Agni Prime Missile

Agni Prime Missile

थर-थर कांपेगा पाकिस्तान! भारत ने ट्रेन से दागी अग्नि-प्राइम मिसाइल, ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश

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Agni Prime Missile: भारत ने बुधवार देर रात एक ऐतिहासिक सफलता हासिल की।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने पहली बार रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर सिस्टम से मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया।

यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से किया गया। खास बात यह है कि इस मिसाइल को ट्रेन पर बने विशेष कैनिस्टराइज्ड लॉन्चिंग सिस्टम से दागा गया।

अब भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिनके पास रेल नेटवर्क से मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता मौजूद है।

इससे पहले रूस, चीन और उत्तर कोरिया इस तकनीक का प्रदर्शन कर चुके हैं। अमेरिका का नाम भी संभावित सूची में आता है, लेकिन उसने कभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी जानकारी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया X पर लिखा- भारत ने रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर प्रणाली से मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया है।

यह अगली पीढ़ी की मिसाइल लगभग 2000 किलोमीटर तक की दूरी तक मार करने में सक्षम है और इसमें कई उन्नत विशेषताएं शामिल हैं।

पहली बार इस प्रकार का परीक्षण विशेष रूप से तैयार किए गए रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से किया गया है।

राजनाथ सिंह ने DRDO, स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC) और भारतीय सशस्त्र बलों को बधाई दी।

साथ ही कहा कि इस सफलता ने भारत को उस एक्सक्लूसिव क्लब में शामिल कर दिया है, जिसके पास रेल से मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता है।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह सिस्टम किसी भी रेल नेटवर्क पर काम करने के लिए डिजाइन किया गया है और रात के अंधेरे या धुंध भरे हालात में भी तुरंत मिसाइल दाग सकता है।

क्या है कैनिस्टराइज्ड लॉन्चिंग सिस्टम?

कैनिस्टराइज्ड लॉन्च सिस्टम आधुनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी का अहम हिस्सा है।

इसमें मिसाइल को एक मजबूत धातु के कैनिस्टर में पैक करके रखा जाता है।

यह कंटेनर मिसाइल को नमी, धूल और मौसम जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों से सुरक्षित रखता है।

इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि मिसाइल को बिना लंबी तैयारी के सीधा लॉन्च किया जा सकता है।

कैनिस्टर को ट्रक, रेल या किसी भी मोबाइल लॉन्चर पर रखा जा सकता है और इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है।

दुश्मन के लिए यह पहचानना मुश्किल होता है कि कौन सा कैनिस्टर मिसाइल से भरा है और कौन नहीं।

साथ ही, पैक रहने के कारण बार-बार मेंटेनेन्स की भी आवश्यकता नहीं पड़ती।

यही कारण है कि यह तकनीक रणनीतिक दृष्टि से बेहद कारगर मानी जाती है।

अग्नि-प्राइम मिसाइल की खासियतें

अग्नि-प्राइम, अग्नि सीरीज की आधुनिक और हल्की मिसाइल है।

इसकी रेंज 2000 किलोमीटर तक है और यह पारंपरिक हथियारों के साथ-साथ परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है।

इस मिसाइल में दो-स्टेज सॉलिड फ्यूल प्रोपल्शन सिस्टम है और यह इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स से लैस गाइडेंस सिस्टम के जरिए बेहद सटीकता से निशाना साध सकती है।

अग्नि-प्राइम को 4000 किमी रेंज वाली अग्नि-4 और 5000 किमी रेंज वाली अग्नि-5 की टेक्नोलॉजी के आधार पर विकसित किया गया है।

जून 2021 में इसका पहला परीक्षण किया गया था। हल्के वजन और मोबाइल लॉन्चर से दागे जाने की क्षमता इसे और भी प्रभावी बनाती है।

भारत ने पहली बार 1989 में अग्नि मिसाइल का परीक्षण किया था, जिसकी रेंज 700 से 900 किलोमीटर तक थी।

2004 में इसे सेना में शामिल किया गया। इसके बाद भारत अग्नि सीरीज की पांच अलग-अलग मिसाइलें लॉन्च कर चुका है।

अब अग्नि-प्राइम ने इस सीरीज को और भी आधुनिक बना दिया है।

रेल आधारित लॉन्चर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे देश के किसी भी कोने तक ले जाया जा सकता है जहां रेल नेटवर्क मौजूद है।

इस वजह से दुश्मन को मिसाइल की सटीक लोकेशन का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि इस सिस्टम से भारत की सामरिक ताकत और भी बढ़ गई है।

रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यह तकनीक पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए चिंता का सबब बनेगी।

खासकर इसलिए कि अब भारत बेहद कम समय में सीमावर्ती इलाकों तक मिसाइल पहुंचाकर लॉन्च कर सकता है।

भारत के अन्य मिसाइल परीक्षण

साल 2025 भारत के लिए मिसाइल तकनीक के लिहाज से बेहद खास रहा है।

इस साल DRDO कई बड़े परीक्षण कर चुका है—

  • VSHORADS (वैरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम): 1 फरवरी को ओडिशा से तीन परीक्षण। यह हाई स्पीड UAVs को मार गिराने में सक्षम है।
  • MRSAM (मीडियम रेंज सरफेस-टु-एयर मिसाइल): 3–4 अप्रैल को चार सफल परीक्षण।
  • अस्त्र BVRAAM: 11 जुलाई को सुखोई-30MKI से एयर-टु-एयर लॉन्च।
  • ET-LDHCM (हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल): 14–16 जुलाई के बीच Mach 8 की स्पीड से 1500 किमी तक की क्षमता का प्रदर्शन।

जुलाई 2025 में भारत ने ड्रोन से भी मिसाइल लॉन्चिंग की तकनीक आजमाई थी। कुरनूल के नेशनल ओपन एरिया टेस्टिंग रेंज में ULPGM-V3 मिसाइल को ड्रोन से दागा गया।

यह मिसाइल दिन-रात और किसी भी मौसम में सटीकता से दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम है। भारत का यह परीक्षण रक्षा क्षमताओं को नई दिशा देता है।

रेल आधारित कैनिस्टराइज्ड लॉन्च सिस्टम न केवल मिसाइल की मोबिलिटी और सर्वाइवलिटी बढ़ाता है बल्कि दुश्मन के लिए चुनौती भी खड़ी करता है।

 

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