6 विदेश दौरे

एजेंसी ने राहुल गांधी की हाल की यात्राओं का ब्यौरा भी पत्र में शामिल किया—

  • 30 दिसंबर 2024 से 9 जनवरी 2025 – इटली दौरा
  • 12 से 17 मार्च 2025 – वियतनाम दौरा
  • 17 से 23 अप्रैल 2025 – दुबई दौरा
  • 11 से 18 जून 2025 – कतर दौरा
  • 25 जून से 6 जुलाई 2025 – लंदन दौरा
  • 4 से 8 सितंबर 2025 – मलेशिया दौरा

सीआरपीएफ का कहना है कि इन छह यात्राओं की पहले से सूचना एजेंसी को नहीं दी गई।

इस वजह से विदेश में उनके लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतज़ाम करने में भारी कठिनाई आई।

राहुल की सुरक्षा में पहले भी हुई चूक

सीआरपीएफ ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि राहुल गांधी की सुरक्षा में पहले भी कई बार चूक हो चुकी है।

  • अगस्त 2025, पूर्णिया (बिहार): वोटर अधिकार यात्रा के दौरान एक युवक अचानक राहुल के पास पहुंच गया और उन्हें किस कर लिया।
  • जनवरी 2023, काजीगुंड (जम्मू-कश्मीर): भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भीड़ ने राहुल को घेर लिया और वे करीब आधे घंटे फंसे रहे।
  • फरवरी 2022, लुधियाना (पंजाब): रैली के दौरान रास्ते में किसी ने उनकी कार पर झंडा फेंका, जो उनके चेहरे पर लगा।

ये घटनाएं बताती हैं कि यदि सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया तो राहुल गांधी पर खतरा बढ़ सकता है।

क्या है ‘येलो बुक प्रोटोकॉल’?

‘येलो बुक प्रोटोकॉल’ वीवीआईपी सुरक्षा व्यवस्था का अहम हिस्सा है।

इसके तहत यात्रा से 15 दिन पहले एजेंसियों को सूचना देना अनिवार्य है।

जिला प्रशासन, राज्य पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और सुरक्षा बलों के साथ समन्वय बैठकों का आयोजन किया जाता है।

संभावित खतरे, धमाके या विस्फोटक जैसी आशंकाओं की जांच की जाती है।

यात्रा मार्ग, सुरक्षा उपकरण, भीड़ नियंत्रण और इमरजेंसी प्लान का अभ्यास कराया जाता है।

सीआरपीएफ का कहना है कि राहुल गांधी इन नियमों की लगातार अनदेखी कर रहे हैं।

113 बार नियम तोड़ने का आरोप

सीआरपीएफ ने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने राहुल गांधी की शिकायत की है।

एजेंसी के अनुसार, 2020 से अब तक राहुल गांधी 113 बार सुरक्षा दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर चुके हैं।

इसमें भारत जोड़ो यात्रा का दिल्ली चरण भी शामिल है, जब सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे थे।

बता दें केंद्र सरकार ने नवंबर 2019 में गांधी परिवार से विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) सुरक्षा हटा दी थी।

इसके बाद से सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को CRPF की Z+ कैटेगरी सुरक्षा दी गई है।

एसपीजी सुरक्षा गांधी परिवार को करीब तीन दशकों तक मिली रही।

सीआरपीएफ की कांग्रेस से अपील

सीआरपीएफ ने अपने पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे से अपील की है कि वे राहुल गांधी को सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए बाध्य करें।

एजेंसी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो राहुल की सुरक्षा को खतरा और बढ़ सकता है।

राहुल गांधी की विदेश यात्राओं और सुरक्षा प्रोटोकॉल उल्लंघन को लेकर उठे इस विवाद ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है।

सवाल यह है कि राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व सुरक्षा एजेंसियों की चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेते हैं।

क्योंकि यदि सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी जारी रही तो किसी भी बड़े हादसे का खतरा नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता।

 

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