BL Santosh Meeting

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बीएल संतोष के भोपाल दौरे के बाद सूबे की सियासत तेज, नरोत्तम मिश्रा-रीति पाठक से की वन टू वन चर्चा

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BL Santosh Meeting: मध्य प्रदेश की राजनीति में उस समय हलचल तेज हो गई जब भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष दो दिवसीय दौरे पर भोपाल पहुंचे।

इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, संगठन महामंत्री हितानंद और प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह सहित पार्टी संगठन और सरकार से जुड़े कई नेताओं से बंद कमरे में मुलाकात कर फीडबैक लिया।

वहीं, उनके दौरे के बीच उज्जैन-जावरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट से नाराज किसान भी भाजपा कार्यालय पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी कर दी।

नरोत्तम मिश्रा-रीति पाठक से अलग बैठक

बीएल संतोष ने सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में एक के बाद एक नेताओं से मुलाकात की।

इनमें सबसे अहम चर्चा पूर्व गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और सीधी की विधायक रीति पाठक के साथ हुई।

सूत्र बताते हैं कि नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात को विशेष महत्व दिया जा रहा है।

लंबे समय से चर्चा चल रही है कि मिश्रा को पार्टी में कोई नई जिम्मेदारी दी जा सकती है।

दरअसल, प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में उनका नाम सबसे आगे था, लेकिन यह जिम्मेदारी हेमंत खंडेलवाल को सौंपी गई।

अब बीएल संतोष से वन टू वन चर्चा के बाद सियासी अटकलें फिर से तेज हो गई हैं।

चिंतामणि मालवीय को समय नहीं मिला

आलोट विधायक डॉ. चिंतामणि मालवीय भी प्रदेश कार्यालय पहुंचे थे।

वे उज्जैन क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों की समस्याएं सामने रखना चाहते थे।

लेकिन करीब 40 मिनट तक इंतजार के बावजूद उन्हें बीएल संतोष से मिलने का समय नहीं मिल सका। आखिरकार उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा।

मालवीय पहले भी सदन और मंचों से पार्टी लाइन से हटकर किसानों की आवाज उठाते रहे हैं।

इस बार भी उन्होंने किसानों के दस्तावेज साथ लाए थे, लेकिन मुलाकात न हो पाने से उनका असंतोष झलकता नजर आया।

किसानों का विरोध, कार्यालय में लगे नारे

बीएल संतोष की बैठकों के बीच उज्जैन से करीब 50 किसान भी भोपाल में भाजपा कार्यालय पहुंचे।

वे उज्जैन-जावरा ग्रीनफील्ड हाईवे प्रोजेक्ट के खिलाफ अपनी समस्याएं बताने आए थे।

किसानों का कहना है कि वे सड़क निर्माण के विरोधी नहीं हैं, लेकिन इसके डिजाइन और मुआवजे की नीति से गंभीर रूप से नाराज हैं।

किसान जितेंद्र पाटीदार ने कहा कि यह एक्सप्रेसवे 16 फीट ऊंचाई पर बनाया जा रहा है, जिससे खेतों की प्राकृतिक संरचना और आजीविका पर असर पड़ेगा।

हमारी मांग है कि इसे जमीन के समतल स्तर पर बनाया जाए।

वहीं, किसान मुकेश धानक ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से 62 गांवों के किसान प्रभावित हो रहे हैं, लेकिन उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा।

बीएल संतोष से किसानों की मुलाकात नहीं हो सकी, जिसके बाद उन्होंने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल से मुलाकात की।

इसके बावजूद जब ठोस आश्वासन नहीं मिला, तो किसानों ने कार्यालय के हॉल में ही एमपीआरडीसी मुर्दाबाद” और किसान एकता जिंदाबाद” के नारे लगाए।

इस पर प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने आपत्ति जताई और कहा कि पार्टी कार्यालय में नारेबाजी उचित नहीं है। उन्होंने किसानों को संयम बरतने की सलाह दी।

सीएम हाउस में बैठक, संघ का फीडबैक

बीएल संतोष ने अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री निवास पर भी बैठक की।

इसमें सीएम मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, संगठन महामंत्री हितानंद और प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह शामिल हुए।

यहां संगठनात्मक नियुक्तियों और निगम-मंडलों में जिम्मेदारियों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।

सूत्र बताते हैं कि बीएल संतोष ने साफ निर्देश दिए हैं कि सितंबर माह के अंत तक प्रदेश कार्यकारिणी और सभी जिलों की कार्यकारिणियां घोषित कर दी जाएं।

उन्होंने यह भी कहा कि नियुक्तियों की जानकारी उन्हें दिल्ली में भी दी जाए।

बीएल संतोष ने न सिर्फ पार्टी नेताओं बल्कि आरएसएस और किसान संघ के पदाधिकारियों से भी चर्चा की।

बताया जा रहा है कि उन्होंने उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण और एक्सप्रेसवे से जुड़ी शिकायतों पर भी जानकारी जुटाई।

माना जा रहा है कि उनके फीडबैक के आधार पर आने वाले समय में प्रदेश भाजपा में कुछ बड़े संगठनात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

कार्यकारिणी गठन और सेवा पखवाड़ा की तैयारी

17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से गांधी जयंती तक सेवा पखवाड़ा मनाने का निर्णय लिया गया है।

इसके लिए बीएल संतोष ने प्रदेश टोली की बैठक बुलाई और सभी बूथ व मंडलों में कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि सेवा कार्यों के माध्यम से भाजपा की छवि जनता के बीच और मजबूत होनी चाहिए।

वहीं, प्रदेश भाजपा ने चार जिलों की कार्यकारिणियां घोषित कर दी हैं।

इनमें मऊगंज जिले के उपाध्यक्ष बनाए गए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के बेटे राहुल गौतम ने पद लेने से इनकार कर दिया।

उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा कि संगठन में हजारों कार्यकर्ता समर्पण भाव से काम करते हैं।

पदों की संख्या सीमित है, इसलिए अन्य कार्यकर्ताओं को भी अवसर मिलना चाहिए।

बहरहाल, बीएल संतोष का यह दौरा कई संकेत छोड़ गया है।

एक ओर उन्होंने नरोत्तम मिश्रा जैसे वरिष्ठ नेताओं से वन टू वन चर्चा कर नई जिम्मेदारियों की अटकलों को हवा दी।

दूसरी ओर, संगठनात्मक नियुक्तियों पर उनके निर्देश साफ करते हैं कि सितंबर का महीना मध्य प्रदेश भाजपा के लिए बेहद अहम रहने वाला है।

 

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