झाबुआ। भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक जीएस डामोर सहित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के 74 अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त ने केस दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है। सभी पर फर्जी नलकूप खोदकर पैसा हड़पने का आरोप है। लोकायुक्त ने पूर्व में पीएचई के तत्कालीन चीफ इंजीनियर जीएस डामोर समेत विभाग के 74 अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ पीएचई को केस दर्ज करने को कहा था। मालूम हो कि कांग्रेस सांसद कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत को हराकर डामोर झाबुआ से बीजेपी विधायक बने हैं.
लोकायुक्त ने कहा था कि उक्त कर्मचारियों ने विभाग के एक अफसर के खिलाफ की गई शिकायत के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए है। पीएचई ने जब अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं कराया तो लोकायुक्त ने खुद ही केस दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है। लोकायुक्त ने कुछ समय पहले इंदौर, धार, झाबुआ, बड़वानी, आलीराजपुर के अफसरों को नोटिस भेजे थे। डामोर भी इसमें शामिल हैं। हालांकि लोकायुक्त का नोटिस उन्हें विधायक बनने से पहले मिल चुका था। लोकायुक्त ने सभी पर केस दर्ज कर 15 दिन में जवाब मांगा है। डामोर पिछले दिनों हुये चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विक्रांत भूरिया को पराजित कर झाबुआ के विधायक चुने गये थे।
यह है मामला
पीएचई के कार्यपालन यंत्री चैतन्य रघुवंशी के खिलाफ इंदौर संभाग में फर्जी नलकूप खोद कर पैसा हड़पने का आरोप लगाया गया था। इसके दस्तावेज तत्कालीन चीफ इंजीनियर डामोर के रहते मातहतों ने तैयार किए थे। जब इसकी जांच हुई तो दस्तावेज फर्जी निकले। जितने बोरिंग कागजों पर होना बताए थे मौके पर भी उतने ही मिले थे। जांच के बाद लोकायुक्त ने कार्यपालन यंत्री रघुवंशी के खिलाफ केस निरस्त कर दिया था। बाद में लोकायुक्त ने ही फर्जी पेपर तैयार करने वाले चीफ इंजीनियर समेत कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। साथ ही विभाग को कार्रवाई करने के लिए लिखा था।
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