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Ahmedabad Congress Adhiveshan:
अहमदाबाद। विधानसभा चुनाव 2027 की जोरदार तैयारियों के मद्देनजर कांग्रेस का अखिल भारतीय अधिवेशन 8 अप्रैल को अहमदाबाद में शुरू हो गया है। कांग्रेस का यह 84वां अधिवेशन दो दिन (8 और 9 अप्रैल) चलेगा। इस अधिवेशन की थीम है, ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण, और संघर्ष। इसके साथ ही ‘संविधान बचाओ यात्रा’ नामक राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत भी अहमदाबाद से होगी, जिसका लक्ष्य भाजपा को चुनौती देना और कांग्रेस की स्थिति मजबूत करना है।’गुजरात में 64 साल बाद पार्टी यह कार्यक्रम कर रही है। इससे पहले 1961 में भावनगर में अधिवेशन हुआ था। यह आजादी के बाद गुजरात में कांग्रेस का पहला कार्यक्रम था।
पार्टी के मुताबिक यह अधिवेशन गुजरात में संगठन को मजबूत करने और 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए रोडमैप तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी अहमदाबाद पहुंचें। दोनों नेता कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के बाद शाम को साबरमती आश्रम जाएंगे। फिलहाल प्रियंका आज अहमदाबाद नहीं पहुंची हैं। वहीं, कल की मीटिंग के लिए आज दो चार्टर्ड प्लेन में 80 कांग्रेस नेता अहमदाबाद पहुचेंगे।
- 8 अप्रैल 2025: पहले दिन सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक में कांग्रेस वर्किंग कमेटी यानी CWC की बैठक होगी। इसमें देशभर से ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी यानी AICC के करीब 262 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इसकी अध्यक्षता मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे। शाम 5 बजे साबरमती आश्रम में भजन और प्रार्थना सभा भी होगी।
- 9 अप्रैल 2025: आखिरी दिन साबरमती रिवरफ्रंट पर मुख्य अधिवेशन होगा, जिसमें सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और CWC के सदस्य शामिल होंगे।
कांग्रेस अधिवेशन की शुरुआत कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के साथ होगी। यह बैठक सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक में होगी। इसमें CWC के सदस्यों के साथ-साथ कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।

कांग्रेस कमेटी के 1700 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे
मुख्य अधिवेशन 9 अप्रैल को होगा, जिसमें देशभर से 1700 से अधिक कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि भाग लेंगे। यह कार्यक्रम साबरमती रिवर फ्रंट पर होगा। यहां VVIP डोम बनाया गया है।इस साल महात्मा गांधी के बतौर कांग्रेस अध्यक्ष 100 साल पूरे हो रहे हैं। इसके अलावा सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती भी है। दोनों ही महान विभूतियां गुजरात में पैदा हुई थीं, इसलिए कांग्रेस पार्टी ये अधिवेशन गुजरात में कर रही है। सोनिया गांधी, राहुल, प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पदाधिकारी रहेंगे मौजूद
अधिवेशन का उद्देश्य और भविष्य की तैयारियां
रणनीति और अभियान की शुरुआत अधिवेशन में 2027 के गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाई जाएगी। इसके साथ ही ‘संविधान बचाओ यात्रा’ नामक राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत भी अहमदाबाद से होगी, जिसका लक्ष्य भाजपा को चुनौती देना और कांग्रेस की स्थिति मजबूत करना है।
ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 15 सदस्यीय ड्राफ्टिंग कमेटी बनाई है, जिसके संयोजक रणदीप सुरजेवाला हैं। इसमें भूपेश बघेल, सचिन पायलट और विक्रांत भूरिया जैसे नेता शामिल हैं।
यह कमेटी अधिवेशन में चर्चा के लिए प्रस्तावों और रणनीतियों का मसौदा तैयार कर रही है। कमेटी की कई बैठकें दिल्ली और अन्य स्थानों पर हो चुकी हैं, जहां बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों पर फोकस किया गया। दो दिवसीय कार्यक्रम में करीब 3000 कांग्रेस नेता शामिल होंगे।
‘कांग्रेस अपनी पुरानी परम्परा को दोबारा जीवित करना चाहती है। आजादी के बाद से हर साल किसी नए राज्य में कांग्रेस का अधिवेशन होता था, लेकिन इमरजेंसी लगने के बाद यह परम्परा टूट गई। 2002 में सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद अधिवेशन सिर्फ दिल्ली में होने लगा। अब कांग्रेस की नींद टूटी है कि नए राज्य में अधिवेशन करने से पार्टी की छवि बदलेगी और उसे अपनी ताकत का अंदाजा होगा। कांग्रेस BJP के गढ़ यानी गुजरात से ही BJP को खत्म करने की राह पर चल पड़ी है।’
रशीद किदवई, पॉलिटिकल एक्सपर्ट
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