ईरान के बाद इजराइल से भी निकाले जा रहे भारतीय, 160 लोगों का पहला बैच जॉर्डन पहुंचा

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Operation Sindhu: ईरान के बाद भारत सरकार इज़राइल से भी भारतियों को निकलने के हर संभव प्रयास कर रही है।

ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते संघर्ष और इजरायली हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण वाणिज्यिक उड़ानें पूरी तरह निलंबित हैं।

ईरान के बाद इजराइल से भी निकाले जा रहे भारतीय, 160 लोगों का पहला बैच जॉर्डन पहुंचा।

इजरायल और जॉर्डन में भारतीय मिशनों ने ऑपरेशन सिंधु के तहत पहले बैच को सफलतापूर्वक निकाला है।

रविवार को दूतावासों के संयुक्त प्रयास से 160 भारतीय नागरिकों को इजरायल से जॉर्डन पहुंचाया गया।

निकाले गए लोगों का समूह शेख हुसैन ब्रिज के ज़रिए जॉर्डन में सुरक्षित रूप से प्रवेश कर गया।

यह तेल अवीव से लगभग 120 किलोमीटर दूर है। इमिग्रेशन और सीमा संबंधी औपचारिकताओं के बाद, समूह को सीमा से 120 किलोमीटर दूर अम्मान हवाई अड्डे पर ले जाया गया।

यहाँ सोमवार सुबह रवाना होने वाले विशेष निकासी विमानों के ज़रिए उनके भारत लौटने की व्यवस्था की गई।

तेल अवीव में भारतीय दूतावास ने पहले ही चौबीसों घंटे काम करने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिया था।

भारतीय नागरिकों को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करने का निर्देश दिया था।

निकासी की प्राथमिकताएँ चिकित्सा आपात स्थिति, छोटे बच्चों, महिलाओं और छात्रों की उपस्थिति जैसे मानदंडों के आधार पर निर्धारित की गई थीं।

दूतावास के अधिकारियों ने यात्रा व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने के लिए पंजीकृत व्यक्तियों से फ़ोन और ईमेल के ज़रिए संपर्क किया।

अम्मान में भारतीय दूतावास ने निकाले गए लोगों के आवास और परिवहन का जिम्मा संभाला।

इजरायल और जॉर्डन दोनों सरकारों ने भारतीय नागरिकों के सुचारू और सुरक्षित पारगमन को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की।

विदेश मंत्रालय (MEA) ने अम्मान से दिल्ली के लिए विशेष उड़ानों की भी व्यवस्था की।

दक्षिणी इजरायल में रहने वाले भारतीयों को समायोजित करने के लिए मिस्र से अतिरिक्त उड़ानों की योजना बनाई जा रही है।

ऑपरेशन सिंधु अपने प्रवासी समुदाय की सुरक्षा और भलाई के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इजरायल में 40,000 से अधिक भारतीय रहते हैं, इसलिए सरकार स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रही है।

सायरन की आवाज और खतरे का संकेत

इजरायल और ईरान में छिड़ी जंग के बीच जो भारतीय इजरायल में रह रहे थे उन्हें खतरे का सामना करना पड़ रहा था।

भारतीयों को ईरान की मिसाइलों और ड्रोन हमलों से खुद को बचाने के लिए बंकरों या फिर सुरक्षित कमरों में शरण लेनी पड़ रही थी।

सायरन की आवाज भारतीय नागरिकों को अलर्ट कर रही थी।

आपातकालीन स्थिति में छोटे बच्चों, महिलाओं और छात्रों की उपस्थिति के आधार पर इन सभी को निकासी में प्राथमिकता दी गई।

अम्मान से नई दिल्ली के लिए विशेष उड़ानों की व्यवस्था ‘

मिशन ने कहा कि इजरायल और जॉर्डन की सरकारों ने बाहर निकलने में सहयोग किया।

विदेश मंत्रालय ने अम्मान से नई दिल्ली के लिए विशेष उड़ानों की व्यवस्था की।

इजरायल में भारतीय मिशन ने अपने नागरिकों के अपडेट के लिए 24/7 हेल्पलाइन नंबर दिया है।

भारतीय मिशन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि ऑपरेशन सिंधु जैसे अभियान विदेश में अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।

वे भारतीय नागरिक जिन्हें पहले जत्थे में निकाला गया वो सभी तेल अवीव और हाइफा में तय सभा स्थलों पर जमा हुए।

जिसके बाद उन्हें सड़क मार्ग के जरिए इजराइल-जॉर्डन सीमा पर शेख हुसैन ब्रिज ले जाया गया।

भारतीय नागरिकों का समूह अम्मान हवाई अड्डे के लिए रवाना हुआ।

 

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