Carbide Gun Banned

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MP में कार्बाइड गन पूरी तरह बैन: सीएम ने खरीदी-बिक्री पर लगाई रोक, गाइडलाइन भी की गई जारी

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Carbide Gun Banned: मध्य प्रदेश में अब तक खेल-खिलौने के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली कार्बाइड गन को राज्य सरकार ने पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मुख्य सचिव अनुराग जैन और डीजीपी कैलाश मकवाना की उच्च स्तरीय बैठक के बाद देर रात गाइडलाइन जारी की गई।

जिसमें स्पष्ट किया गया है कि अब कार्बाइड गन को घातक हथियार माना जाएगा। इसके निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर तत्काल रोक लगाई गई है।

इससे पहले शुक्रवार रात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हमीदिया अस्पताल जाकर बच्चों और अभिभावकों का हाल जाना।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि घायलों के इलाज पर कोई कमी नहीं रहे। सीएम ने स्वेच्छानुदान से इलाज पर खर्च की भरपाई करने की भी घोषणा की।

बच्चों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम

हाल ही में दिवाली के मौके पर कार्बाइड गन के कारण प्रदेश में अब तक लगभग 300 लोगों की आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। इनमें से लगभग 150 लोगों की रोशनी स्थायी रूप से चली गई है।

भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती बच्चों और अभिभावकों से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यंत्र नागरिक सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है और इसके खिलाफ जीरो टालरेंस नीति अपनाई जाएगी।

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि घायल बच्चों और नागरिकों का इलाज सर्वोत्तम गुणवत्ता की सुविधाओं के साथ किया जाए।

जरूरत पड़ने पर एयर एम्बुलेंस सेवा के जरिए मरीजों को अन्य शहरों के अस्पतालों में भेजा जा सकता है। घायलों की स्थिति की 100 प्रतिशत मॉनिटरिंग की जाएगी।

कानूनी स्थिति और दंडात्मक प्रावधान

पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी परिपत्र में कार्बाइड गन के वैज्ञानिक स्वरूप, कानूनी स्थिति और दंडात्मक प्रावधान तय किए गए हैं।

यह उपकरण विस्फोटक अधिनियम 1884 की धारा 4(घ), 5, 6(क)(III) और शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा 2(ख)(III), 2(ग), 9(ख) के तहत दंडनीय अपराध है।

इसके अलावा बीएनएसएस की धारा 163 के तहत कार्बाइड गन के निर्माण, विक्रय, स्वामित्व और उपयोग पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया गया है।

अपराध साबित होने पर तीन से सात साल तक की सजा हो सकती है।

अवैध कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने संभागीय कमिश्नरों, कलेक्टरों और एसपी को निर्देश दिए हैं कि थाना स्तर पर छापामार कार्रवाई की जाए।

गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि मंगवाने, बनाने और बेचने वालों पर गैर-जमानती धाराओं में FIR दर्ज की जाएगी।

कुछ प्रमुख निर्देश इस प्रकार हैं:

  • कार्बाइड गन और संबंधित केमिकल को प्रदेश से हटाने के लिए अभियान चलाएं।
  • स्टॉक को सीज किया जाए और किसी भी नए मामले को रोकने के लिए कार्रवाई तेज की जाए।
  • ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिकने वाले गन के खिलाफ साइबर अपराध दर्ज किया जाए।
  • प्रभावित बच्चों की सतत निगरानी और इलाज सुनिश्चित किया जाए।

भोपाल में अब तक 6 केस, विदिशा में 8 केस और ग्वालियर में 1 केस दर्ज हो चुका है।

ICMR ने दो साल पहले चेतावनी दी थी

हादसों के बीच यह भी सामने आया कि 2023 में ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने पहले ही चेतावनी जारी की थी।

रिसर्च के अनुसार कैल्शियम कार्बाइड और पानी के रासायनिक प्रतिक्रिया से बनने वाली एसिटिलीन गैस केवल धमाका ही नहीं करती, बल्कि आंखों की रोशनी तक छीन सकती है।

इसके बावजूद समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, जिससे दिवाली पर बड़ी संख्या में बच्चों की आंखों पर असर पड़ा।

कैसे नुकसान पहुंचाती है कार्बाइड गन?

ICMR और नेत्र विशेषज्ञों के अनुसार, कार्बाइड गन में मौजूद CaC₂ पानी के संपर्क में आते ही C₂H₂ गैस उत्पन्न करती है।

यह गैस अत्यंत ज्वलनशील होती है और आग लगने पर सूक्ष्म विस्फोट (micro-explosion) करती है।

यह विस्फोट सीधे आंखों, चेहरे और त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। नेत्र रोग विशेषज्ञों ने बताया कि कई मामलों में आंखों की परतें झुलस गई हैं।

कॉर्नियल परफोरेशन हुई है और कुछ बच्चों की विजुअल एक्विटी 6/60 तक गिर गई, यानी उन्हें केवल छाया ही दिखाई देती है।

गंभीर मामलों में कॉर्निया ट्रांसप्लांट ही अंतिम उपाय होता है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में कॉर्निया उपलब्ध कराना चुनौतीपूर्ण है।

प्रशासन की पहल और स्थानीय गिरफ्तारी

  • भोपाल: बागसेवनिया पुलिस ने सड़क किनारे कार्बाइड गन बेचते भय्यू चौहान को गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से 42 गन, 29 लाइटर और 1.5 किलो कैल्शियम जब्त हुआ।
  • ग्वालियर: कार्बाइड गन बेचते शाहिद अली को गिरफ्तार किया गया। जिले में अब तक 36 केस सामने आए हैं।
  • इंदौर: कलेक्टर शिवम वर्मा ने जिले में निर्माण, भंडारण, क्रय-विक्रय, प्रदर्शन और संचालन पर धारा 163 के तहत रोक लगाई। उल्लंघन पर न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत कार्रवाई होगी।

सस्ती देसी गन बनी खतरनाक ट्रेंड

बाजार में केवल 100-200 रुपए में मिलने वाली यह गन अब खतरनाक ट्रेंड बन चुकी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल पटाखे का विकल्प नहीं, बल्कि आंखों और चेहरे के लिए गंभीर खतरा है।

ऑल इंडिया ऑप्थेलमोलॉजिकल सोसाइटी ने भी एडवाइजरी जारी कर देशभर के नेत्र विशेषज्ञों से प्रभावित मरीजों की जानकारी मांगी है।

सबसे ज्यादा मामले भोपाल में सामने आए हैं, जबकि पटना, पुणे और चंडीगढ़ समेत अन्य शहरों से भी मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे हैं।

बहरहाल, मध्य प्रदेश सरकार ने कार्बाइड गन को खिलौने से खतरनाक हथियार में बदलते देखते हुए तत्काल बैन कर दिया है।

इसके साथ ही निर्माण, भंडारण और बिक्री पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने कहा कि कोई भी नया मामला नहीं आने दिया जाएगा और बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि रहेगी।

 

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