मोहन सरकार को घेरने वाले चिंतामणि बोले..नोटिस का पता नहीं पर मैंने जो कहा सही कहा

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Show cause notice to Chintamani Malviya-भोपाल।आलोट से भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय ने सिंहस्थ की जमीन को लेकर अपनी ही सरकार के सामने सामने कई प्रश्न रखे थे। वे सिंहस्थ के लिए किसानों की भूमि अधिग्रहण नीति को लेकर असंतुष्ट थे। उन्होंने जो सवाल किये उसके जवाब में बीजेपी ने चिंतामणि को शोकॉस नोटिस भेज दिया है। लेकिन चिंतामणि ने बताया कि “अभी उनको नोटिस नहीं मिला है, यदि मिलता है तो इसका जवाब वह पार्टी स्तर पर देंगे। ” उन्होंने कहा- मैंने जो भी कहा है सही कहा है। माफ़ी मांगना मेरा स्वाभाव नहीं है।
आरोप है कि विधायक चिंतामणि के लगातार बयानबाजी की वजह से पार्टी और मध्य प्रदेश की मोहन यादव की सरकार की छवि पर असर पड़ रहा है। बीजेपी ने सात दिनों में चिंतामणि से जवाब मांगा है। कांग्रेस को सपोर्ट पर चिंतामणि ने कहा मैं बीजेपी का कर्मठ कार्यकर्ता हूं बीजेपी में ही रहूंगा।

ये है पूरा मामला

कुछ दिन पहले विधानसभा में अपनी ही सरकार के खिलाफ उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में जमीनों के स्थायी अधिग्रहण को लेकर चिंतामणि ने सवाल खड़े किए थे. मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार पर सवाल उठाने को लेकर बीजेपी खुद की ही पार्टी के विधायक चिंतामणि से नाराज नजर आ रही थी। अब बीजेपी ने शोकॉज नोटिस भी जारी कर दिया है।

बीजेपी विधायक ने दिया था ये बयान

विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधायक मालवीय ने उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में स्थाई निर्माण और किसानों की भूमि के स्थाई अधिग्रहण का मुद्दा उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलोनाइजरों और भू-माफियाओं की साजिश के चलते किसानों को जबरन उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ मेले के लिए परंपरागत रूप से सिर्फ कुछ महीनों के लिए भूमि अधिग्रहण किया जाता था, लेकिन अब स्थायी रूप से अधिग्रहण किया जा रहा है। जिससे किसान भयभीत हैं.

सिंहस्थ भूमि का लेकर ये कहा

चिंतामणि मालवीय ने कहा था-“पहले सिंहस्थ के लिए किसानों से अस्थाई तौर पर 3 से 6 महीने के लिए जमीन अधिग्रहित की जाती थी. लेकिन अब उन्हें स्थाई अधिग्रहण का नोटिस दिया गया है। विधायक ने कहा कि पता नहीं किस अधिकारी ने यह विचार रखा कि यहां आध्यात्मिक नगरी बनाई जाएगी। मेरे हिसाब से आध्यात्मिकता किसी शहर में नहीं रहती, यह त्याग करने वाले संतों और तपस्वियों में बसती है। कॉन्क्रीट के भवन बनाकर स्पिरिचुअल सिटी नहीं बनाई जा सकती। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर सिंहस्थ भूमि का गलत तरीके से उपयोग किया गया, तो इससे हिंदू परंपरा को नुकसान हो सकता है।
उन्होंने कहा था कि हम “सिंहस्थ की जमीन का इस तरह इस्तेमाल नहीं कर सकते। कहीं ऐसा ना हो कि हम सिंहस्थ की जमीन हमेशा के लिए खो दें। ”

‘कफन में जेब नहीं होती’

बता दें कि किसानों की जमीन के स्थाई अधिग्रहण को लेकर चिंतामणि मालवीय ने कहा था कि “कफन में जेब नहीं होती। ” उनके इस बयान को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पार्टी संगठन नाराज है। इसके साथ ही सदन में मालवीय ने कहा था कि “हम तो पानी के बुलबुले हैं लेकिन सिंहस्थ तो हजारों वर्षों तक चलेगा। जब तक इस देश में हिंदू हैं या किसी भी देश में हिंदू हैं यह सिंहस्थ तब तक चलता रहेगा। “

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