सीएम योगी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के कार्यालय में क्यों पहुंचे? क्या इसके पीछे कोई सियासी संकेत हैं? ऐसे तमाम सवाल उठने लगे हैं।
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Yogi reached Mini PMO-वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यलय में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बैठे नजर आए। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कार्यालय में योगी आदित्यनाथ पहुंच गए। ये बात ठीक उसी समय की है जब संघ प्रमुख मोहन भागवत वाराणसी में थे। ठीक उसी वक्त सीएम योगी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के कार्यालय में क्यों पहुंचे? क्या इसके पीछे कोई सियासी संकेत हैं? ऐसे तमाम सवाल उठने लगे हैं। आखिर क्यों सीएम योगी ने संभाला मोदी का दफ्तर।
सीएम योगी न सिर्फ उस दफ्तर में गए बल्कि उन्होंने वहां आने वाले लोगों की परेशानी सुनी और उसके निराकरण के लिए अधिकारीयों को निर्देशित भी किया।
लखनऊ और दिल्ली के बदलते सियासी समीकरण के बीच सीएम योगी जनसंपर्क कार्यालय में जाना अपने आप में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मिनी पीएमओ में सुनी शिकायतें
दरअसल, योगी आदित्यनाथ बीते दिनों काशी के दौरे पर थे। इस दौरान वो पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बने जनसंपर्क कार्यालय में पहुंच गए। इस कार्यालय को मिनी पीएमओ या मिनी प्रधानमंत्री ऑफिस भी कहा जाता है। मिनी पीएमओ इसलिए क्योंकि यहां की गई शिकायतें सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय दिल्ली तक पहुंचती हैं। अचानक से सीएम योगी आदित्यनाथ मिनी पीएमओ पहुंचे तो उनके आने के वक्त उनके स्वागत में काशी के लोग मौजूद थे। अचानक सीएम को वहां पाकर वे बड़े आश्चर्यचकित दिखे कि आखिर क्यों सीएम योगी ने संभाला मोदी का दफ्तर।
मोदी के जनसम्पर्क कार्यालय में बैठे यूपी सीएम
लोगों ने योगी आदित्यनाथ को हाथ में कागज भी थमाया। बाद में सीएम योगी सोफे पर बैठे लोगों से बात करते रहे और लोगों की बातें सुनते रहे। योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी के जनसंपर्क कार्यालय में बैठक कर आम लोगों की समस्याएं सुनी। जनता दरबार लगाया। लोगों ने अपनी शिकायतों का दस्तावेज मुख्यमंत्री को सौंपा। जिस पर योगी ने उन्हें सुलझाने का भरोसा दिया। अब तक योगी आदित्यनाथ लखनऊ और गोरखपुर में जनता दरबार लगाते रहे हैं। लेकिन पहली बार योगी आदित्यनाथ ने काशी में जनता दरबार लगाया और वो भी पीएम मोदी के जनसंपर्क कार्यालय में।
अधिकारीयों को निर्देशित किया
जनसंपर्क कार्यलय में सीएम योगी 15 मिनट तक रहे और करीब 10 लोगों की जनसुनवाई की और उनका प्रार्थना पत्र अपने साथ ले गए। सीएम के साथ राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रविंद्र जायसवाल सहित कई जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। ज्यादातर फरियाद स्वास्थ्य संबंधी थी। फरियादियों की समस्यायों के निराकरण के लिए सीएम योगी ने आवश्यक निर्देश भी दिए। लखनऊ और दिल्ली के बदलते सियासी समीकरण के बीच सीएम योगी जनसंपर्क कार्यालय में जाना अपने आप में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
वहीं 3 अप्रैल को ही संघ प्रमुख मोहन भागवत वाराणसी के पांच दिवसीय प्रवास पर पहुंचे। इस दौरान वह अलग-अलग वर्ग के प्रचारकों से मुलाकात कर रहे हैं और वाराणसी मंडल के साथ विभिन्न जनपद में संघ के विस्तार को लेकर महत्वपूर्ण बैठक भी कर रहे हैं। इसी बीच 4 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री और राज्यसभा सांसद अरुण सिंह भी वाराणसी पहुंचे। वैसे इन तीनों प्रमुख नेताओं के वाराणसी में मुलाकात करने की कोई भी तस्वीर सामने नहीं आई है। लेकिन चर्चाओं के दौर में इन प्रमुख नेताओं के वाराणसी आगमन को लेकर अनेक अटकलें लगाए जा रहे हैं।
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