Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां अब अंतिम चरण में पहुंच गई हैं।
शनिवार को भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में राज्य की सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों की बैठक हुई।
पटना के होटल ताज में करीब तीन घंटे चली इस बैठक में सभी दलों ने अपने-अपने सुझाव और मांगें रखीं।
इस बैठक में जहां भाजपा, राजद और लोक जनशक्ति (रामविलास) ने दो चरणों में चुनाव कराने की मांग की।
वहीं जेडीयू और कांग्रेस ने एक चरण में मतदान कराने का समर्थन किया। आयोग ने सभी दलों के सुझावों को गंभीरता से लेने का भरोसा दिया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधु एवं चुनाव आयुक्त डॉ. विवेक जोशी के साथ बिहार के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ चर्चा संपन्न हुई।
चुनाव आयोग और राजनीतिक दलों के बीच हुए संवाद का सारांश निम्नवत है (in image👇) pic.twitter.com/Sv7hMbxZTd
— Election Commission of India (@ECISVEEP) October 4, 2025
बीजेपी की दो फेज में चुनाव की मांग
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आयोग से कहा कि बिहार में दो चरणों में मतदान कराया जाए।
उनका कहना था कि ज्यादा फेज होने से मतदाताओं को असुविधा होती है और उम्मीदवारों पर खर्च का बोझ बढ़ता है।
भाजपा ने मांग रखी कि चुनाव की घोषणा के 28 दिन बाद वोटिंग होनी चाहिए ताकि तैयारी पूरी की जा सके।
पार्टी ने आयोग से कहा कि अति पिछड़ा वर्ग के गांवों और संवेदनशील इलाकों में पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की जाए।
भाजपा विधायक दिलीप जायसवाल ने सुझाव दिया कि नदी, तालाब और दियारा इलाकों में घुड़सवार पेट्रोलिंग की व्यवस्था की जाए, क्योंकि इन क्षेत्रों में बूथ लूट की संभावना अधिक रहती है।
बुर्का पहनकर वोट देने वाली महिलाओं की पहचान महिला अधिकारियों द्वारा फोटो मिलान से की जाए, ताकि फर्जी मतदान की संभावना खत्म हो सके। इस बयान पर विपक्ष ने कड़ा विरोध जताया।
बुर्का जांच जरूरी नहीं, चुनाव 2 चरणों में हो
भाजपा के बयान पर राजद ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
पार्टी सांसद अभय कुशवाहा ने कहा, यह महिलाओं की निजता से जुड़ा मामला है।
जब SIR प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, तो अब इस तरह की जांच की कोई जरूरत नहीं है।
हालांकि राजद ने भी दो चरणों में चुनाव कराने की मांग रखी।
पार्टी ने कहा कि मतदाता सूची से जिन लोगों के नाम हटाए गए हैं, उनकी अलग सूची जारी की जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
साथ ही दलित और कमजोर वर्गों के टोलों में सुरक्षा व्यवस्था सख्त रखने की बात भी कही गई।
JDU बोली- एक चरण में हो वोटिंग
जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा और कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने आयोग से कहा कि बिहार में अब नक्सलवाद या लॉ-एंड-ऑर्डर की समस्या नहीं है, इसलिए चुनाव एक ही चरण में कराया जाए।
उन्होंने सुझाव दिया कि छठ पर्व के तुरंत बाद चुनाव आयोजित किया जाए ताकि प्रवासी मतदाता जो त्योहार के दौरान घर लौटते हैं, वे अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें।
जेडीयू नेताओं ने कहा कि हमने आयोग से यह भी कहा है कि सभी बूथों पर पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की जाए और वेबकास्टिंग व्यवस्था मजबूत की जाए।
वहीं, कांग्रेस की पांच सदस्यीय टीम ने भी बैठक में हिस्सा लिया। पार्टी नेताओं ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी राजनीतिक दलों के सुझावों को सुना और भरोसा दिलाया कि आयोग इन्हें गंभीरता से विचार करेगा।
वोटर लिस्ट से नाम कटने पर सवाल
भाकपा (माले) के नेता कुमार परवेज़ ने आयोग से कहा कि 3 लाख 66 हजार नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं, जिनका कारण सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट लिस्ट में जिनका नाम गलत तरीके से कटा था, उनमें से कितने लोगों का नाम वापस जुड़ा है, यह आंकड़ा भी जारी होना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं की संख्या में गिरावट को लेकर स्पष्ट रिपोर्ट जारी की जाए, क्योंकि जनगणना और SIR के आंकड़ों में अंतर दिखाई दे रहा है।
लोक जनशक्ति रामविलास के नेता कैफ़ी आलम ने आयोग से कहा कि बिहार में चुनाव दो चरणों में कराए जाएं।
उन्होंने सुझाव दिया कि एक बूथ पर मतदाताओं की संख्या 1200 से घटाकर 800 की जाए।
पार्टी ने बुजुर्ग और दिव्यांग वोटर्स को बूथ तक पहुंचाने की व्यवस्था करने और सभी बूथों पर पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात करने की मांग की।
4-5 अक्टूबर को सुरक्षा-प्रशासनिक समीक्षा
चुनाव आयोग की उच्च स्तरीय टीम 4 और 5 अक्टूबर को बिहार के विभिन्न जिलों में सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा करेगी।
इस दौरान टीम मुख्य सचिव, डीजीपी, केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों, जिलों के डीएम और एसपी से अलग-अलग बैठकें करेगी।
इन बैठकों में संवेदनशील बूथों की पहचान, पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती और मतदाता सुविधा केंद्रों की तैयारियों पर विशेष चर्चा होगी।
समीक्षा बैठकों के बाद आयोग की टीम दिल्ली लौटेगी, जहां से मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार कभी भी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का औपचारिक ऐलान कर सकते हैं।
घोषणा होते ही राज्य में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो जाएगी।
सभी राजनीतिक दलों ने अपने प्रचार अभियान और उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में पहुंचा दी है।
बहरहाल, बिहार की सियासत इस वक्त पूरी तरह चुनावी मोड में है।
जहां बीजेपी, आरजेडी और एलजेपी दो चरणों में चुनाव चाहती हैं, वहीं जेडीयू और कांग्रेस एक फेज में मतदान के पक्ष में हैं।
अब सभी की निगाहें चुनाव आयोग पर टिकी हैं, जो कभी भी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का एलान कर सकता है।
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