व्यापमं मामले में डॉ. सुधीर शर्मा के खिलाफ दर्ज चारों FIR और चार्जशीट क्वैश

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Vyapam scam-मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने व्यापमंं मामले को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। मप्र हाईकोर्ट ने डॉ. सुधीर शर्मा के खिलाफ व्यापमंं (Vyapam) मामलों में दर्ज चारों FIR (एफआईआर) और चार्जशीट को क्वैश करने का बड़ा फैसला दिया। डॉ. शर्मा क्रिस्प के पूर्व चेयरमैन और संघ व विद्यार्थी परिषद जैसे संगठनों में विभिन्न शिक्षा संबंधी दायित्व निभा चुके हैं।

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जबलपुर पीठ ने व्यापमं मामले में डॉ. सुधीर शर्मा के खिलाफ दर्ज 4 एफआईआर और चार्जशीट को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की बेंच ने यह फैसला सुनाया

इस मामले में डॉ. सुधीर शर्मा की तरफ से एडवोकेट कपिल शर्मा ने पैरवी की, जिनकी दलीलों को कोर्ट ने मंजूर किया।

व्यापमंं घोटाले से एमपी में मचा था बवाल

यह फैसला डॉ. सुधीर शर्मा के लिए राहत की खबर माना जा रहा है। व्यापमंं मामले ने मध्य प्रदेश में काफी राजनीतिक और सामाजिक हलचल मचाई थी, जिसमें कई अधिकारियों और शिक्षाविदों पर घोटाले के आरोप लगे थे। ऐसे में उच्च न्यायालय का यह निर्णय चर्चा का विषय बना हुआ है।

क्वैशिंग का मतलब

किसी आपराधिक मामले को अदालत द्वारा ट्रायल या अंतिम फैसला सुनाए जाने से पहले ही समाप्त कर देना।

जब किसी व्यक्ति के खिलाफ पुलिस या किसी अन्य द्वारा अदालत में आपराधिक मामला दर्ज कराया जाता है, तो उस शिकायतकर्ता को यह सिद्ध करना होता है कि आरोपी ने वास्तव में अपराध किया है।

वहीं, आरोपी को भी ट्रायल कोर्ट में खुद को निर्दोष साबित करने का अवसर दिया जाता है। लेकिन यदि अदालत को लगता है कि मामला प्रथम दृष्टया झूठा, दुर्भावनापूर्ण या कानूनन टिकाऊ नहीं है, तो वह उस केस को ट्रायल से पहले ही खत्म कर सकती है – इसी प्रक्रिया को क्वैशिंग कहा जाता है।

 

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